पिता के लिए बेटे को बनना पड़ा “गब्बर”, पुलिस को बुलाकर लाश सौंप दी

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नर्मदा अस्पताल में हुए हंगामे के बाद शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया, बेटे का आरोप नोट कमाने के लिए म्मृत पिता का कर रहे थे इलाज

भोपाल। भ्रष्टाचार पर केन्द्रीत फिल्म गब्बर इज बैक आपको याद होगी। इसमें एक सीन है जिसमें शव को अस्पताल में ले जाकर मुख्य अभिनेता अक्षय कुमार उसका इलाज कराते हैं। आरोप है कि कुछ इसी तरह से भोपाल के नर्मदा अस्पताल में भी किया जा रहा था। इस मामले में हबीबगंज थाने में शिकायत की गई है।

सीहोर के नजदीक सेमरी कलां निवासी राहुल मेवाड़ा ने बताया कि 45 वर्षीय पिता लखन मेवाड़ा 10 अप्रैल को दुर्घटना में जख्मी हो गए थे। वे बाइक से रिश्तेदार की रसोई में जा रहे थे। उन्हें ट्रैक्टर ने टक्कर मार दी थी। पिता को पहले तृप्ति अस्पताल लाया गया। वहां सही इलाज नहीं मिला तो भोपाल के नर्मदा अस्पताल में शिफ्ट कराया गया। यहां गुरुवार को शंका हुई तो डॉक्टरों से कहा गया कि हमें पिता को डिस्चार्ज कराना है। उस वक्त वेंटीलैटर चल रहा था। डॉक्टरों ने कहा कि रिसेप्शन में जाकर 50 हजार रूपए जमा करा दीजिए। इसके बाद वेंटीलैटर बंद कर दिया गया। हमने जब विरोध किया तो अस्पताल ने पुलिस को बुलाकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिवार ने इस मामले में हबीबगंज थाने में शिकायत की है। हंगामा होने पर मीडिया भी पहुंच गया था।

हमने सहमति लेने के बाद निर्णय लिया

पहले चित्र में अस्पताल के डॉक्टर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए दूसरे चित्र में कार्रवाई और बयान दर्ज करती हुई हबीबगंज थाना पुलिस

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पुलिस ने मर्ग कायम कर शव पीएम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। हबीबगंज थाना पुलिस ने बताया कि घटना सीहोर के कोतवाली थाने की है। इसलिए यहां मर्ग कायम करके केस डायरी कोतवाली थाने भेजी जाएगी। परिवार के बयान और मामले की जांच कोतवाली थाना पुलिस ही करेगी। इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि हमने नियमानुसार कार्रवाई की है। इसमें परिवार से सहमति लेने के बाद वेंटीलैटर हटाने का निर्णय लिया था। इसके पहले अस्पताल के सर्जन ने मरीज की रिपोर्ट परिजनों को दे दी थी।

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