Blind Murder In Bhopal : पुलिस की कहानी अच्छी लगती हैं, लेकिन सच्ची नहीं लगती

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Blind Murder In Bhopal
भोपाल पुलिस की गिरफ्त में मौजूद अभिषेक जाट

लड़की की हत्या की गुत्थी में उलझी पुलिस, खुलासे पर उठे सवाल

भोपाल। राजधानी में एक 16 साल की लड़की रात करीब 9 बजे सुनसान इलाके में घुम रही थी। उसी दौरान पुलिस की गाड़ी वहां से गुजरती है। लड़की को अकेला देख पुलिस उससे पूछताछ करती है, लेकिन वो कुछ बता नहीं पाती। संदेह के चलते उसे थाने ले जाया जाता है। लड़की के बारे में जानकारी जुटाने के लिए उससे दोबारा पूछताछ शुरू होती है। तभी एक शख्स थाने पहुंचता है। वह खुदको लड़की का परिचित बताता है। पुलिस भी उसकी बातों को सच मान लेती हैं और लड़की को उसके हवाले कर देती है। पर इस घटना के ठीक तीन दिन बाद जब लड़की की लाश एक खंड़हर में मिलती है तो पुलिस महकमे में ही सनसनी फैल जाती है।

हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस बताती है कि डीआईजी सिटी इरशाद वली ने थाना गौतम नगर इलाके में दर्ज मर्ग जिसमें हत्या की शंका जताई थी। उसको गंभीरता से लेते हुए निर्देश जारी किए थे। जिसके पालन में एसपी नॉर्थ शैलेन्द्र सिंह चौहान, एएसपी जोन—3 मनु व्यास, सीएसपी कोतवाली बिट्टू शर्मा के मार्गदर्शन में पतारसी के लिए टीम बनाई गई। श्यामला हिल्स थाना प्रभारी बीपी सिंह, एसआई आशीष भिमटे, हवलदार हरशिंकर, मेहमूद और सिपाही शादाब ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। टीम ने आस—पास लोगों से पूछताछ की। तभी मुखबिर से पता चला कि पल्सर पर जिसमें एक 18—20 साल का लड़का था। वह काफी घबराया हुआ था और वह करोंद का जाट अपने आपको बता रहा था। यहां से मिले सुराग के आधार पर पुलिस पूजा कॉलोनी पहुंच गई। इसी कॉलोनी से 16 साल की लड़की गायब हो गई थी। यह लड़की 8 सितंबर से गायब थी। उसे अगले दिन शाम 4 बजे एक लड़के के साथ जाते हुए देखा गया था। टीम ने उस लड़के को जो मामले का संदेही था उसे दबोच लिया गया। उसे लाकर थाने लाया गया।

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इन कारणों से की हत्या
हत्या के कारणों का खुलासा करते हुए पुलिस बताती है कि आरोपी करोद के पूजा कॉलोनी का रहने वाला 18 वर्षीय अभिषेक जाट पिता रमेश जाट को हिरासत में लिया गया। उसने बताया कि वह 16 वर्षीय नाबालिग को पहचानता है। उसे लेकर वह शहर में कई जगह घुमता रहा। वह बोट क्लब भी गया था। रात 11 बजे वह रेशम केंद्र गौतम नगर इलाके पर में पहुंचा। अभिषेक चाहता था कि अब वो लड़की अपने घर चली जाए। आधे घंटे तक घर जाने के लिए मनाता रहा। लेकिन वह घर जाने के लिए राजी नहीं हुई और जोर—जोर से रोने लगी। यह देखकर वह घबरा गया। दरअसल, वह नाबालिग थी, लिहाजा अभिषेक को जेल जाने का डर सताने लगा। वह पास की दुकान पर गया वहां से ब्लैड लेकर आया। फिर वो लड़की को नाले के पास ले गया। उसने मौका पाकर पीछे से गले में ब्लैड रेंत दिया। सिर पर दूसरा वार करने के बाद नाले में फेंककर चला आया। पुलिस का कहना है कि पिपलानी में अभिषेक चोरी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है। इसके अलावा वह आबकारी और संदिग्ध माल के साथ पकड़ा चुका है। पुलिस की यह कहानी अच्छी तो लगती है पर सच्ची नहीं लगती। उसकी कई वजहें भी है जो सवाल के रूप में हैं। खुद समझिए कि कौन—कौन से हैं सवाल।

क्राइम इन्फो ने की पड़ताल
द क्राइम इंफो ने अचानक हुए इस खुलासे पर पड़ताल करने का निर्णय लिया। अफसर कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए। सवालों के बाद पड़ताल में मामला श्यामला हिल्स थाने पर जाकर टिका। तफ्तीश में मालूम हुआ कि गौतम नगर में जिस लड़की की लाश मिली थी, वह इसी थाने में तीन दिन पहले लाई गई थी। पहला सवाल क्यों पर बताया गया कि वह बोट क्लब पर अकेले घुमते मिली थी। इस कारण उसे थाने लाया गया। इस संबंध में गौतम नगर थाना प्रभारी, सीएसपी कोतवाली से सवाल—जवाब किए गए तो दोनों कोई साफ प्रतिक्रिया नहीं दे सके।

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यहां उलझी पुलिस
राजधानी में जगह—जगह बाल मित्र थाने खोले जा रहे हैं। मैदानी कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इसमें सरकार का भारी बजट खर्च हो रहा है। फिर भी कितना प्रशिक्षण मिला यह नाबालिग जिसकी हत्या हुई उसके खुलासे से उजागर होती है। दरअसल, पुलिस ने नाबालिग को जिस व्यक्ति के हवाले सौंपा वह परिचित बताया जा रहा है। हालांकि यह आधिकारिक रूप से बोलने के लिए कोई सामने नहीं आ रहा है। उसी परिचित के साथ अभिषेक जाट था। यह बात श्यामला हिल्स थाना पुलिस को मालूम ​थी। दूसरा महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किसी भी व्यक्ति जो नाबालिग है उस दशा में सीडब्ल्यूसी से सलाह ली जाती है। हालांकि यह तथ्य पूरे खुलासे से परे कर दिए गए ​हैं।

संभाग का नाम तक नहीं
सवालों की कड़ी में एक नया प्रश्न सामने पैदा होता है। जिसका जवाब अफसर यह देते हैं कि पुलिस तो पुलिस है वह भोपाल की हो या फिर इंदौर की। दरअसल, पुलिस की पूरी कहानी से गौतम नगर थाने की टीम गायब हैं। इस थाने से श्यामला हिल्स थाने की दूरी करीब 10 किलोमीटर है। इतने फासले के बीच कई संभाग आते हैं। सवाल यह खड़ा होता है कि गौतम नगर थाने का संभाग हनुमानगंज आता है। लेकिन, पुलिस की पूरी कहानी में थाने और संभाग का नाम गायब है। पुलिस की कहानी में श्यामला हिल्स थाना और उसकी टीम के अलावा कोतवाली संभाग है। अब प्रश्न यही उठता है कि भोपाल की वह पुलिस जिसने गैंगरेप पीड़िता की एफआईआर लिखने के लिए उसे तीन थानों के दर्शन करा दिए थे। उस पुलिस में हत्या जैसे संगीन मामले में संवेदनशीलता कहां से आ गई। वहीं गौतम नगर थाना पुलिस को इस खुलासे से क्यों किनारे कर दिया या फिर वह खुद हो गई।

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