Bihar Political News: राहुल गांधी के बाद पीके की सुराज यात्रा 

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Bihar Political News: बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तंज कसने के बाद सुर्खियों में आए, गरीबों के बच्चों को चपरासी की नौकरी भी नहीं मिल रही— यह बोलकर नेता पुत्रों को कोस रहे पीके, जदयू का आरोप भाजपा के फंड से जनता का पूरा हो रहा इंटरटेनमेंट

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चुनावी प्रबंधन के जानकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके

पटना। देश की राजनीति में प्रशांत किशोर पहचान के मोहताज नहीं हैं। उन्होंने कई मुख्यमंत्रियों को कुर्सी दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। लेकिन, इस बार वे  अपनी कुर्सी के लिए योजना बना रहे हैं। इसके तहत वे बिहार में पैदल यात्रा कर रहे हैं। वे जगह—जगह जनसंवाद कार्यक्रम कर रहे हैं। हालांकि उनसे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर कन्याकुमारी से श्रीनगर के लिए चल पड़े हैं। वहीं प्रशांत किशोर की यात्रा केवल बिहार (Bihar Political News) तक​ सीमित हैं। एक गांव में बातचीत करते हुए उन्होंने कहा है कि लालू यादव का बेटा नौंवी पास होकर डिप्टी सीएम बन सकता है। लेकिन, सामान्य गरीब परिवार का बच्चा चपरासी भी नहीं बन सकता है।

पंद्रह महीने चलेगी यात्रा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चुनावी रणनीतिकार से राजनीति में आ रहे प्रशांत किशोर बिहार में जन सुराज यात्रा निकाल रहे हैं। प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) अपनी इस यात्रा के दौरान लगातार अलग-अलग लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। वे पार्टी के लिए जनता से समर्थन मांग रहे हैं। उनका दावा है कि वह बिहार में 3500 किलोमीटर की लंबी यात्रा करेंगे। वह बिहार के कोने-कोने में जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी कड़ी में उन्होंने तेजस्वी यादव (Tejasvi Yadav) पर जबरदस्त तरीके से तंज किया है। इस वक्त प्रशांत किशोर का काफिला पश्चिम चंपारण के धनौजी गांव में है। यहीं पर स्थानीय लोगों से प्रशांत किशोर बात कर रहे थे। जनता से बातचीत करते वक्त उन्होंने बार-बार लोगों से पूछा बताइए जरा मिलना चाहिए कि नहीं। जिसके पापा विधायक, जिसके बाबूजी मंत्री, मुख्यमंत्री और वह 9 वीं फेल रहे तो भी उसको नौकरी मिल जाती है। वह राजा बनकर रहता है। यह बदलना चाहिए कि नहीं बदलना चाहिए। प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर के दिन से जन सुराज पदयात्रा पर हैं। इसको लेकर जदयू उन पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। जदयू का आरोप है कि उनके इस यात्रा को भाजपा फंड दे रही है। पीके की यह पदयात्रा 15 महीने तक चलेगी।
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