कानपुर के करीब पूर्वा एक्सप्रेस पटरी से उतरी, 100 से ज्यादा घायल

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  • देर रात 1 बजे के करीब रूमा में हुआ हादसा, 15 डिब्बे पटरी से उतरे
  • 4 डिब्बे पलटे, एसी कोच बी—3 पूरी तरह क्षतिग्रस्त, किसी की मौत की खबर नहीं

कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर के शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात करीब 1 बजे बड़ा रेल हादसा हो गया है। रात तकरीबन 12.51 बजे हावड़ा से नई दिल्ली जा रही पूर्वा एक्सप्रेस के 15 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से चार डिब्बे पलट गए इससे ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। हादसे में एसी कोच बी-3 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। कोचों में सवार यात्री अचानक हुए हादसे से सकते में आ गए। हादसे में किसी की मौत की खबर नहीं मिली है। जानकारी के मुताबिक 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रेलवे ने राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया है। हादसे के बाद से इस मार्ग पर सभी रेल आवागमन ठप है।

घायल यात्रियों का प्राथमिक इलाज कराया गया। कुछ को इलाज के लिए पासे के ही अस्पतालों में भिजवाया गया। कानपुर के अलावा इलाहाबाद से दुर्घटना राहत ट्रेन और वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम मौके पर रवाना कर दी गई। इधर, जानकारी मिलते ही शहर पुलिस अलर्ट हो गई। एसपी ग्रामीण कई थानों की फोर्स के साथ हादसा स्थल पर पहुंच गए। कई एंबुलेंस भिजवाई गईं। वहीं, घायल यात्रियों को बेहतर चिकित्सा मुहैया कराने के लिए हैलट में भी चाक-चौबंद व्यवस्थाएं कर दी गईं। स्ट्रेचर के वार्ड ब्वॉय तैनात कर दिए गए।


हादसे के चलते कानपुर में हमसफर और शिव गंगा समेत तीन ट्रेनें खड़ी रहीं। इसके अलावा इलाहाबद जोन में करीब 32 ट्रेनें जहां की तहां रोक दी गई हैं। शनिवार दोपहर 12 बजे तक रेल संचालन बहाल होने की उम्मीद है। घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही रेलवे ने कानपुर और इलाहाबाद के लिए 1072 हेल्पलाइन नंबर जारी कर दिया है।

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127 किमी थी हादसे के वक्त ट्रेन की रफ्तार
दुर्घटनाग्रस्त पूर्वा एक्सप्रेस के ड्राइवर फूल सिंह के मुताबिक, ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 130 किलोमीटर प्रति घंटे है और हादसे के समय ट्रेन लगभग 127 की स्पीड से दौड़ रही थी। हादसे के समय कुछ जर्क तो लगा लेकिन हादसे का अंदाजा नहीं था। गार्ड ने वाकीटाकी से सूचित कि ट्रेन डिरेल हो गई है तब इमरजेंसी ब्रेक लगाई गई। इसके बाद साथी पायलट के साथ नीचे उतरकर देखा तो भयावह मंजर देख रूह कांप गई। भगवान का शुक्र है कि कोई जनहानि नहीं हुई है।

क्या होता है एलबीएच कोच
रेल यात्रा सुरक्षा मानकों को बेहतर बनाने के लिए भारतीय रेलवे लिंके होफमान बुश (LHB) डिजाइन कोच का उपयोग करने और पुराने आईसीएफ डिजाइन कोच के उत्पादन को रोकने का फैसला किया है। एलएचबी डिजाइन कोच वजन में हल्का है। इतना ही नहीं, एलएचबी कोच के पास बेहतर ढुलाई के साथ-साथ हाई स्पीड क्षमता भी है। भारतीय रेलवे का कहना है कि इन सुविधाओं के अलावा, एलएचबी डिजाइन कोच ने बेहतर सुरक्षा सुविधाओं में बढ़ोतरी की है। एलएचबी कोच में एंटी-क्लाइम्बिंग जैसी विशेषताएं होती हैं। ताकि टकराव की स्थिति में कोच एक-दूसरे पर न चढ़ सके।

अब सिर्फ बनाए जाएंगे एलबीएच कोच
रेल मंत्रालय ने यात्रियों को सुरक्षित और अधिक आरामदायक यात्रा प्रदान करने के लिए भारतीय रेलवे ने एलएचबी कोच के साथ मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों के पारंपरिक आईसीएफ डिजाइन कोच को चरणबद्ध तरीके से बदलने का फैसला किया है। साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि अप्रैल 2018 से उत्पादन इकाइयों द्वारा सिर्फ एलएचबी कोच बनाए जाएंगे।भारतीय रेलवे का कहना है कि दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सभी संभावित कदम उठाए जा रहे हैं। जैसे कि ट्रैक, रोलिंग स्टॉक, इंटरलॉकिंग सिस्टम और सिग्नलिंग के बेहतरी और रखरखाव के लिए उपयुक्त टेक्नोलॉजी को अपनाने, सुरक्षा ड्राइव, सुरक्षा निरीक्षण, अधिकारियों को प्रशिक्षण, सुरक्षित प्रथाओं के पालन के लिए कर्मचारियों को शिक्षित करना आदि।

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