मुंबई में ब्लास्ट कर 113 लोगों की जान लेने वाले की मौत, जानिए कौन था अब्दुल गनी तुर्क

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भरे बाजार में खड़ी कर दी थी आरडीएक्स से भरी जीप

मुंबई बम ब्लास्ट का दोषी अब्दुल गनी तुर्क

नागपुर।  12 मार्च 1993 में हुए मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी अब्दुल गनी तुर्क की मौत हो गई है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक बीमारी के चलते उसे नागपुर के जीएमसी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया। नागपुर सेंट्रल जेल में तुर्क उम्रकैद की सजा काट रहा था। सूत्रों का कहना है कि जेल में ही उसकी मौत हुई हैं। जिसकी वजह हृदय गति का रुकना बताई जा रही है। बम ब्लास्ट के आरोपी तुर्क को टाडा कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। अब्दुल गनी सेंचुरी बाजार में हुए धमाके का मुख्य आरोपी थी। इस धमाके में 113 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 230 लोग घायल हुए थे।

कैसे दिया था वारदात को अंजाम

अब्दुल गनी तुर्क मुंबई बम ब्लास्ट के मुख्य आरोपी इब्राहिम मुश्ताक उर्फ टाईगर मेमन का गुर्गा था। तुर्क ने 12 मार्च 1993 को आरडीएक्स से भरी कमांडर जीप माहिम स्थित मेमन के घर यानि अल-हुसैनी बिल्डिंग से सेंचुरी बाजार तक पहुंचाई थी। तुर्क ने विस्फोटक से भरी जीप को उडीपी रेस्टोरेंट के सामने पार्किंग में खड़ा कर दिया था। जिसमें हुए ब्लास्ट में 113 लोगों की अकाल मृत्यु हो गई थी। टाडा की विशेष अदालत के जज पीडी कोडे ने अब्दुल गनी को सजा सुनाते हुए कहा था कि उसके खिलाफ पेश किए सबूत पर्याप्त हैं और वो इतने पुख्ता है कि दूसरे मामलों को भी मजबूती देते हैं।

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गुनाह करके नमाज पढ़ने गया था गनी

अब्दुल गनी तुर्क ने अपने गुनाह को कबूल किया था। उसने बताया था कि आरडीएक्स से भरी जीप सेंचुरी बाजार में खड़ी करने के बाद वो नमाज पढ़ने चला गया था। कोर्ट ने उसे 14 मामलों में दोषी करार दिया था। हालांकि उसे भिंडरवाला के घर पर हुई मीटिंग में हिस्सा लेने के लिए बरी कर दिया गया था। अब्दुल गनी तुर्क नागपुर सेंट्रल जेल में सजा काट रहा था। गुरुवार को उसकी मौत हो गई।

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