MP Cop Gossip: लेन—देन को लेकर फिर हुई भोपाल पुलिस की किरकिरी, सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो के बाद जागे अफसर

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग बहुत बड़ा होता है। उसके भीतर ही भीतर बहुत कुछ चल रहा होता है। इसमें कुछ समाचार सामने आ जाते हैं। लेकिन, कुछ बातें फाइल में दबी रह जाती है। ऐसे ही बातों का हमारा साप्ताहिक कॉलम एमपी कॉप गॉसिप (MP Cop Gossip) है। इसमें दी जाने वाली जानकारी विभागीय होती है। हमारी कोशिश होती है कि जानकारी में नाम उजागर न किया जाए।
फिर हो गई किरकिरी
डीसीपी के आदेश से राजस्व का नुकसान

शहर के एक डीसीपी ने अपने मातहतों को खुश करने के लिए आदेश जारी कर दिया है। इससे कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारी नाराज चल रहे है। क्योंकि उनका कोटा तय होता है। जबकि फील्ड के अधिकारी कार्यालय में अटैच होकर काम नहीं करना चाहते हैं। जिन्हें खुश रखने के लिए डीसीपी ने 1430 रुपए का अतिरिक्त राशि दिला दी है। इसी कल्चर में अन्य जोन ने काम किया तो तय है कि सरकार को हर महीने लाखों रुपए का राजस्व घाटा होगा। दरअसल, कार्यालय में काम करने वाले कर्मचारियों का कोटा पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली में तय तो किया गया है लेकिन स्टाफ नहीं है। वहीं मैदानी कर्मचारियों को थाने में अटैच करके कार्यालयों में काम चलाया जा रहा है। इस व्यवस्था से थाने के प्रभारी भी नाराज चल रहे हैं। क्योंकि उनके थाने में पर्याप्त बल तो कागज में दिख रहा है लेकिन वहां से साहब लोगों के कार्यालय में अटैच होने के चलते कम बल में काम चलाना थानों के प्रभारियों की मजबूरी भी है। वहीं साहब ने मैदानी कर्मचारियों का काम करने में दिल लगा रहे इसलिए मिनिस्ट्रीयल स्टाफ की तरह ही भत्ती स्वीकृत करा दिया है।
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