EC Mistake : निर्वाचन आयोग ने एक ही अफसर की लगाई दो जगह ड्यूटी, गलती छुपाने कर दिया सस्पेंड

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EC Mistakeमीडिया में आई रिपोर्ट के बाद मिली लापरवाही की जानकारी, आज भी ड्यूटी पर तैनात सस्पेंड किया गया कर्मचारी

भोपाल। चुनाव आयोग की गलती (EC Mistake) से एक अफसर की दो जगह ड्यूटी लगा दी गई। लापरवाही से बचने के लिए चुनाव ड्यूटी से जुड़े अफसरों ने उसी अफसर पर ठीकरा फोड़ दिया जिसकी दो जगह ड्यूटी लगाई गई थी। अफसर अभी भी चुनाव ड्यूटी में तैनात है और नौकरी कर रहा है।

यह है मामला
भोपाल कलेक्टर सुदाम खाड़े ने छह अफसरों को सस्पेंड करके घर बैठा दिया था। इस संबंध में 6 मई को आदेश जारी हुए थे। आरोप लगाया गया था कि पीठासीन अधिकारियों के ट्रेनिंग प्रोग्राम 4 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच यह अफसर वहां नहीं पहुंचे थे। जिन अफसरों को सस्पेंड किया गया था उनमें बैंक ऑफ इंडिया में तैनात सौरभ सौहगोरा, महालेखाकार विभाग में वरिष्ठ लेखा परीक्षक पंकज पाठक, निशातपुरा कोच फैक्ट्री में तैनात कैशियर अरूण कुमार झा, भेल में तैनात इंजीनियर विकास सिंह, कृषि विभाग में तैनात सहायक ग्रेड-2 डीसी जोशी, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय में तैनात कनिष्ठ अनुवाद मनीष कुमार जांगिड़ को सस्पेंड किया था।

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इन नियमों के तहत कार्रवाई
कलेक्टर ने आदेश में लिखा था कि इन अफसरों ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 की उल्लंघन की श्रेणी में आता है। इसलिए कलेक्टर ने संसदीय क्षेत्र 19 के रिटर्निंग अफसर के नाते यह कदम उठाया। यह जानकारी जब मीडिया में आई तो सस्पेंड हुए कर्मचारियों में शामिल पंकज पाठक हैरान (EC Mistake) रह गए। दरअसल, उनका नाम अखबारों में छपा था और वह बैरसिया विधानसभा की पंचायत भवन में चुनाव ड्यूटी में तैनात थे। उन्होंने बताया कि मेरी ड्यूटी भारतीय स्टेट बैंक की शाखा के लिए लगाई गई थी।

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इस तरह हुई चूक
पंकज पाठक ने बताया कि मेरी ड्यूटी महालेखाकार कार्यालय से बैरसिया में लगाई गई थी। वे लेखा दल में शामिल थे। उनका नाम लेखा दल की सूची में अन्य के साथ था। आदेश मिलने के बाद वे बैरसिया चले गए। इसके कुछ दिन बाद जिला प्रशासन से यह बोलकर फोन आया कि उनकी पीठासीन अधिकारी प्रशिक्षण के आना है। तब उन्होंने बताया कि मेरी ड्यूटी लेखा दल में हैं और वह उसे अभी भी कर रहे हैं। फिर प्रशासन की तरफ से बताया गया कि उसमें सुधार (EC Mistake) कर लिया जाएगा। इसके बाद सस्पेंड का आदेश निकल गया जिसकी खबर उन्हें मीडिया से लगी।

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मेडिकल लगाकर ड्यूटी से बचने वाले १४ अफसर और कर्मचारियों की नौकरी पर बन आई
कलेक्टर कार्यालय ने लोकसभा चुनाव के दौरान ड्यूटी से बचने के लिए आवेदन लगाने वाले 14 अफसर और कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के आदेश जारी किए हैं। कार्यालय ने आदेश में लिखा है कि जिन कर्मचारियों ने बीमारी बताई है वह काफी गंभीर है। इसलिए इन कर्मचारियों की सेवाएं सरकार की दूसरी सेवाओं में भी नहीं ली जा सकती। यह देखते हुए अफसर और कर्मचारियों पर 20 साल की सेवा और 50 वर्ष की आयु फॉर्मूले के तहत कार्रवाई की जाए। इन कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति भी दी जाए। जिन अफसर और कर्मचारियों के लिए यह आदेश जारी किए है उनमें स्वास्थ्य संचालनालय में तैनात सुनील कुमार खरे, जहांगीराबाद स्कूल टीचर नाहिद रिजवी, कोटरा सुल्तानाबाद स्कूल सावित्री, मनीषा बेरी, कहकशा हबीब खान, अधीक्षण यंत्री उमा सक्सेना, मानचित्राकार कमला उद्दीन, सहायक यंत्री पीएचई नीरज दुबे, अशोक कुमार, आरिफ खान, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया डिप्टी मैनेजर हेमंत बहुगुणा, मैनिट अधीक्षक अहमद बैग, आईटीआई प्राचार्य ओपी यादव और बैरसिया में टीचर हरप्रसाद वंशकार के नाम हैं। इन सभी अफसरों और कर्मचारियों ने हार्निया, घुटनों के जोड़, बीपी, हाईपर टेंशन की शिकायत बताते हुए मेडिकल बोर्ड के समक्ष अपनी रिपोर्ट पेश की थी। इसी रिपोर्ट को आधार बनाते हुए कलेक्टर ने आदेश जारी किया है।

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