डीजीपी से मुलाकात कराने अफसर कैबिन से निकलकर भागे

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बलात्कार पीड़िता छात्रा ने पुलिस मुख्यालय में मचाया हंगामा

भोपाल। प्रदेश में कानून व्यवस्था को मुद्दा बनाकर बनी कांग्रेस सरकार के सिपहसलारों की संवेदनशीलता की कलई मंगलवार को उजागर हो गई। दरअसल, जबलपुर से एक बलात्कार की एक पीड़ित छात्रा भोपाल आई थी। वह जनसुनवाई में पहुँचकर डीजीपी वीके सिंह के सामने अपनी बात रखना चाहती थी। लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो उसने हंगामा खड़ा कर दिया। जिसके बाद अफसर कैबिन से निकले और डीजीपी से उसकी मुलाकात कराई।
जानकारी के अनुसार बलात्कार के मामले में वह आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं होने के कारण फरियाद लेकर पीएचक्यू पहुंची थी। जब उसे डीजीपी से नहीं मिलने दिया, तो उसने खुदकुशी करने की धमकी देकर हंगामा कर दिया। हालांकि, हंगामा बढ़ता देख अफसरों ने उसे डीजीपी से मिलवा दिया। डीजीपी वीके सिंह के निर्देश पर एडीजी महिला सेल अन्वेष मंगलम् ने तत्काल प्रभाव से आइजी जबलपुर और एसपी को इस मामले में उचित कार्रवाई के लिए निर्देशित किया। छात्रा की उम्र 22 साल है और वह जबलपुर में रहती है। उसके साथ 20 फरवरी को संतोष शाुक्ला नाम के पुलिसकर्मी ने बलात्कार किया था। जब परिजन पहुंचे तो पुलिस कर्मी ने मारपीट की। सिपाही के खिलाफ बलात्कार और परिजनों के खिलाफ मारपीट की एफआइआर जबलपुर सिविल लाइन थाने में दर्ज है। बताते हैं कि बलात्कार की एफआइआर दर्ज कराने थाने पहुंची, जहां बड़ी मुश्किल से उसकी फरियादी सुनी गई और एफआइआर दर्ज की गई। जबलपुर पुलिस ने एफआइआर तो दर्ज कर ली, लेकिन आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी। वह आए दिन छात्रा को धमकी दे रहा था। पुलिसकर्मी के साथ एक अन्य युवक भी उसका साथ दे रहा है, जो छात्रा को परेशान कर रहा है। इसके चलते छात्रा मंगलवार को डीजीपी जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर भोपाल आ गई। वह डीजीपी से मिलकर अपनी फरियाद सुनाना चाहती थी, लेकिन उसे मिलने नहीं दिया। इसके बाद छात्रा ने न्याय की गुहार लगाते हुए खुदकुशी करने की धमकी दी, तब जाकर उसे डीजीपी से मिलने दिया गया।

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