E-Tender Scam : EOW की 6 जगहों पर छापे मारने की तैयारी

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E-Tender Scamगिरफ्तार E-Tender Scam के आरोपियों को Judicial Remand अदालत ने बढ़ाई, गुजरात की कंपनी पर EOW ने दी दबिश

भोपाल। ई-टेंडर घोटाले (E-Tender Scam) में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) 6 जगहों पर छापे मारने जा रहा है। यह कार्रवाई (Big Action) बुधवार से शुरू करने की योजना है। इसके अलावा कुछ कंपनियों के यहां नोटिस चस्पा कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार ई-टेंडर घोटाले में गुजरात की एक कंपनी माधव इंफ्रा भी आरोपी है। ईओडब्ल्यू इसके दफ्तर पर छानबीन करने जा रहा है। इससे पहले गुजरात के बड़ौदा शहर की एक कंपनी सोरठिया बेलजी प्रायवेट लिमिटेड के डायरेक्टर गुजरात हाईकोर्ट पहुंच गए थे। उन्होंने हाईकोर्ट में जाकर एडवांस बैल एप्लीकेशन दाखिल किया। जिसे अदालत ने स्वीकारते हुए उन्हें जमानत दे दी। यह जानकारी ईओडब्ल्यू को लगी तो उसके बाद छापे मारने की व्यापक (Big Action) योजना बनाई गई। ईओडब्ल्यू ने जिन स्थानों पर छापे मारना है उसकी सूची बना ली है। टीम भी रवाना कर दी गई है जो ईओडब्ल्यू मुख्यालय से हरी झंडी मिलते ही कार्रवाई शुरू कर देगी।

ज्यूडिशयल रिमांड बढ़ाया
(E-Tender Scam) में ईओडब्ल्यू (EOW) अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चुका है। जिनकी गिरफ्तारी हुई है उनमें एन्ट्रैस सिस्टम लिमिटेड कंपनी के वाइस प्रेसीडेंट मनोहर एमएन, ओस्मो कंपनी के डायरेक्टर विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर और वरूण चतुर्वेदी को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा नंद कुमार ब्रह्मे को गिरफ्तार किया  है। इन सभी आरोपियों की 6 मई को ज्यूडिशियल रिमांड (Judicial Remand) समाप्त हो गया। जिन्हें अदालत में दोबारा पेश किया गया। अदालत ने सभी आरोपियों की रिमांड 17 मई तक बढ़ा दिया।
नोटिस मिलते ही गायब
ईओडब्ल्यू ने (E-Tender Scam) मामले में गुजरात की माधव इंफ्रा के खिलाफ कार्रवाई (Big Action) तेज कर दी है। इसके अलावा भोपाल की ह्यूम पाइप कंपनी को नोटिस दे दिया है। यह नोटिस लेने वाला कोई नहीं मिला तो उसे ऑफिस में चस्पा कर दिया गया है। ईओडब्ल्यू के अनुसार इस मामले में इस सप्ताह तीन अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी ईओडब्ल्यू करने जा रहा है।
क्या है मामला
ईओडब्ल्यू ने 10 अप्रैल, 2019 को ई-टेंडरिंग घोटाले के मामले में प्रकरण दर्ज किया था। इसमें जांच के लिए प्राथमिकी जून, 2018 में दर्ज हुई थी। जांच कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम नई दिल्ली से कराई गई। जल निगम के तीन टेंडर, लोक निर्माण विभाग के दो टेंडर, सडक़ विकास निगम के एक टेंडर, लोक निमाज़्ण विभाग की पीआईयू का एक टेंडर ऐसे करके कुल नौ ई-टेंडरों में गड़बड़ी करना पाया गया था।
कौन है आरोपी
इस मामले में हैदराबाद की कंपनी मैसर्स जीवीपीआर लिमिटेड, मैसर्स मैक्स मेंटेना लिमिटेड, मुंबई की कंपनियां दी ह्यूम पाइप लिमिटेड, मैसर्स जेएमसी लिमिटेड, बड़ौदा की कंपनी सोरठिया बेलजी प्रायवेट लिमिटेड, मैसर्स माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्टक्शन कंपनी मैसर्स रामकुमार नरवानी लिमिटेड के खिलाफ एफआईआर है। साफ्टवेयर बनाने वाली ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन प्रायवेट लिमिटेड, एमपी एसईडीसी, एन्टेस प्रायवेट लिमिटेड और बैगलोर की टीसीएस कंपनी को भी आरोपी बनाया है।
अब तक क्या
ईओडब्ल्यू ने इस मामले में सबसे पहले 11 अप्रैल, 2019 को भोपाल के मानसरोवर में दबिश दी। यहां से तीन आरोपियों विनय चौधरी, सुमित गोलवलकर और वरूण चतुवेदज़्ी को हिरासत में लिया। तीनों आरोपियों को 12 अप्रैल को अदालत में पेश करके 15 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया। इसी बीच 14 अप्रैल को नंदकुमार को गिरफ्तार किया गया।

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जिसे ओस्मो कंपनी के तीनों आरोपियों के साथ 15 अप्रैल को जिला अदालत में न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडे की अदालत में पेश किया गया। यहां से आरोपियों से अनुसंधान से जुड़ी जानकारियों के संबंध में पूछताछ करने के लिए 18 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया।

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