Nirbhaya Case : केंद्र की याचिका पर आदेश सुनाने से पहले जज हुईं बेहोश

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दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने से संबंधित है केंद्र की याचिका

Nirbhaya Case Justice
निर्भया गैंग रेप के चारों दोषी जिन्हें फांसी पर कभी भी लटकाया जा सकता है

नई दिल्ली। निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के मामले (Nirbhaya Gang Rape & Murder Case) में दाखिल केंद्र सरकार की याचिका पर फैसला सुनाने से पहले न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर भानुमति (R Banumathi) बेहोश हो गईं। शुक्रवार को निर्भया कांड के चार दोषियों को अलग-अलग फांसी दिए जाने से संबंधित केंद्र सरकार की याचिका पर फैसला सुनाया जाना था। इससे पहले ही अदालत में न्यायमूर्ति आर भानुमति बेहोश हो गईं। हालांकि उन्हें जल्द ही होश भी आ गया। जिसके बाद उन्हें व्हील चेयर पर चिकित्सा हेतु ले जाया गया। न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना (Justice AS Bopanna) ने कहा कि मामले में आदेश चैंबर में पारित किया जाएगा। तीन सदस्यीय बैंच में जस्टिस अशोक भूषण (Justice Ashok Bhushan) भी शामिल है।

बॉम्बे हाईकोर्ट के सीनियर जज ने दिया इस्तीफा

बॉम्बे हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश सत्यरंजन धर्माधिकारी (Justice Satyaranjan Dharmadhikari) ने इस्तीफा दे दिया है। न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने शुक्रवार को अपने अदालत में एक वकील से कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उन्होंने इसका कारण नहीं बताया। उन्होंने यह घोषणा तब की जब वकील मैथ्यू नेदुम्परा ने एक याचिका पर बहस करते हुए सुनवाई के लिए अगले सप्ताह की तारीख मांगी थी। जिस पर न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस्तीफा दे दिया है। आज उनका आखिरी दिन है।

वकील नेदुम्परा ने कहा कि जब न्यायाधीश ने इस्तीफे की बात कही तो उन्हें लगा कि वे ऐसे ही बोल रहे है। लेकिन जब ये बात सही निकली तो उन्हें धक्का लगा। जस्टिस धर्माधिकारी को 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट का जज बनाया गया था। वे हाईकोर्ट के दूसरे नंबर पर सबसे वरिष्ठतम न्यायाधीश थे। जल्द ही वे मुख्य न्यायाधीश के पद पर आसीन भी होने वाले थे।

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