Fisheries Company Scam Part-1: भाजपा विधायक समेत 200 किसानों से झटके करोड़ों रुपए

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Fisheries Company Scam Part-1: तीन साल से देशभर के भोले किसानों से निवेश कराकर धोखाधड़ी कर रही कंपनी के मामले में सनसनीखेज खुलासा

Fisheries Company Scam Part-1
खास खबर

भोपाल। मध्य प्रदेश के 200 से अधिक किसानों को झांसा देकर एक फर्जी फिशरीज कंपनी (Fisheries Company Scam Part-1) के मालिक ने करोड़ों रुपए ऐंठ लिए। इस सनसनीखेज घोटाले पर द क्राइम इंफो (TCI Exclusive News) टीम की नजर पिछले एक महीने से थी। यह नेटवर्क, हमें मध्य प्रदेश का मालूम हुआ था। लेकिन, जब उसकी पड़ताल की गई तो यह देशभर में फैला हुआ पाया गया। इस फर्जी फिशरीज कंपनी की कारगुजारियां एक किस्त में बताना संभव नहीं है। इसलिए यह पूरा घोटाला आपको तीन चरणों में समझ में आएगा। इसकी पहली किस्त “झांसे में फंसे भाजपा विधायक” से शुरु की जा रही है। जिसका समापन पत्रकारों और पुलिस के बीच जाकर खत्म होगा।

कौन सी है कंपनी

यह कंपनी हरियाणा (Haryana) के गुरुग्राम से संचालित है। इसकी दूसरी ब्रांच पुणे में भी है। यह कंपनी कश्यप ग्रुप आफ कंपनी (Kashyap Group Of Company) के नाम से कारोबार करती है। जिसका नाम फिश फॉरच्यून प्रोड्यूस कंपनी है। कंपनी के सीएमडी बृजेन्द्र कश्यप (Brijendra Kashyap) है। जबकि सीईओ विनय शर्मा (Vinay Sharma) है। इस कंपनी की वेबसाइट फरवरी, 2020 में आखिरी बार अपडेट की गई है। जिसमेें सीएमडी की तरफ से संदेश देते हुए दावा किया गया है कि वह ब्ल्यू रिवॉल्यूशन लेकर आएंगे। इसमें किसानों की आय मछली पालन के जरिए दुगुनी करने का झांसा दिया गया है। इसी कंपनी ने मध्य प्रदेश के 200 से अधिक किसानों को ठग लिया है। झांसे में भाजपा विधायक के अलावा नेशनल खिलाड़ी और कई भोले किसान भी बुरी तरह से फंस चुके हैं।

ऐसे करती थी कंपनी कारोबार

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

फिश फॉरच्यून प्रोड्यूस कंपनी (Fish Fortune Produce Company) किसी चिटफंड की तरह फंक्शन करती थी। उसने जमीन स्तर तक चैन बनाने के लिए कई तरह के प्रलोभन दे रखे थे। ऐसा कंपनी ने कुछ समय तक किया भी था। लेकिन, जब कंपनी के आधा दर्जन से अधिक खातों में करोड़ों रुपए जमा हो गए तो उसने अपना रंग दिखाया। कंपनी ने कुछ कर्मचारियों को अपने यहां टास्क देकर नौकरी पर रखा था। यह कर्मचारी किसानों को तालाब खुदवाने और उसमें मछली पालन करने के लिए प्रोत्साहित करते थे। तालाब खुदवाने पर कर्मचारी के अलावा किसान को भी कमीशन मिलता था। इसके अलावा किसानों को मछली पालने के लिए 60 हजार रुपए प्रतिमाह का भुगतान होता था। यह भुगतान तालाब की सुरक्षा के लिए कर्मचारी, बिजली बिल, जाल और दानों के लिए दिया जाता था।

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ऐसे किया फर्जीवाड़ा

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

कंपनी किसानों से करार करती थी। इसके बदले में साढ़े पांच लाख रुपए जमा कराए जाते थे। ग्यारंटी के तौर पर कंपनी ने उतनी ही राशि के चैक देती थी। कंपनी का दावा था कि जो मछली तालाब में छोड़ी जाएगी वह पंद्रह महीने में दो बार निकाली जा सकेगी। लेकिन, कंपनी ने तय मापदंड के तालाब में 40 हजार बच्चों की जगह 8 हजार बच्चे दिए। तालाब में जिन मछलियों के बच्चे पालने के लिए सौंपे उनकी बाजार में कीमत भी कम थी। इसके अलावा चौकीदार के भुगतान, बिजली बिल समेत अन्य खर्च का भुगतान कंपनी (Fisheries Company Scam Part-1) ने नहीं किया। नतीजतन, कई किसान जिन्होंने कर्जा लेकर कंपनी में लगाए थे वह लाखों रुपए के अतिरिक्त कर्ज में डूबने लगे।

यह बहाना बनाती रही कंपनी

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

फिश फॉरच्यून प्रोड्यूस ​कंपनी के सीएमडी बृजेन्द्र कश्यप और सीईओ विनय शर्मा (CEO Vinay Sharma) किसानों को जब रकम और मछली उत्पादन में फायदा नहीं पहुंचा सके तो उनका विरोध किया जाने लगा। इस कारण वे कई किसानों से माफी मांगते हुए कई बहाने बनाते रहे। इसमें से एक बहाना था किसान आंदोलन (India Farmer Protest) का। जिसकी वजह से हरियाणा के गुरुग्राम में काम प्रभावित होने का झांसा दिया गया। इसके अलावा दूसरा बहाना कोरोना का बनाया गया। ऐसे में किसानों को दिए गए कई चैक की तारीखें ही निकल गई। मसलन अब उन किसानों के हाथ में साढ़े पांच लाख रुपए देकर कुछ रुपयों का एक कागज का टुकड़ा भर रह गया है। जिसको लेकर कई किसान चक्कर काट रहे हैं।

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कई रसूखदार जाल में फंसे

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कंपनी की वेबसाइट से लिया गया चित्र

इस कंपनी के फर्जीवाड़े में विदिशा जिले के शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र की भाजपा विधायक राजश्री सिंह (BJP Leader Rajshri Singh) भी फंस गई है। कंपनी ने उनसे तीन तालाब खुदवाने के नाम पर पैसे ऐंठ लिए हैं। अब इस कंपनी के खिलाफ मध्य प्रदेश में बड़ा आंदोलन खड़ा हो गया है। इसके लिए एक लीगल प्रोसेस अगेन्स्ट फिश फॉरच्यून नाम से व्हाट्स एप ग्रुप बनाया गया है। इस तरह के दो ग्रुप मध्य प्रदेश में काम कर रहे हैं। एक ग्रुप में 250 मेंबर हो सकते है। इसलिए मतलब साफ है कि किसानों की संख्या 200 से भी ज्यादा है। किसानों की एक बैठक पिछले दिनों भाजपा विधायक के निवास पर भी हुई थी। इसमें प्रदेश के कई जिलों के किसान पहुंचे थे। इस कंपनी के झांसे में नेशनल हॉकी प्लेयर सैयद तसव्वुर मोहम्मद (Syyed Tasvvur Mohmmed) का भी परिवार फंस गया है। खिलाड़ी की पत्नी मेहनाज बानो ने जमीन लीज पर लेकर कंपनी में पैसा जमा कराया था। इसके अलावा विदिशा में रहने वाले शांतनु खत्री (Shantanu Khatri) ने भी पैसा कंपनी में जमा किया है।

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क्राइम ब्रांच में पहुंची शिकायत

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क्राइम ब्रांच थाना— फाइल फोटो

इस कंपनी के खिलाफ एक तरफ ग्रामीण एकजुट हो रहे तो दूसरी तरफ इस फर्जीवाड़े की खबर पुलिस को भी है। पिछले दिनों दैनिक भास्कर में एएसपी क्राइम ब्रांच के हवाले से इसी कंपनी के फर्जीवाड़े की जानकारी उजागर हुई थी। इससे पहले किसानों के एक प्रतिनिधि मंडल ने भाजपा विधायक राजश्री सिंह के कार्यालय पहुंचकर भी शिकायत की थी। किसानों की इस बैठक की पुष्टि शांतनु खत्री ने भी की है। बैठक में तय किया गया है कि इस मामले को अब सीएम हाउस पर भी पहुंचाया जाएगा। जिसकी कवायद के लिए फिर एक बैठक जल्द होने जा रही है। इन आरोपों पर हमने कंपनी के सीएमडी बृजेन्द्र कश्यप से फोन लगाकर चर्चा करने का प्रयास किया है। इसके अलावा प्रतिक्रिया के लिए उन्हें मेल भी भेजा है। जिसका जवाब हमें नहीं मिला है।

नोट: इसी समाचार की अगली कड़ी में 22 जून की सुबह 7 बजे पढ़िए फिश फॉरच्यून प्रोड्यूस कंपनी की कितनी ब्रांचें मध्य प्रदेश में खुली।

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