Bhopal Crime: कोरोना वॉरियर्स का ऐसा सम्मान, पूरा थाना घटना से अनजान

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शारदा अस्पताल में इलाज कराने के दौरान हुए विवाद के बाद तोड़फोड़

Bhopal Sharda Hospital Crime News
भोपाल में स्थित शारदा अस्पताल

भोपाल। पूरा देश जब वैश्विक महामारी (Covid 19) की चपेट में जब आना शुरु हुआ था तब कोरोना वॉरियर के सम्मान में ताली, थाली, घंटी, दीपक और शंख बजाकर सम्मान दिया गया था। यह सम्मान डॉक्टर, नर्स, पुलिस समेत तमाम मैदानी अफसरों को दिया गया था। लेकिन, यह सम्मान की तीन महीने बाद ही हवा निकलने लगी। घटना मध्य प्रदेश की राजधानी (Bhopal Crime News In Hindi) भोपाल की है। यहां शारदा अस्पताल (Sharda Hospital Ke Jam Kar Hui Todh Phod) में जमकर तोड़फोड़ और कर्मचारियों से मारपीट की गई। इस मामले में पुलिस ने एक नहीं दो मुकदमे दर्ज किए। लेकिन, पुलिस के अफसर और जांच अधिकारी दोनों ही मुकदमों को लेकर अनजान (Kamla Nagar Thane Ka Mamla) थे। जबकि कोरोना वॉरियर की सुरक्षा और उनकी परेशानियों को दूर करने को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से लेकर कई अन्य बुद्धिजीवी वर्ग ने की है।

गमले तोड़े पर पता नहीं

घटना कमला नगर थाना क्षेत्र स्थित शारदा अस्पताल की है। यह तोड़फोड़ की घटना 9 जून की रात 10 बजे की है। यहां शारदा अस्पताल में प्रेम नारायण सोनी (Prem Narayan Soni) उम्र 40 साल रिसेप्शन में बैठते हैं। उनसे प्रदीप उर्फ मोटू (Pradeel @Motu), उसकी मां और दो अन्य साथी ने हमला कर दिया। पुलिस ने इस मामले में धारा 294/427/323/506/34 (गाली—गलौज, तोड़फोड़, मारपीट, धमकाने और एक से अधिक आरोपी) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस का दावा है कि प्रदीप को दूसरे अस्पताल (Sharda Hospital Ke Recipient Se Maar Peer) रैफर किए जाने की बात से वह नाराज हो गया था। वह मारपीट के एक मामले में जख्मी हुआ था।

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यहां से अस्पताल पहुंचा मामला

घटना की शुरुआत शबरी नगर इलाके से हुई थी। यहां प्रदीप उर्फ मोटू के साथ ओम प्रकाश और रोहित ने मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने धारा 294/323/324/506/34 (गाली—गलौज, मारपीट, धारदार हथियार से हमला, धमकाने और एक से अधिक आरोपी) के तहत प्रकरण बनाया। पुलिस इस विवाद को लेकर भी कोई ठोस कारण नहीं बता सकी। पुलिस ने एक व्यक्ति से जुड़े दो मामले दर्ज किए। लेकिन, एक में उसको फरियादी तो दूसरे में उसको आरोपी बनाकर पूरे प्रकरण को बेहद पेचिदा बना दिया।

अफसर रहे अनजान

दोनों मुकदमे में गंभीर धाराएं हैं। इन धाराओं को लेकर थाने और उसके जिम्मेदार अफसरों की बातचीत से यह इल्म नहीं हुआ कि वह कोरोना वॉरियर से जुड़े इस मामले को लेकर वे संवेदनशील है। इस मामले की जानकारी कमला नगर थाने में किसी भी मुंशी अथवा अन्य कर्मचारी को नहीं थी। मामले की जांच एएसआई भगवान सिंह वर्मा (ASI Bhagwan Singh Verma) के पास है। लेकिन, जब उनसे कारण पूछे गए तो उनकी सांसे फूल गई। उन्होंने कहा कि मुझे याद नहीं है। केस डायरी थाने में हैं और मैं इस वक्त बाजार ड्यूटी में हूं।

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