MP Political News: घोटाला बनाम घोटाले पर शुरू हुई एमपी की राजनीति

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MP Political News: एमपी में कांग्रेस के कार्यकाल में हुआ था जनसंपर्क विभाग में 131 करोड़ का घोटाला, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किया भाजपा में वार तो प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने यह बोलकर चौका दिया

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भाजपा कार्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए  सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा। File Image

भोपाल। मध्यप्रदेश में इस साल चार महीने बाद मतदान होना है। जिसके लिए भाजपा—कांग्रेस ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा सरकार (MP Political news) के खिलाफ घोटालों की चार्जशीट लेकर सामने आए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कई तरह के घोटाले के आरोप लगाकर सरकार को घेरने का प्रयास किया गया। इसके जवाब में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा मुखर होकर सामने आए। उन्होंने दावा किया कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे तब जनसंपर्क विभाग में 131 करोड़ रूपए का घोटाला हुआ था। यह विभाग मध्यप्रदेश की मीडिया और उसमें काम करने वाले पत्रकारों से जुड़ा है। हालांकि इस घोटाले पर अब तक कोई कार्रवाई सत्तारूढ़ सरकार ने की ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया है।

कांग्रेस केे नेता डरे और सहमे हुए हैं

भाजपा कार्यालय की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार कमलनाथ 2023 के नहीं 1984 के सिक्ख दंगों, देश की ख़ुफ़िया जानकारी लीक करने और चीन के साथ दलाली करने के मॉडल होने जैसे आरोप प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा (Vishnu Dutt Sharma) ने लगाए। उन्होंने कहा कांग्रेस का आरोप पत्र झूठ पत्र है। उनके 15 महीने में 15 हजार करोड़ के घोटाले पर वे कुछ नहीं बोल रहे। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि 15 महीने प्रदेश में सरकार दिग्विजय सिंह के इशारों पर चल रही थी। जिसमें आप करप्शननाथ बनें और भाजपा सरकार की जनहितैषी सारी योजनाएं बंद की। आप गरीबों के हक और अधिकार छीनने के मॉडल बने। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का आरोप पत्र झूठ पत्र है। कांग्रेस के नेता इतने डरे और सहमे हैं कि आरोप पत्र में किसी भी कांग्रेस नेता का फोटो तक नहीं है और न यह जानकारी है कि आरोप पत्र किसने जारी किया है। उन्होंने कहा कि ग्वालियर में प्रियंका गांधी के हाथों उन्होंने जो आरोप पत्र जारी करवाया था वह क्या था? उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यजनक है कि करप्शननाथ ने आज आरोप पत्र जारी करके फिर से जनता और मीडिया को भ्रमित किया है।

पंद्रह महीनों में 15 हजार करोड़ के घोटाले

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पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह, फाइल फोटो

विष्णुदत्त शर्मा ने कहा पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath) जब मुख्यमंत्री रहे तब उन्होंने 15 महीने की सरकार में लगभग 15 हजार करोड़ के घोटाले किए। कांग्रेस घोटालों की जननी और करप्शन की दुकान है। कमलनाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, निज सचिव आरके मिगलानी और भांजे रतुल पुरी सहित उनके चहेतों के घर और दफ्तरों में छापे की कार्यवाही हुई थी। जिसमें 281 करोड़ रूपए की गडबड़ी पाई गई थी। कमलनाथ के भतीजे की कंपनी पर छापेमारी में 1350 करोड रूपए से ज्यादा की टैक्स चोरी पकड़ी थी। इतना ही नहीं आगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर खरीदी मामले की दलाली में भी कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी का नाम उजागर हुआ है। जिसमें 7 हजार 600 करोड़ और 780 करोड़ के घोटाले सामने आए। प्रदेश के किसानों के साथ कर्जमाफी का छल किया। विधानसभा चुनाव के पहले कर्जमाफी का वादा करते रहे और जब सरकार बनी तो किसान कर्जमाफी के नाम पर 2 हजार करोड़ का घोटाला किया। जिसके परिणामस्वरूप किसानों को कर्जमाफी के बदले डिफाल्टर होना पड़ा। कमलनाथ सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर किसानों की लिस्ट में फर्जी नाम शामिल कर पैसों की बंदरबाट की। श्री शर्मा ने कहा कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार घोटालों और ट्रांसफर उद्योग की उपलब्धियों से भरी रही। 165 दिनों में ही कमलनाथ सरकार ने 450 से अधिक आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए थे। इसके अलावा निचले स्तर तक ट्रांसफर किए। इतना ही नहीं इस ट्रांसफर घोटाले में कई अधिकारियों का 3 से 4 बार ट्रांसफर कर दिया। कमलनाथ सरकार में नया ट्रांसफर उद्योग चला।

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कदम—कदम पर एक नया घोटाला किया

सांसद शर्मा ने कहा कि 15 महीने प्रदेश में रही कांग्रेस सरकार (MP Political News) ने हर कदम एक नया घोटाला किया। प्रदेश में 7 परियोजनाओं में कमलनाथ सरकार ने 887 करोड़ के घोटाले किए, जिसकी ईओडबल्यू की जांच में चौकाने वाले खुलासे हुए थे। कमलनाथ सरकार ने उन बांध-नहरों के लिए 887 करोड़ रूपए का भुगतान कर दिया था, जिसका काम ही शुरू नहीं हुआ था। इसी तरह कांग्रेस सरकार ने 4100 करोड़ रूपए का सिंचाई कॉप्लेक्स घोटाला किया। मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ ने छिंदवाड़ा सिंचाई कॉप्लेक्स का ठेका देने के मात्र 20 दिनों के अंदर निजी कंपनी को 450 करोड़ रूपए का भुगतान कर फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में जनसंपर्क विभाग में भी 131 करोड का घोटाला किया। वहीं आंगनवाडी कार्यकर्ताओं के लिए खरीदे जाने वाले मोबाइल फोन में भी 63 करोड़ का घोटाला किया। उन्होंने कहा कि जब देश और प्रदेश कोरोना जैसी महामारी की आहट थी, तब मुख्यमंत्री रहते हुए कमलनाथ ने आइफा अवार्ड के नाम पर उद्योगपतियों पर दबाव डालकर विजक्राफ्ट कंपनी को लाभ पहुंचाने का काम किया। शर्मा ने कमलनाथ से पूछा है कि इस कंपनी का मालिक किसका दोस्त था? कमलनाथ सरकार ने दबाव डालकर एलपीजी कंपनी से 40 करोड़ और बिरला कंपनी से 4 करोड़ का भुगतान विजक्राफ्ट कंपनी को कराया।

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