Bhopal News: ‘कीमती सामान लेकर चलेंगे तो थाना आना होगा’ पीड़ित से बोली पुलिस

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Bhopal News: बिल भुगतान नहीं होने के कारण भाजपा कार्यालय के नजदीक चौराहे के कैमरे हुए बंद, पीड़ित परिवार को यह बोलकर हताश कर दिया

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कार के शीशे को सुरक्षित तरीके से काटा गया था। ताकि किसी को उसके टूटने की आवाज न आए। तस्वीर पीड़ित परिवार ने मुहैया कराई है।

भोपाल। यदि किसी भी व्यक्ति का सामान चोरी जाता है तो वह उस वक्त कई मानसिक परेशानियों से घिरा होता है। मसलन वह घर में इस विषय में क्या बताएगा। नुकसान की भरपाई वह कैसे करेगा। उसमें यदि उसको सांत्वना देने की बजाय कोसा जाए तो पीड़ित टूट जाता है। उसको चोर से ज्यादा अपने आप पर घृणा होने लगती है। इसलिए पुलिस से अपेक्षा की जाती है कि वह मानवीय संवेदनाओं को अपनाएं। यह बात हम आपसे इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एक परिवार के बीच भोपाल (Bhopal News) पुलिस का अच्छा चेहरा नहीं गया। परिवार जबलपुर का रहने वाला है। उसे लगा था कि राजधानी की पुलिस होने के चलते यहां एडवांस तकनीक से लेकर कई अन्य अच्छे संसाधनों से महकमा लैस होगा। लेकिन, पुलिस के रवैये से परिवार को निराशा हाथ लगी।

पुलिस ने यह धारा नहीं लगाई

हबीबगंज थाना पुलिस के अनुसार 20 जनवरी की शाम लगभग पांच बजे 36/22 धारा 379 (खुले स्थान से चोरी) का मामला दर्ज किया गया है। यह घटना दोपहर दो बजे हुई थी। यह प्रकरण अनिरुद्ध सिंह पिता स्वर्गीय आलोक सिंह उम्र 29 साल ने दर्ज कराया है। वह जबलपुर (Jabalpur) स्थित मदन महल थाना क्षेत्र के राइट टाउन इलाके में रहते हैं। अनिरुद्ध सिंह का होशंगाबाद (Hoshangabad) स्थि​त पि​परिया में किसानी का काम है। उनकी कार की पिछली सीट का कांच तोड़कर ट्रॉली बैग और पिट्ठू बैग चोर ले गया। ट्राली बैग में 20 हजार रुपए और पिट्ठू बैग में चेन, दो अंगूठी, इयरिंग समेत अन्य सामान ले गए हैं। हालांकि पुलिस ने इस मामले में धारा 427 नहीं लगाया है। जबकि चोर ने वारदात के लिए कार का कांच तोड़ा था। पीड़ित इंदौर (Indore) में स्थित रिश्तेदार के यहां कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पत्नी काजल सिंह (Kajal Singh) के साथ लौट रहा था।

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पुलिस को ऐसा नहीं बोलना था

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जहां वारदात हुई उसके ही नजदीक भाजपा मुख्यालय भी हैं। यहां कई बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश के कई मंत्री आते—जाते हैं। उस मार्ग पर कैमरा बंद हैं। कार के भीतर की तस्वीर।

पीड़ित परिवार सागर गैरे (Sagar Gaire Restaurant) में भोजन करके बाहर निकला था। कार पार्क करने से लेकर वापस आने के बीच महज 30 मिनट बीते थे। तभी यह वारदात हो गई। जिसकी सूचना उन्होंने डायल—100 को दी थी। परिवार जब थाने पहुंचा तो जबलपुर से भोपाल बार—बार आने के बारे में बताया गया। इसके अलावा शुक्रवार को कॉल करने पर कोई विश्वकर्मा नाम के अधिकारी ने बताया कि चौराहे पर कैमरा लगा है। लेकिन, उसका भुगतान नहीं होने के कारण वह बंद है। इसलिए कोई संदेही कैमरे में कैद नहीं हो सका। यह बात हमें काजल सिंह ने बातचीत में बताई। उन्होंने कहा कि भोपाल (Bhopal News) पुलिस राजधानी होने के चलते एडवांस होगी। हमें यह अहसास था लेकिन जो अनुभव हुए वह बहुत कड़वे हैं। हमें पुलिस के आचरण से काफी निराशा हाथ लगी।

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