Bhopal News: बच्ची को अनाथ आश्रम भेजने वाले थाना प्रभारी के फैसले पर अब तक अफसर मौन, टीकाकरण के लिए आधार कार्ड मांगने को लेकर हुआ था विवाद, दो थानों ने गंभीर मामले में सतही फैसला लिया

भोपाल। अबोध बालिका जिसकी मां होने के बावजूद उसे कोख का सुख नहीं मिला। वह पुलिस और प्रशासन के संवेदनहीन रवैये के चलते मातृछाया आश्रम में रहने को मजबूर हैं। इधर, बच्ची के वास्तविक पिता की पुष्टि हो गई है। यह निर्णय हुए भी एक सप्ताह हो चुका है। लेकिन, भोपाल (Bhopal News) शहर के दो थानों को अपनी ड्यूटी की फिक्र ही नहीं हैं। जिस कारण बेजुबान बच्ची अभी भी उसके असली माता—पिता होने के बावजूद अनाथ जैसा जीवन व्यतीत करने को मजबूर हैं।
पुलिस कमिश्नर के पास हुई शिकायत पर अब तक फैसला नहीं
इस पूरे फर्जीवाड़े के संबंध में 24 वर्षीय शादीशुदा महिला ने पुलिस कमिशनर से मिलकर शिकायत दर्ज कराई थी। वह गोविंदपुरा (Govindpura) थाना क्षेत्र स्थित विकास नगर (Vikas Nagar) बस्ती में रहती है। उसके पति का मामला हबीबगंज (Habibganj) थाने में बाल कल्याण समिति (Bal Kalyan Samiti) ने पहुंचाया है। वहां निष्पक्ष जांच करने की बजाय पुलिस पर खेल करने का आरोप लग रही थी। पीड़िता का पति कारखाने में जॉब करता है। वह मार्च, 2025 से जेल (Jail) में बंद हैं। उस पर आरोप है कि उसने साली के साथ ज्यादती की थी। उसकी शादी जून, 2019 में हुई थी। उसका मायका नर्मदापुरम (Narmadapuram) जिले के तहसील सिवनी मालवा के कहारिया कॉलोनी में हैं। शादी परिवार की रजामंदी से तय हुई थी। उसकी एक बेटी भी है जिसकी उम्र पांच साल है। आवेदन डीसीपी जोन—1 को भी दिया था। लेकिन, उसे लेने से यह बोलकर इंकार कर दिया कि पुलिस कमिश्नर कार्यालय के पास से आवेदन की जांच उनके ही पास आएगी। महिला का कहना है कि वह संयुक्त परिवार में रहती है। वह तीन बहनें हैं। बड़ी बहन हबीबगंज थाना क्षेत्र स्थित साई बाबा नगर (Sai Baba Nagar) बस्ती में रहती है। उसका पति एक हिंदू संगठन से जुड़ा है। वह न्यू मार्केट में प्रायवेट काम करता है। उसका मायका मूलत: सिवनी मालवा (Sivni) में है। वहां उसके माता—पिता और एक भाई के साथ सबसे छोटी बहन भी रहती है। छोटी बहन जनवरी, 2024 में बड़ी बहन की डिलीवरी के दौरान देखरेख के लिए भोपाल आई थी। इस दौरान लगभग एक सप्ताह के लिए वह उसके विकास नगर में स्थित मकान में आई थी। यहां कुछ दिन रही फिर वह वापस बड़े जीजा के पास चली गई थी। इसके बाद वह सिवनी मालवा चली गई थी।
अब यह निकलकर सामने आया
गोविंदपुरा थाने में तैनात एसआई खेत सिंह (SI Khet Singh) मामले की जांच कर रहे हैं। उनके पास सारे प्रकरण की केस डायरी से लेकर तमाम जानकारियां मौजूद हैं। छोटी बहन की सगाई जून, 2024 में हुई थी। उस वक्त वह भी वहां गई थी। छोटी बहन की 03 जुलाई, 2024 को शादी हुई। उसका पति हरदा (Harda) जिले का रहने वाला था। शादी के बाद तीन महीने तक ससुराल में रही। उसे पति ने मायके पहुंचा दिया। उसको मां ने बताया कि छोटी बहन के पारिवारिक कलह की वजह उसका पति है। क्योंकि उसके साथ शारीरिक संबंध के चलते वह गर्भवती हो गई थी। यह बात पति ने टेस्ट कराया तो सामने आ गई। उसने पति से पूछा तो बताया कि उसे छोटी बहन ने मार्च, 2024 में ऐसा करने के लिए मजबूर किया था। उस वक्त वह घर पर थी और उसे पता भी नहीं चलने दिया। इसी मामले में हबीबगंज थाना पुलिस ने बाल कल्याण समिति से राय लेकर नवजात को मातृछाया (Matra Chhaya) भेज दिया था। पुलिस का कहना था कि उसकी वास्तविक पिता और मां का अभी पता नहीं चला है। जबकि अब आरोपी की गिरफ्तारी के बाद हुए सैंपल में वह पॉजिटिव पाया गया। यानि मातृछाया में रह रही बच्ची जेल में बंद आरोपी की है।
इस मामले में आरोपियों को बचा ले गई पुलिस
साली ने 11 दिसंबर, 2024 को सिवनी मालवा में स्थित सरकारी अस्पताल में बेटी को जन्म दिया। जन्म के बाद उसका नाम ‘दिविशा’ रखा था। उसके जन्म के बाद पीड़िता की छोटी बहन ने मां के स्थान पर बड़ी बहन और पिता के स्थान पर ज्यादती के मामले में जेल में बंद जीजा का नाम लिखा दिया था। यह सारी बातें आरोपी जीजा और उसकी जीजी को पता ही नहीं थी। यह जानकारी 22 फरवरी, 2025 को तब पता चली जब उसके पति के साथ छोटी बहन ने ब्लैकमेलिंग शुरु की। वह चाहती थी कि पीड़िता का पति उसको आधार कार्ड दे। ऐसा नहीं किया तो वह बलात्कार के मामले में फंसा देगी। उसे आधार कार्ड बच्ची के जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए चाहिए थे। दोनों के बीच एक करारनामा भी नोटरी के जरिए हुआ था। जिसके लिए नोटरी करने वाले अधिवक्ता ने पीड़िता के पति से 20 हजार रुपए भी लिए थे। आरोपी का साढ़ू भाई हिंदू संगठन का नेता भी है। आरोपी की साली ने रेडक्रॉस अस्पताल (Redcross Hospital) में जॉब करने वाली महिला को नवजात गोद दे दिया था। टीकाकरण कराने अस्पताल गई तो उससे माता—पिता के आधार कार्ड मांगे गए। यह उसके जीजा—जीजी के थे इसलिए दोनों बहनों के बीच हुई कहासुनी थाने पहुंच गई थी।
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