आतंकवादियों के रिश्ते का राज खोलेगा नईम का मोबाइल, डेटा जुटा रही एनआईए

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26 दिसंबर की छापेमारी में फरार हुए नईम को पुलिस ने अरेस्ट करने से किया इंकार, बाद में वॉन्टेड बनाया और किया अरेस्ट

मेरठ। आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के संदिग्धों को हथियार सप्लाई करने के आरोप में एनआईए और मेरठ पुलिस ने संयुक्त आॅपरेशन करके गिरफ्तार किया है। अरेस्ट हुए 21 वर्षीय नईम के पास एनआईए को दो मोबाइल फोन बरामद हुए है। एनआईए दोनों मोबाइलों की डिटेल निकालकर उससे जुड़े लोगों की जानकारी जुटा रही है।

जानकरी के मुताबिक गुरुवार देररात एनआईए को सूचना मिली की फरार नईम हापुड़ रोड पर देखा गया। इसके बाद स्थानीय पुलिस की मदम से एनआईए ने संयुक्त सर्च आॅपरेशन किया। करीब 11 बजे हापुड़ रोड स्थित आरके फार्म के पास से टीम ने नईम को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद एनआईए आरोपी नईम को अपने साथ दिल्ली ले गई है।

यह है मामला
26 दिसंबर, 2018 को एनआईए को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के संदिग्धों की सूचना मिली थी। जिसके बाद टीम ने छापेमारी की। इस दौरान नईम फरार हो गया था। नईम पर आतंकी संगठन को हथियार सप्लाई करने का आरोप है।

एक एंड्रॉयड और एक साधारण फोन किया बरामद
एनआईए ने नईम के पास से दो मोबाइल बरामद किए है। उसमें से एक ऐंड्रॉयड और एक साधारण है। एनआईए दोनों फोन की कॉल डिटेल चेक कर नईम से जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है।

आतंकी हमले की साजिश के मिले इनपुट
बताया जा रहा है कि एनआईए को इनपुट मिला था कि आईएस के मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के दिल्ली और उत्तरप्रदेश में सक्रिय आतंकी किसी बड़े हमले की साजिश को अंजाम देना चाह रहे है। जिसके चलते 26 दिसंबर एनआईए और एटीएस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए दिल्ली और यूपी में 17 स्थानों पर छापे भी मारे थे।

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कैसे मिला था नईम का इनपुट
जानकारी के मुताबिक हापुड़ के वैट गांव में छापा मारकर मौलान साकिब को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद पता लगा था कि मेरठ के किठौर थाना क्षेत्र के रार्धना गांव का निवासी नईम आतंकियों को हथियार सप्लाई करता है। उसके बाद एनआईए टीम ने एटीएस और स्थानीय पुलिस की मदद से नईम के घर छापा मारा था। तब नईम एनआईए के हाथ नहीं लगा।

पुलिस ने कस्टडी में लेने से किया था इंकार
फरार होने के कुछ दिन बाद नईम स्थानीय पुलिस के संपर्क में आया और उसने सरेंडर होने की इच्छा जताई। तब पुलिस के पास उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं था और न ही एनआईए की तरफ से निर्देश थे। इसलिए पुलिस ने उसे कस्टडी में लेने से इंकार कर दिया था। बाद में एनआईए ने मेरठ पुलिस को सूचित किया कि नईम वॉन्टेड है। इसके बाद पुलिस ने नईम की तलाश शुरु कर दी थी।

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