The TIT College Story: द टीआईटी कॉलेज स्टोरी मामले के आरोपियों से पूछताछ और जांच ठंडे बस्ते में डाली, दो आरोपियों की शनिवार को समाप्त हो रही रिमांड

भोपाल। बलात्कार फिर ब्लैकमेल करके गैंगरेप करने के मामले में भोपाल पुलिस (The TIT College Story) ने रणनीति बदल ली है। वह राष्ट्रीय महिला आयोग के सामने आरोपियों को नहीं करना चाहती है। यह दौरा 03 मई से शुरु होने वाला है। अभी दो आरोपी पुलिस की रिमांड पर हैं। जिनकी रिमांड भी शनिवार को समाप्त होने जा रही है। इधर, फरार चल रहे दो आरोपियों में से एक आरोपी को पुलिस ने दबोच लिया है।
राष्ट्रीय महिला आयोग का प्रतिनिधि मंडल आयेगा भोपाल
पुलिस सूत्रों के अनुसार नबील (Nabil) और सैयद अली (Sayed Ali) रिमांड पर चल रहे हैं। यह दोनों आरोपी अशोका गार्डन (Ashoka Garden) थाना पुलिस के पास है। इसी थाने में मानव तस्करी के मामले में गिरफ्तार 26 आरोपियों की भी जांच चल रही है। उस तस्कर गिरोह से कनेक्शन को लेकर भी जांच का बिंदु अशोका गार्डन थाना पुलिस ने बना रखा है। लेकिन, थाना प्रभारी हेमंत श्रीवास्तव (TI Hemant Shrivastav) बयान देने से बचने के लिए फोन नहीं उठा रहे। इसी थाना क्षेत्र में आरोपी साहिल पन्ना (Sahil Panna) की डांस क्लास पहले चलती थी। लेकिन, साहिल पन्ना को रिमांड पर लेने की बजाय पुलिस ने सैयद अली को लिया। अशोका गार्डन थाने में बलात्कार के दो प्रकरण दर्ज हैं। यह दोनों प्रकरण बागसेवनिया (Bagsewania) थाने से जीरो पर दर्ज होकर वहां पहुंचे हैं। इस मामले में सात आरोपियों के खिलाफ तीन थानों में अब तक पांच प्रकरण दर्ज हो चुके हैं। जिसमें मुख्य आरोपी फरहान (Farhan) , उसका भांजा साद अली (Saad Ali) और साहिल पन्ना को जेल दाखिल कर दिया गया है। पुलिस को अभी भी अबरार (Abrar) की तलाश है। नबील और अबरार युवतियों को अपने कमरे में लेकर आते थे।फरार दोनों आरोपियों की तलाश में पुलिस कोलकाता और पटना में सर्चिंग कर रही थी। लेकिन नबील भोपाल में ही मिल गया। प्रकरण को लेकर मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद (MLA Arif Masood) भी मुखर होकर शहर में चल रहे पब और बार कल्चर को लेकर मुखर है। उनके बयानों के बाद भाजपा सांसद आलोक शर्मा (Alok Sharma) ने लव जिहाद करने वालों को नसबंदी करने का विवादित बयान दिया था। इधर, राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission For Women) का एक प्रतिनिधि मंडल भोपाल आने वाला है। इस दल में सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी और विधि क्षेत्र के जानकार आने वाले हैं। इसलिए भोपाल पुलिस नहीं चाहती कि जांच से जुड़े विषय आरोपियों से यह दल न पूछ ले। इसलिए उनका आमना—सामना वह दल से नहीं कराना चाहता। टीम लगभग तीन दिन भोपाल में दर्ज प्रकरणों को लेकर अपनी रिपोर्ट बनाएगी। उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को पुलिस ने पहला प्रकरण दर्ज किया था। मामले को गंभीर बताकर तीन थानों में दर्ज प्रकरण को गुपचुप उसमें काम किया जा रहा था। इस संबंध में सबसे पहले 23 अप्रैल को द क्राइम इंफो ने रिपोर्ट प्रकाशित की थी। जिसके बाद पूरे प्रदेश में यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है।
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