एसटीएफ ने हथियार के बड़े सप्लायर को दबोचा

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डील कर रहे दो ग्राहक धरपकड़ के दौरान भागने में कामयाब रहे, एक सप्ताह के भीतर दूसरी सफलता

गिरफ्तार विष्णु
गिरफ्तार सतनाम

भोपाल। मध्यप्रदेश एसटीएफ की ग्वालियर यूनिट को एक सप्ताह के भीतर दूसरी बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने मुरैना जिले के सिविल लाइन्स थाने की मदद से अवैध हथियार बेचने खरगोन से आए दो सप्लायर को दबोचा। जब यह कार्रवाई की जा रही थी तब वे दो ग्राहकों से डील कर रहे थे। धरपकड़ में वह फरार होने में कामयाब रहे। एसटीएफ को तलाशी में 10 पिस्टल 32 बोर की और 10 जिंदा कारतूस जब्त करने में सफलता मिल गई है।

ऐसे लगा सुराग

एसटीएफ ने पिछले सप्ताह ही श्याम सिंह तोमर को हथियारों के साथ दबोचा था। उससे भारी मात्रा में हथियार मिले थे। उसने पूछताछ में बताया था कि उसे खरगोन से यह सप्लाई मिलती थी। इस सूचना के बाद एसटीएफ ने मुख्य व्यक्ति तक पहुंचने के लिए जाल बिछाया। इसके लिए बकायदा रैकी भी की गई। सूचना तस्दीक़ होने पर एसटीएफ टीआई चेतन सिंह ने मुरैना एसपी अमित सांघी से मदद माँगी। उन्होंने एएसपी अनुराग सुजानिया के नेतृत्व में टीम बनाई। जिसमें सिविल लाइन्स थाना प्रभारी जितेंद्र मावाई को भी लगाया गया।

ग्वालियर में एक दर्जन ग्राहक

संयुक्त टीम ग्राम अजीतपुर में डेरा जमाए हुए थी। वहां लाल रंग की शर्ट पहने दो व्यक्ति खड़े थे। इनकी ही पुख्ता जानकारी एसटीएफ को लगी थी। टीम ग्राहकों का भी आने का इंतजार करती रही। तभी वह भी आ गए। हालांकि, धरपकड़ में वह भाग गए। गिरफ्तार आरोपियों ने अपनी पहचान सतनाम पिता उत्तम सिंह टकराना उम्र 22 और विष्णु पिता माखन दामोड़े उम्र 26 के रुप में बताई। दोनों आरोपी खरगोन जिले के क्रमशः थाना गोगांव और चैनपुर के हैं। आरोपियों की दी गई जानकारी की तस्दीक के अलावा आपराधिक रिकॉर्ड का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। आरोपियों ने बताया हैं कि उनके ग्वालियर में एक दर्जन से अधिक ग्राहक है। उनकी भी जानकारी जुटाने पर एसटीएफ की टीम जुट गई है।

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पिस्टल बैटरी तो कारतूस का सिम कोड

सतनाम की तलाशी में चार पिस्टल और विष्णु की तलाशी लेने पर तीन पिस्टल जब्त की गई। जबकि दोनों की दाहिनी जेब से पांच-पांच कारतूस बरामद हुए। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वे सोशल मीडिया जैसे व्हाट्सएप पर हथियार की तसवीर दिखाकर डील करते थे। सौदा होने पर भुगतान पे टीम जैसे एप्प पर किया जाता था। सतनाम के पिता और भाई के नाम पर यह खाते होने की जानकारी मिली है। आरोपी जब मुरैना में हथियार की डील कर रहे थे तब पिस्टल को बेटरी और कारतूस को सिम कह रहे थे। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह उनका कोडवर्ड था ताकि किसी व्यक्ति को शक न हो सके।

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