The TIT College Story: पुलिस के अफसरों ने एफआईआर दर्ज कराने के लिए काफी किया प्रयास, आज से राष्ट्रीय महिला आयोग का दौरा शुरु, फरार आरोपी को दबोचने के लिए ले जाते वक्त शॉर्ट एनकाउंटर में जख्मी मुख्य आरोपी हमीदिया अस्पताल में भर्ती

भोपाल। टीआईटी कॉलेज की छात्राओं से योजनाबद्ध तरीके से ज्यादती करके फिर उन्हें ब्लैकमेल करने के मामले में पुलिस ने दो अन्य महिलाओं का पता लगा लिया है। यह दोनों महिलाएं शादीशुदा है जो सामाजिक बदनामी के चलते सामने नहीं आना चाहती है। पुलिस (The TIT College Story) ने उन्हें मनाने की लगभग तीन दिनों तक पूरी कोशिश की है। हालांकि उन्होंने आरोपियों के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी भी दी है। जिसके संबंध में पुलिस जांच कर रही है। इन महिलाओं तक पुलिस फरहान के मोबाइल कॉल डिटेल के जरिए पहुंच सकी। इधर, शनिवार को राष्ट्रीय महिला आयोग का एक दल भोपाल आने वाला है। वह दो दिनों तक इस पूरे घटनाकांड को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाएगा।
ये है क्लब का पूरा मामला
पुलिस सूत्रों के अनुसार फरहान खान (Farhan Khan) ने टीआईटी कॉलेज (TIT College) में 2017 में एडमिशन लिया था। उसने कॉलेज की जूनियर छात्राओं को भी झांसा दिया। उसने अप्रैल 2022 में जहांगीराबाद (Jahangirabad) स्थित हामिद (Hamid) के कमरे में ज्यादती की थी। फरहान ने सात युवतियों से दुष्कर्म किया है। इनमें से पांच सामने आ चुकी हैं। जिन दो युवतियों से पुलिस ने पूछताछ की वह उसके संपर्क में 2022 से थी। दोनों युवतियों की पढ़ाई पूरी हो चुकी है और दोनों अब शादीशुदा हैं। एक युवती का बच्चा भी है। फरहान और उनके गिरोह के साथी सैयद अली, साहिल के मोबाइल और अन्य गेजेट्स में मिले युवतियों के साथ फोटो और वीडियो क्लब-90 (Club-90) के हैं। पुलिस क्लब के दो कमरों को बंद कराकर उनकी जांच भी अपने स्तर पर करा चुकी है। हालांकि क्लब-90 हथाईखेड़ा डैम की जमीन लीज पर लेकर चलाया जा रहा है। यह लीज मेहरबान गुर्जर (Meharban Gurjar) के नाम पर थी, लेकिन उसे अब मुकेश गुर्जर (Mukesh Gurjar) देखरेख कर रहा है। हालांकि जो जानकारी निकलकर सामने आ रही है, उसके अनुसार क्लब-90 भोपाल और आसपास के रईशजादों के ऐशगाह के रूप में ही उपयोग होता रहा है।
अबरार पर दस हजार का इनाम घोषित
कॉलेज छात्राओं से ज्यादती के मामले में फरार कोलकाता (Kolkata) निवासी अबरार (Abrar) की तलाश में गई पुलिस टीम वापस आ गई है। एक अलग टीम (The TIT College Story) फिर से गठित कर नए ठिकानों पर तलाश के लिए भेजी जा रही है। अबरार के अलावा अब तक छह आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। नबील (Nabeel) को अशोका गार्डन पुलिस ने छह मई तक के लिए रिमांड पर लिया है। वहीं सैयद अली (Saiyed Ali) की आज रिमांड समाप्त होने जा रही है। इसी मामले में तीसरे आरोपी फरहान को 02 मई की दोपहर लगभग तीन बजे प्रोडक्शन वारंट पर अशोका गार्डन थाना पुलिस ने रिमांड पर लिया था। उसको अशोका गार्डन थाना पुलिस रात 11 बजे फरार आरोपी अबरार के संबंध में पूछताछ के लिए सीहोर (Sehore) जिले के बिलकिसगंज (Bilkisganj) ले जा रहे थे। तभी रातीबड़ (Ratibarh) थाना क्षेत्र स्थित ग्राम सरवर में लघुशंका जाने के लिए उतरा। तभी फरहान ने भागने की कोशिश की तो एसआई विजय भामरे (ASI Vijay Bhamre) से पिस्टल छीनने का प्रयास किया। इस दौरान गोली चलने से उसे दाहिने पैर में चोट आई है। उसे हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) में भर्ती कराया गया है। यह बयान अशोका गार्डन थाना प्रभारी हेमंत श्रीवास्तव (TI Hemant Shrivastav) ने घटनाक्रम के बाद मीडिया को दिया है।
गिरोह के खिलाफ अब अब तक छह प्रकरण दर्ज

ज्यादती करते हुए वीडियो (Video) बनाकर ब्लैकमेल करने के इस सनसनीखेज मामले में सात आरोपी है। इसमें फरहान मुख्य आरोपी है। इसके अलावा सैयद अली, साद, साहिल अली उर्फ पन्ना(Sahil Ali @Panna) , अबरार और नाबिल है। वहीं सातवें आरोपी हामिद ने दिसंबर, 2024 में फांसी लगाकर जान दे दी है। पुलिस को सारे आरोपी मिल गए है लेकिन अबरार अभी भी फरार चल रहा है। डीसीपी प्रियंका शुक्ला (DCP Priyanka Shukla) ने बताया कि आरोपी के खिलाफ रातीबड़ थाने में प्रकरण 154ध्25 दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले फरहान पर भोपाल शहर के बागसेवनिया, अशोका गार्डन और जहांगीराबाद थाने में पांच प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। यह उसके खिलाफ रातीबड़ थाने में दर्ज छठवां मामला है।
कॉलेज प्रबंधन पर चुप्पी क्यों
इस मामले में मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद (MLA Arif Masood) ने मीडिया को बयान दिया है। उन्होंने कहा कि शहर में पब कल्चर बहुत ज्यादा हावी है। छोटी—छोटी दुकानों को बंद कराने वाली पुलिस डांस बार और पब के खिलाफ एक्शन क्यों नहीं ले पाती। इधर, कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला (Congress Leader Manoj Shukla) ने भी एडिशनल सीपी पंकज श्रीवास्तव (ADDL CP Pankaj Shrivastav) को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस इस मामले में छोटी—छोटी मछलियों को दबोच रही है। जबकि मगरमच्छों के खिलाफ पुलिस की खामोशी है। वहीं टीआईटी कॉलेज प्रबंधन में भीतर ही भीतर चल रहे इस संगठित गिरोह को लेकर उसकी भी साख संकट पर है। दरअसल, हर कोई यह जानना चाह रहा है कि कॉलेज में आखिर क्यों यह शिकायत प्रबंधन तक नहीं पहुंची।
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