बजरंग दल के पूर्व संगठन मंत्री ने दो ठेकेदारों की जमीन फंसाई

Share

दो साल चली जांच के बाद अवधपुरी पुलिस ने दर्ज किया जालसाजी का मामला, महिला समेत छह आरोपियों के एफआईआर में नाम

भोपाल। अवधपुरी थाना पुलिस ने दो साल पहले दिए गए एक आवेदन की जांच के बाद जालसाजी का मामला दर्ज किया है। इस मामले में बजरंग दल के पूर्व संगठन मंत्री, उसके भाई समेत छह लोगों के नाम एफआईआर में हैं। आरोपियों ने जमीन मालिक से मिलीभगत करके लाखों रुपए की जमीन पर विवाद खड़ा कर दिया है।

जानकारी के अनुसार ग्वालियर निवासी रानी शर्मा और नरसिंहपुर निवासी वीरेन्द्र गिरी गोस्वामी ने अवधपुरी इलाके के शिव मंदिर के नजदीक तीन एकड़ से अधिक जमीन में से कुछ जमीन खरीदी थी। इससे पहले यह जमीन पन्नालाल ने खेमचंद व हकुमचंद से 1977 में खरीदी थी। खसरा पन्नालाल व उसके भाई हुकुमचंद एवं उनकी माता श्रीमती हरकोबाई के नाम दर्ज था। इस जमीन को नारायण नगर निवासी 2002 में हंसा चतुर्वेदी ने खरीदी। यह जमीन मेन रोड पर थी। हंसा ने 2003 में बेटे मयंक के नाम से सैटलमेंट कराया। इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब वीरेन्द्र गिरी गोस्वामी और रानी शर्मा की तरफ से रखे चौकीदार को डरा-धमकाकर भगा दिया गया। उसकी सूचना के बाद ही मामले में शिकायत की गई।
शिकायत जून, 2016 में की गई थी। जांच में मालूम हुआ कि रामजी पाठक ने एक नामांतरण प्रकरण एसडीएम कोर्ट में पेश किया। जिसकी खबर लगने पर पीडि़तों ने विरोध करते हुए उसे रद्द भी कराया। जांच के बाद पुलिस ने यह मान लिया है कि पन्नालाल, मँगोबाई, महेश पाठक, रामजी पाठक, जगदीश पाठक और प्रीति पाठक ने यह जानते हुए कि जमीन मयंक चतुर्वेदी की है और उसमें कब्जा करने के उद्देश्य से फर्जी दस्तावेज बनाए। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। आरोपी रामजी पाठक पहले बजरंग दल में पदाधिकारी रहा है। उसके बाद वह विश्व हिन्दू परिषद चला गया था।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Crime: आभूषण कारोबारी ब्लैकमेल की धमकी सुनकर थाने पहुंचा
Don`t copy text!