शहीद हेमंत करकरे का अपमानः चौतरफा घिरीं प्रज्ञा ठाकुर का यू-टर्न, बयान पर मांगी माफी

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मेरे बयान से देश के दुश्मनों को हो रहा फायदा- प्रज्ञा ठाकुर

भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर

भोपाल। 26/11 ,2008 को हुए मुंबई हमले में शहीद पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाली साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने यू-टर्न ले लिया है। उन्होंने अपने बयान पर माफी मांग ली है। बता दें कि अशोक चक्र से सम्मानित शहीद करकरे पर बयान देकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर फंस गई हैं। उनकी चौतरफा निंदा और किरकिरी हो रहीं है। देशभर में इस बयान के खिलाफ लोगों ने गुस्सा दिखाया। वहीं मध्यप्रदेश आईपीएस एसोसिएशन ने भी एक ट्वीट जारी कर विरोध जताया था। इस किरकिरी से बचने के लिए भाजपा ने बयान से किनारा कर लिया था।

मैंने महसूस किया कि देश के दुश्मनों को इस बयान से फायदा हो रहा हैं, इसलिए मैं अपना बयान वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं, ये मेरा व्यक्तिगत दर्द था।‘’

प्रज्ञा ठाकुर, भाजपा प्रत्याशी, भोपाल

आईपीएस एसोसिएशन का ट्वीट

‘’अशोक चक्र सम्मानित आईपीएस श्री हेमंत करकरे ने आतंकवादियों से लड़ते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। हम उन पर एक उम्मीदवार द्वारा दिए गए अपमानजनक बयान की निंदा करते है और मांग करते है कि हमारे सभी शहीदों का सम्मान किया जाए’’

साध्वी के बयान ने भाजपा नेताओं को भी असहज कर दिया। लिहाजा किरकिरी से बचने के लिए भाजपा ने साध्वी के बयान से किनारा कर लिया है। राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि..

‘’ भारतीय जनता पार्टी का स्पष्ट मानना है कि स्वर्गीय श्री हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए, भाजपा ने हमेशा उन्हें शहीद माना है। जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस संदर्भ में बयान का विषय है, वह उनका निजी बयान है जो वर्षों तक उन्हें हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया होगा।‘’

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वहीं इस मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा कि- ‘’देश की रक्षा कि लिए हेमंत करकरे ने अपने प्राणों की आहुती दी, उन्हें हमेशा सम्मान दिया जाना चाहिए’’

गुरुवार को ये बोली थी प्रज्ञा ठाकुर
साध्वी प्रज्ञा ने कहा, “हेमंत करकरे को जांच आयोग के सदस्य ने बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वी जी को छोड़ दो। सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, तब करकरे ने कहा कि मैं कुछ भी करूंगा लेकिन सबूत लेकर आऊंगा। मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा। ये उसकी कुटिलता थी, ये देशद्रोह था।“

प्रज्ञा ने आगे कहा, ‘यह उसकी कुटिलता थी। यह देशद्रोह था, यह धर्मविरुद्ध था। तमाम सारे प्रश्न करता था। ऐसा क्यों हुआ, वैसा क्यों हुआ? मैंने कहा मुझे क्या पता भगवान जाने। तो क्या ये सब जानने के लिए मुझे भगवान के पास जाना पड़ेगा। मैंने कहा बिल्कुल अगर आपको आवश्यकता है तो अवश्य जाइए। आपको विश्वास करने में थोड़ी तकलीफ होगी, देर लगेगी। लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा।’

साध्वी प्रज्ञा ने हिरासत के दौरान उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इतनी यातनाएं दीं इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी मेरे लिए और मेरे लिए नहीं किसी के लिए भी। मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन इसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया।’

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