MP Cop Gossip:बिना काम का ‘ई—नाम’

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MP Cop Gossip: सीनियर सिटीजन की एक एफआईआर में प्रभारी कर रहे ‘खेल’

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भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस महकमा काफी बड़ा है। हर एफआईआर पर ​बारीकी से निगाह रख पाना आसान भी नहीं है। कई बार नजरों के सामने ऐसी बातें रह जाती है जो जनता के बीच आना चाहिए। ऐसे ही प्रयासों के तहत हमारा यह साप्ताहिक कॉलम है एमपी गॉसिप (MP Cop Gossip)। हमारा मकसद किसी व्यक्ति को छोटा—बड़ा बताना नहीं है। बल्कि भीतर ही भीतर चल रहे घमासान को उजागर करना है।

थानेदार अपना चोर नहीं पकड़ सके

पिछले दिनों शहर के एक थाने के थानेदार की पल्सर बाइक चोरी चली गई। इस बात को वह बता भी नहीं सकते थे। इसलिए गुपचुप तरीके से वे अपना वाहन तलाश रहे थे। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिली। लेकिन, महकमे के प्रभारी ने उन्हें वाहन चोर को पकड़ने की अनुमति नहीं दी। प्रभारी का कहना था कि वे संबंधित इकाई को सूचित करके धरपकड़ कराए। लेकिन, उससे पहले मुकदमा दर्ज किया जाना जरुरी था। यह थाना सड़क पर पड़ता है और उसके बाद भोपाल शहर ही समाप्त हो जाता है।

बूढ़ों के साथ Super Cop का खेल

पिछले दिनों दो सीनियर सिटीजन के खिलाफ बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया। इस आरोप में वे काफी महीने जेल में भी रहे। इस मामले में भीतर की खबर यह है कि एक थाने के प्रभारी महोदय एफआईआर में ‘तोड़’ के लिए तैयार हुए है। यह तोड़ दोनों सीनियर सिटीजन की कमर तोड़े दे रहा है। पहली तो एफआईआर के बाद ही दोनों की सामाजिक हत्या की जा चुकी है। अब आर्थिक हत्या की तैयारी भीतर ही भीतर चल रही है। पूरे मामले में कई तकनीकी पेंच है। जिसकी जानकारी एफआईआर दर्ज करने वाले एक्सपर्ट जानते भी है। इसी एक्सपर्टी का “तोड़” इसमें अब देखा जा रहा है।

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मियां भोपाल में यह क्या चल रिया है…

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पिछले दिनों गौतम नगर थाने से एक्टिवा मोपेड चली गई। पहले तो इस घटना को दबाकर रखा गया। जब इसके वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुए तो एफआईआर दर्ज की गई। फिर इसके बाद थाने की टीम और दो एसीपी स्तर के अफसर लगे। मामला 12 हजार रुपए की मोपेड चोरी का था। जिसमें 100 कैमरों को खंगालने के बाद नाबालिग समेत दो चोरों को दबोचा गया। उनसे दो मोपेड भी मिली। जिसकी एफआईआर देरी से हुई तो दूसरे की एफआईआर का पता ही नहीं था। यहां तक तो सबकुछ ठीक था। अफसरों को इस मामले में जवाब लेना था। लेकिन, अफसरों ने 12 हजार की मोपेड चोरी पर टीम को 10 हजार रुपए का रिवार्ड दे दिया है। यह बात सुनकर पुराने शहर का हर बाशिंदा बोल रिया है मियां यह चल क्या रिया हैं।

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