Covid-19 Effect News: क्वारंटाइन से लौटने पर बैरक छीना, प्रभारी ने नहीं दी इंट्री

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पुलिस अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद तीन घंटे फुटपाथ फिर कंट्रोल रुम में गुजारा दिन

Covid-19 Effect News
चिलचिलाती धूप के बीच फुटपाथ पर समय काटते पुलिसकर्मी

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस (MP Coronavirus News) के चलते लॉक डाउन चल रहा है। इस महामारी की मार सर्वाधिक इंदौर, भोपाल उज्जैन में पड़ी है। भोपाल में स्वास्थ्य विभाग के बाद पुलिस (Bhopal Police News) का महकमा सर्वाधिक संक्रमित हुआ है। इस बीमारी ने लगभग एक दर्जन पुलिसकर्मियों से बैरक का सहारा भी छीन लिया। यह पुलिसकर्मी पुलिस (Bhopal Police Covid-19 Effect) अस्पताल में ही क्वारंटाइन के लिए रखे गए थे। अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद फुटपाथ पर इन पुलिसकर्मियों ने चिलचिलाती धूप में दिन गुजारा। यह खबर जब सोशल मीडिया में वायरल हुई तो अफसरों ने मोतीलाल नेहरु स्टेडियम में उन्हें पहुंचा दिया।

जानकारी के अनुसार पुलिस अस्पताल में तैनात डॉक्टर अरविंद यादव की पत्नी हमीदिया अस्पताल में हैं। उनकी पत्नी कोरोना पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद डॉक्टर अरविंद यादव (Dr Arvind Yadav), उनकी बेटी, ड्रायवर समेत चार लोगों के सैंपल जांच के लिए लिए गए थे। ड्रायवर पुलिस विभाग का ही कर्मचारी था। वह डॉक्टर अरविंद यादव की पत्नी को भी अस्पताल लाता और ले जाता था। इस कारण ड्रायवर को भी क्वारंटाइन किया गया। ड्रायवर भोपाल में एमटी पुल के बैरक में रहता था। जिसके साथ एक दर्जन अन्य एमटी पुल के कर्मचारी रहते थे। इन कर्मचारियों को भी सुरक्षा के लिए पुलिस अस्पताल में ही क्वारंटाइन किया गया। हालांकि बाद में डॉक्टर अरविंद यादव समेत चार लोगों की रिपोर्ट नैगेटिव आई थी। पुलिस अस्पताल में क्वारंटाइन किए गए कर्मचारियों के भी सैंपल रिपोर्ट नैगेटिव आए थे। जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। लेकिन, एमटी पुल के प्रभारी शरद सिंह रावत ने क्वारंटाइन से लौटे कर्मचारियों को बैरक पर एंट्री नहीं दी। नतीजतन, यह कर्मचारी पुलिस पेट्रोल पंप के सामने पेड़ के नीचे फुटपाथ पर सो गए।

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यह जानकारी सोशल मीडिया में वायरल हुई। जिसके बाद अफसरों ने उनको पुलिस कंट्रोल रुम में बैठाया। यहां से देर शाम इन कर्मचारियों को मोतीलाल नेहरु स्टेडियम के शेड में पहुंचा दिया। इन कर्मचारियों के लिए पलंग और गद्दे के इंतजाम किए गए। इस मामले में द क्राइम इंफो ने शरद सिंह रावत से उनकी प्रतिक्रिया के लिए फोन लगाया। दो बार अलग—अलग समय में कॉल करने के बावजूद उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इधर, पुलिस अनुशासन के चलते एमटी पुल शाखा के कर्मचारी खुलकर अपना नाम और समस्या आधिकारिक रुप से बताने के लिए राजी नहीं थे। कर्मचारियों ने भरी दोपहरी में फुटपाथ पर समय बिताने को लेकर भी कोई कारण नहीं बताया।

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