MP Fake Fertilizer Scam: 100 रुपए में खरीदकर 1200 वाली खाद की बोरी में करते थे पैकिंग

Share

MP Fake Fertilizer Scam:राजस्थान से जुड़े हैं तार, इफ्को कंपनी की असली बोरी में भरी जाती थी खाद

MP Fake Fertilizer Scam
वह ट्रक जिसमें नकली खाद लोड करके सप्लाई के लिए भेजा जाने वाला था— पुलिस की तरफ से जारी तस्वीर

भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की ताजा न्यूज सटे जिले राजगढ़ से ​मिल रही है। यहां खिलचीपुर इलाके में पुलिस ने चाचा—भतीजे को गिरफ्तार किया है। इनके घर से भारी मात्रा में पुलिस को नकली खाद (MP Fake Fertilizer Scam) बरामद हुई है। इस पूरे नेटवर्क में कई लोगों की भूमिका की बात सामने आ रही है। गिरोह के तार राजस्थान से जुड़े होने के प्रमाण पुलिस को मिले हैं। पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी 100 रुपए की नकली खाद खरीदकर उन्हें 1200 रुपए वाली बोरी में पैक करके किसानों को बेचते थे।

ट्रक चालक भी गिरफ्तार

राजगढ़ जिले के खिलचीपुर थाना क्षेत्र स्थित फतेहपुर गांव में पुलिस की टीम ने 03 जून को छापा मारा था। पुलिस को सूचना मिली थी कि शिव सिंह दांगी पिता मेहताब सिंह दांगी उम्र 55 साल और सुरेश दांगी पिता हरिसिंह दांगी उम्र 29 साल नकली खाद बेचते हैं। दोनों रिश्ते में चाचा—भतीजे भी है। वह खिलचीपुर गांव के खाद विक्रेताओं के बड़े स्टाकिस्ट भी है। आरोपी शिव सिंह दांगी और सुरेश दांगी भारी मात्रा में नकली खाद की खेप बेचने की तैयारी में हैं। इसके लिए बकायदा ट्रक भी बुलाया गया है। पुलिस को मिली टिप सही निकली। पुलिस ने दोनों चाचा—भतीजे को को गिरफ्तार किया। वहीं ट्रक ड्रायवर पदम सिंह राजपूत (Padam Singh Rajput) को गिरफ्तार कर उसके कब्जे से ट्रक जब्त किया गया।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Crime News: एफआईआर के बाद हत्या की कोशिश

नौ मजदूरों की ड्यूटी लगाई

पुलिस के अनुसार जब छापा मारा गया तो शिवसिंह दांगी और उसका भतीजा सुरेश दांगी खाद की पैकिंग कर रहे थे। नजदीक ही तौल कांटा मशीन भी था। जिसमें दूसरे चार मजदूर तुलाई का काम कर रहे थे। पुलिस ने ट्रक एमपी—06—एचसी—0702 की तलाशी ली तो उसमें भी खाद लोड मिला। ट्रक मालिक भगवान सिंह (Bhagvan Singh) है। जिसको पुलिस ने क्लीनचिट नहीं दी है। वहीं एक अन्य ट्रक ड्रायवर जो गायब है उसकी भूमिका की जांच होना है। ट्रक के भीतर 130 बोरियों में नकली खाद मिला। यह खाद इफ्को कंपनी की बोेरियों में पैक था। मजदूरों ने पूछताछ में बताया कि आरोपी सुरेश दांगी खिलचीपुर से 09 मजदूरों को इस काम के लिए लेकर आया। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने बोरियों का इंतजाम राजस्थान (Rajasthan) और एमपी में इंदौर से किया था।

दस हजार रुपए का इनाम

MP Fake Fertilizer Scam
खिलचीपुर थाना, जिला राजगढ़, मप्र

राजगढ़ एसपी प्रदीप शर्मा (IPS Pradeep Sharma) ने बताया कि आरोपियों ने बोरे के इंतजाम इंदौर से किए थे। जबकि 700 अन्य बोरे राजस्थान के पाली (Pali) जिले के रायपुर इलाके में स्थित किसी कारखाने से लेना बताया गया है। आरोपियों शिवसिंह दांगी, सुरेश दांगी (Suresh Dangi) और पदम सिंह राजपूत के कब्जे से इफ्को कंपनी के 150 कट्टे, बिना लेवल भूरे रंग के नकली खाद वाले 200 कट्टे, बिना लेबल नकली खाद के खाली 150 कट्टे, इलेक्ट्रिक तौल कांटा, इफ्को कंपनी के डीएपी खाद और एनपीके खाद के नए खाली 380 कट्टे जब्त किए गए हैं। एसपी ने इस मामले का खुलासा करने वाली टीम को 10 हजार रुपए के इनाम देने का ऐलान किया है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 417/420/467/468/475/34/3/7/—19ग (जालसाजी/कूटरचित उत्पाद बनाना/उत्पाद को असली बताकर नकली बेचना/एक से अधिक आरोपी/अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम, फर्टिलाइजर उर्वरक नियंत्रण 1985) के तहत केस दर्ज किया गया है।

यह भी पढ़ें:   Lockdown में महंगी कार से निकला उद्योगपति का बेटा, मिली ऐसी सजा

रिमांड पर लेकर होगी पूछताछ

MP Fake Fertilizer Scam
नकली खाद गिरोह का खुलासा करते एसपी प्रदीप शर्मा और पीछे उनकी खिलचीपुर थाने की सहयोगी टीम

इस पूरे मामले का खुलासा करने में मुकेश गौड़ (TI Mukesh Goud), एसआई प्रवीण जाट, एएसआई अशोक भगत, हवलदार मोईन अंसारी, सिपाही राजेश परमार, पवन कटारे, हरिओम, और देवेन्द्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही। आरोपियों को अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया जाएगा। आरोपियों के नकली खाद बेचकर कमाई गई संपत्ति का ब्योरा अभी खंगाला जाएगा। जिसके लिए बैंक खातों की जानकारी जुटाई जाएगी। इसके अलावा इंदौर में इफ्को कंपनी की खाली बोरी देने वाले व्यक्ति के संबंध में पूछताछ की जाना हे। इसके अलावा राजस्थान के पाली जिले से मिले बोरे कके संबंध में भी पड़ताल अभी बाकी है। उल्लेखनीय है कि इतनी भारी मात्रा में यदि खाद अगर बंट जाता तो किसान को नुकसान तो होता ही आम नागरिकों को उस उत्पाद के दुष्परिणाम भी होते। इसलिए पुलिस के लिए यह सफलता प्रदेश स्तर पर काफी सराहनीय है।

Don`t copy text!