MP COP Gossip: बीमार होने के बावजूद कुर्सी का मोह नहीं छूट रहा

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MP COP Gossip: मवेशी तस्करी के मामले को टाल रहा एक थाना, दर्जनों पीड़ित आवेदन लेकर सांसद से लेकर हर अफसर के दरवाजे पर दे रहे दस्तक

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग काफी बड़ा होता है। इसमें अपराध से संबंधित कई बातें सामने आ जाती है। लेकिन, कुछ बातें जो विभाग (MP COP Gossip) से जुड़ी होती है वह सार्वजनिक नहीं होती है। ऐसी ही बातों को लेकर हमारा नियमित काॅलम हैं एमपी काॅप गाॅसिप। जिसमें इन्हीं बातों को बताया जाता है। हमारा मकसद संस्था या व्यक्ति को छोटा-बड़ा दिखाना नहीं होता। हम चाहते हैं कि विश्वास के साथ ऐसी बातें सार्वजनिक करके जनता के बीच ज्यादा से ज्यादा पारदर्शिता वाली व्यवस्थाएं बनाने में हम माध्यम बन सके।

तबादले  के बावजूद नहीं छूट रहा मोह

शहर के एक थाने की प्रभारी महोदया का तबादला हो गया है। यह महोदया कई बार मीडिया की सुर्खियों में भी आई। अक्सर उनका टकराव मैदानी मीडिया रिपोर्टरों के साथ ज्यादा हुआ। कई तस्वीरें प्रदर्शनकारियों को उठाते ले जाते वक्त वायरल भी हुई। अब यह अधिकारी बीमार चल रही है। हो सकता है स्वस्थय ठीक न हो लेकिन, भीतरखाने की खबर आ रही है कि उनका तबादला हो चुका है। आदेश भी सिंगल जारी हुआ है। इसके बावजूद वे थाने की कुर्सी छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। यहां प्रभारी कार्यवाहक हैं जो है भी और नहीं होने जैसी हालत में हैं।

सरकार नहीं मुख्यालय का चलेगा संविधान

पिछले दिनों सरकार ने पुलिस विभाग के मैदानी कर्मचारियों को खुश करने के लिए उन्हें कार्यवाहक का लाॅलीपाप दिया। कई कर्मचारियों के कंधे पर सितारे भी लगे। लेकिन, जब उन्हें मैदानी हकीकत पता चली तो उनके अरमान ठंडे हो गए। अब ऐसे ही कार्यवाहक कर्मचारियों और अधिकारियों को लेकर पुलिस मुख्यालय (MP COP Gossip) से फरमान जारी हुआ है। आदेश में कहा गया है कि कार्यवाहक की पदोन्नति वाले कर्मचारियों को पुलिस विभाग का नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेना होगा। जबकि पदोन्नति देते वक्त सरकार ने इस तरह की अनिवार्यता नहीं बताई थी। कुछ ने साहस किया तो पुलिस मुख्यालय से कहा गया कि सरकार नहीं विभाग का संविधान ही चलेगा। मतलब साफ है कि कर्मचारियों को प्रशिक्षण में जाना ही होगा।

तस्करी कहीं न बन जाए तनाव का कारण

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

शहर के एक थाना क्षेत्र में जमकर गाय की तस्करी हो रही है। हर पीड़ित थाने के चक्कर काट रहा है। पीड़ितों में एक थाने के कर्मचारी भी शामिल है। हालांकि थाने में किसी भी मुकदमे में मवेशी चोरी का मामला दर्ज ही नहीं किया गया। पीड़ितों को मवेशी गुम होने की रिपोर्ट दर्ज करके रवानगी डाल दी जा रही है। जबकि कर्मचारी पुलिस अफसरों को मवेशी ले जाने के वीडियो भी उपलब्ध करा रहे हैं। शंका एक मुस्लिम समाज के व्यक्ति पर है जिसको पुलिस अनसुना कर रही है। इसलिए कई पीड़ितों ने भोपाल सांसद और स्थानीय विधायक को भी आवेदन दिया है। जिसकी अब तक सुनवाई नहीं हो रही है। अब पीड़ित लामबंद होकर अगली मवेशी चोरी होने पर जनता की ताकत का अहसास दिलाने की तैयारी कर रहे हैं।

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काॅलेज के मामले को दबा गए थाना प्रभारी

पिछले दिनों एक निजी मेडिकल काॅलेज के भीतर जमकर बवाल हुआ। इस बवाल की सूचना देहात के एक थाने में भी पहुंची थी। लेकिन, पुलिस (MP COP Gossip) ने उसको अनसुना कर दिया। दरअसल, हाथापाई करने वाला व्यक्ति काॅलेज मालिक का बेटा था। उसने पत्थर से एक मजदूर को पीटकर जख्मी किया था। यह व्यक्ति पहले भी पुलिस थानों के कई केस में फंस चुका है। हर बार वह अपने रसूख के दम पर बाहर आता रहा है। इस बार भी उसकी हरकतों के चलते मामला थाने पहुंचा लेकिन प्रभारी महोदय इस बात से इंकार करते रहे।

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