BHOPAL CRIME : मानवाधिकार आयोग ने आईजी से मांगी एक महीने में रिपोर्ट

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BHOPAL CRIMEकमला नगर में मासूम गुडिय़ा से रेप के बाद हत्या के मामले में दिया आदेश, पुलिस के रवैये से नाराज नजर आया आयोग

भोपाल। राजधानी में नौ साल की गुड़िया से (Bhopal crime) रेप के बाद हत्या के मामले में मानवाधिकार आयोग सख्त हो गया है। उसने भोपाल आईजी योगेश देशमुख से एक महीने में प्रतिवेदन मांगा है। इसमें ड्यूटी ऑफिसर से लेकर उनकी भूमिका पर जवाब तलब किया गया है।
जानकारी के अनुसार मानवाधिकार आयोग ने कमला नगर इलाके की (Bhopal crime) घटना को गंभीरता माना है। आयोग ने इस मामले में पूछा है कि धारा 166-ए के तहत दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई अथवा नहीं। इस संबंध में निर्देश केन्द्रीय गृह विभाग की तरफ से जारी किए गए हैं। इस धारा के तहत लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ एक साल तक की सजा का प्रावधान भी है। इसी धारा के तहत चार बिन्दुओं पर आयोग ने भोपाल आईजी से जवाब (Bhopal crime) मांग लिया है।

इन सवालों पर मांगा जवाब
आयोग ने भोपाल आईजी से पूछा है कि (Bhopal crime) घटना की रिपोर्ट में हुई देरी पर क्या कार्रवाई की गई। दूसरा बिन्दु जो शामिल है उसमें पूछा गया है कि धारा-166 के तहत मामला बनाया गया है दोषी कर्मचारियों पर। तीसरा सवाल पूछते हुए आयोग ने भोपाल पुलिस से रिपोर्ट मांग ली है। आयोग ने पूछा है कि धारा-166-ए के तहत पूरे भोपाल संभाग में कभी कोई कार्रवाई हुई है अथवा नहीं।

इन पर गिरी थी गाज
ज्यादती के मामले में (Bhopal crime) देरी पर पुलिस अफसरों ने कमला नगर थाने में तैनात सात अफसर और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। यह ड्यूटी पर थे और सूचना मिलने के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं की। उल्टा पीडि़त परिवार से कहा गया कि वह किसी के साथ भाग गई होगी। लापरवाही की यह गाज एएसआई देव सिंह, हवलदार नरेन्द्र, जगदीश, आरक्षक बृजेन्द्र, रूप सिंह, प्रहलाद और वीरेन्द्र सिंह को सस्पेंड किया गया था। आरोप है कि यह कर्मचारी डेढ़ घंटे देरी से मौके पर पहुंचे थे।

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