Madhya Pradesh Corruption : खुली जेल बनाने के नाम पर मध्यप्रदेश में हुआ भ्रष्टाचार

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Madhya Pradesh Corruption
तत्कालीन खेल संचालक और डीजी जेल संजय चौधरी

डीजी जेल संजय चौधरी के खिलाफ ईओडब्ल्यू के बाद लोकायुक्त में शिकायत, कई पदों पर रहते वित्तीय अनियमितता करने के लगे आरोप

भोपाल। मध्यप्रदेश में जेल विभाग के महानिदेशक संजय चौधरी पर वित्तीय अनियमितता (Madhya Pradesh Corruption) के आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने खुली जेल बनाने के नाम पर काफी गड़बड़ी की। इसके अलावा चौधरी ने खेल संचालक रहते हुए भी करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितता की है। इस मामले की शिकायत पहले आर्थिक प्रकोष्ठ विंग के बाद अब लोकायुक्त संगठन से की गई है।
जानकारी के अनुसार मामले की शिकायत मंदसौर में कार्यवाहक कांग्रेस अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह तोमर ने की है। इस मामले में डीजी जेल संजय चौधरी से प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की गई। लेकिन, वे फोन पर कोई जवाब नहीं दे सके। तोमर ने बताया कि खुली जेल बनाने के दौरान ((Madhya Pradesh Corruption)) गड़बड़ी की गई। इसके अलावा कंप्यूटर खरीदी में भी अनियमितता की गई। तोमर ने जांच के दौरान पद से हटाने की भी मांग की है। इसके अलावा तोमर ने खेल संचालनालय में हुई वित्तीय अनियमितता को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए। तोमर का आरोप है कि संचालनालय 14 खेल अकादमी चलाता है। इनमें करोड़ों रुपए की खरीदी की गई। इसमें दो कंपनियां नेहरू नगर में अल्पाइन और हमीदिया रोड रवि ट्रेडर्स नाम से थी जो भोपाल के पते पर दर्शाई गई उससे माल खरीदना बताया गया। जबकि भौतिक रूप से यह कंपनियां मौके पर पाई नहीं गई। इसकी शिकायत खेल संचालक रहे चौधरी के कार्यकाल में की गई थी। लेकिन, बिना जांच किए शिकायतों को बंद कर दिया गया।

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सिपाही हवलदारों को खेल अधिकारी बनाया
तोमर का आरोप है कि खेल संचालक (MP Sport Director) रहते हुए संजय चौधरी ने पुलिस विभाग के हवलदार और सिपाहियों को खेल अधिकारी बनाया। इन चहेतों की मदद से ही कई तरह की (Madhya Pradesh Corruption) अनियमितता कराई गइ। तोमर ने बताया कि सीआईएसएफ से प्रतिनियुक्ति पर आरती राय को लाकर खेल युवा कल्याण अधिकारी बनाया गया। होमगार्ड में हवलदार बिट्टू शर्मा को भी प्रतिनियुक्ति पर लाकर कुश्ती का कोच बनाया गया। इसी तरह जल संसाधन विभाग में रवि कोहली को प्रतिनियुक्ति पर लाकर खेल अधिकारी बनाया गया। हवलदार विकास खराड़कर को टीटी नगर ​स्टेडियम का प्रशासक बना दिया गया।

घोड़े की बजाय खच्चर
मैदानों में लगने वाली फ्लड लाइट, 110 सिंगल बैड, कंप्यूटर खरीदी समेत कई अन्य खरीदी में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। तोमर ने आवेदन में बताया है कि 40 घोड़े खरीदे गए थे। यह घोड़े 15 से 20 हजार रुपए में खरीदे गए। जब इस बात की उच्च स्तर पर शिकायत हुई तो घोड़े जैसे दिखने वाले खच्चर लगा दिए।

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