लाश की फोटो खींचने वाले वाहन चालकों पर पुलिसकर्मी ने अपनाई ये तरकीब, शर्म से पानी-पानी हुए लोग

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न्यूरेमबर्ग। आमतौर पर किसी हाइवे पर दुर्घटना के बाद उसकी तस्वीरें खींचने वालों की लाइन लग जाती है। ऐसी तस्वीरों को खूब वायरल भी किया जाता है। हालांकि इससे दुर्घटना में घायल हुए लोगों को कोई खास फायदा नहीं होता है, साथ ही बचाव दल और पुलिसकर्मियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद ये कर्मचारी अपने मूल काम पर ही तवज्जो देते हैं, और गुजरनेवालों को नजरअंदाज करते हैं। लेकिन जर्मनी के न्यूरेमबर्ग में एक पुलिसकर्मी ने एक ऐसी तरकीब निकाली कि फोटो खींचने वाले पानी पानी हो गए और माफी मांगते हुए अपनी राह ली। घटना जर्मनी के बवेरिया के न्यूरेमबर्ग की है। पुलिस वाले के समझाने के अनोखे तरीके को सराहना भी मिली है और प्रांत के गृह मंत्री ने पुलिसकर्मी के संवेदनापूर्ण बर्ताव की तारीफ भी की है।

क्या है मामला
बवेरिया में न्यूरेमबर्ग के हाईवे पर एक दुर्घटना हुई, जिसमें एक मौत भी हुई। हाईवे की दूसरी ओर से गुजरने वाली गाड़ियों में बैठे लोग इसकी तस्वीर ले रहे थे। इसकी वजह से हाईवे पर जाम लगता जा रहा था। वायरल हो रहे वीडियो से पता चलता है कि दुर्घटनाग्रस्त इलाके के करीबी ट्रांसपोर्ट पुलिस स्टेशन के प्रमुख श्टेफान फाइफर ने कई ड्राइवरों से दुर्घटनाग्रसस्त ट्रक के मृत ड्राइवर के पास जाने और उसकी लाश के साथ फोटो खिंचवाने की पेशकश की। गाड़ी में बैठे एक व्यक्ति से वे कहते हुए दिख रहे हैं कि क्या आप एक मृत व्यक्ति के साथ फोटो खिंचवाना चाहते हैं? उसे हैलो बोलना चाहते हैं? इस पर चालक शर्मिंदा होते हुए माफी मांगने लगे।

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अनाधिकृत तस्वीर पर है 10 हजार रुपए का जुर्माना
वैसे जर्मनी में दुर्घटना की अनाधिकृत तस्वीर लेने पर 128.5 यूरो यानी करीब 10 हजार रुपए का जुर्माना है। हालांकि जुर्माना मांगने से पहले वहां तैनात पुलिसकर्मी ने हाईवे के गाड़ी चालकों को कुछ इस तरह इस मुद्दे से रूबरु कराया कि उनके पास माफी मांगने के अलावा कोई विकल्प बाकी नहीं बचा था।

करना चाहते थे शर्मिंदा
मामले में पुलिस प्रवक्ता ने बतया है कि फाइफर किसी को भी मृतक की लाश नहीं दिखाना चाहते थे, बल्कि उनसे जुर्माना लेने से पहले उन्हें उनके बर्ताव पर शर्मिंदा करना चाहते थे। फाइफर के इस व्यवहार पर कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं होगी। पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, उनका व्यवहार अपराध की किसी श्रेणी में नहीं आता, लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि यह व्यवहार कोई आम पुलिसिया व्यवहार नहीं है।

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