अब आसानी से पता लगा सकेंगे कोई मैसेज, खबर, फोटो फेक है या असली, व्हाट्सएप ने लांच किया चेकपॉइंट

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नई दिल्ली। इस चुनावी मौसम में फेक न्यूज, फोटो और मेसेज को लेकर चिंताएं तो कई हैं लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। मंगलवार को व्हाट्सअप ने फेक न्यूज़ पर लगाम कसने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए चेकपॉइंट टिपलाइन (Checkpoint Tipline) लॉन्च किया है। इसकी मदद से यूजर्स किसी मैसेज की सच्चाई का पता लगा सकते हैं। इसके लिए 9643000888 नंबर पर फेक लगने वाली सामग्री की डिटेल भेजनी होगी। फिलहाल यह सुविधा अंग्रेजी समेत 4 भारतीय भाषाओं हिंदी, बंगाली, तेलुगु और मलयालम में उपलब्ध है।

क्यों पड़ी जरूरत: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के आम चुनाव में झूठी खबरें सभी सोशल मीडिया साइट्स और एप के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनी हुई हैं। हालांकि फेसबुक की ओर से भी बीते दिनों कई जरूरी कदम उठाए गए थे इसके बाद वॉट्सएप ने चेकपॉइंट टिपलाइन के बारे में जानकारी साझा की है।

कौन करेगा पड़ताल: फेसबुक के सहयोगी सोशल प्लेटफॉर्म वॉट्सएप ने कहा है कि भारत के एक स्किलिंग स्टार्टअप PROTO की ओर से लॉन्च यह टिपलाइन फैलाई गई अफवाहों का एक डेटाबेस तैयार करेगा। ताकि चुनाव के समय चेकपॉइंट के लिए फेक जानकारी की पड़ताल की जा सके।

क्या है चेकपॉइंट: चेकपॉइंट एक रिसर्च प्रॉजेक्ट है। इसे व्हाट्सएप्प की मदद और तकनीकी सहायता से चलाया जा रहा है।

कैसे करेंगे इस्तेमाल: भारत के व्हाट्सएप्प यूजर्स किसी तरह की अफवाह या फेक मेसेज की पड़ताल के लिए उसे चेकपॉइंट टिपलाइन (+91-9643000888) पर सबमिट कर सकते हैं। एक बार यूजर की ओर से मेसेज रिसीव होने के बाद PROTO का वेरिफिकेशन सेंटर उसकी पड़ताल करेगा। जांच के बाद यूजर को बताया जाएगा कि मैसेज में दी गई जानकारी सही है या नहीं।

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खबरों का होगा वर्गीकरण: डेटा सेंटर अपनी रिसर्च के बाद इस जानकारी को सही, गलत, भ्रामक, विवादित या आउट ऑफ स्कोप में वर्गीकृत करेगा।

फोटो, विडियो लिंक्स और टेक्स्ट की जांच: वेरिफिकेशन सेंटर में तस्वीरों और विडियो लिंक्स से लेकर टेक्स्ट तक की जांच की जा सकती है।

गौरतलब है कि फेसबुक ने भी बीते सोमवार को अलग-अलग दलों से जुड़े फेक न्यूज और भ्रामक जानकारियां फैलाने वाले सैकड़ों पेज डिलीट कर दिए हैं और उनके खिलाफ ऐक्शन लिया है। ट्विटर ने भी फेक और भड़काऊ जानकारी के खिलाफ कदम उठाने का भरोसा दिया है।

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