MP Political News: एमपी में 500 करोड़ रूपए के पोषण आहार घोटाले के आरोप

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MP Political News: पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की अगुवाई में एमपी लोकायुक्त भवन में जाकर दर्ज कराई शिकायत, सीएस और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सीईओ का नाम उछाला

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पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा। यह चित्र कांग्रेस कार्यालय जनसंपर्क विभाग की तरफ से जारी।

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल होना है। कांग्रेस मुखर है और वह एक—एक करके कई घोटालों के आरोप भाजपा सरकार पर लगा रही है। इसी क्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में सोमवार को लोकायुक्त भवन में जाकर शिकायत दर्ज कराई गई है। कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि प्रदेश में पोषण आहार (MP Political News) में करीब 500 करोड़ रूपए का घोटाला किया गया है। कांग्रेस नेताओं ने इन आरोपों पर प्रदेश में एक्सटेंशन पर चल रहे सीएस और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सीईओ पर भी संगीन आरोप लगाए हैं।

इस कारण नहीं हो सकी थी एफआईआर

लोकायुक्त भवन में शिकायत के बाद एमपी से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, अरुण यादव, एनपी प्रजापति और पारस सकलेचा ने संयुक्त बयान जारी किया। कांग्रेसी नेताओं ने एक सुर में कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस (Iqbal Singh Bais) और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सीईओ ललित मोहन बेलवाल (Lalit Mohan Belwal) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। यह प्रकरण कैग की ताजा रिपोर्ट के आधार पर दर्ज करने की मांग की गई है। कांग्रेस का आरोप है कि घोटाले के मुख्य आरोपी बेलवाल हैं। जिन्हें प्रदेश के सीएस संरक्षण दे रहे हैं। इसके अलावा जिन 7 फैक्ट्री के जरिए यह घोटाला हुआ उनसे बेलवाल का सीधा कनेक्शन है। कांग्रेसी नेताओं ने यह भी कहा कि मध्य प्रदेश के इतिहास में एक बहुत ही दुखद प्रसंग है। कभी ऐसा वक्त नहीं आया चीफ सेक्रेटरी के बारे में कांग्रेस को इस प्रकार से लोकायुक्त आफिस जाकर लिखित में शिकायत दर्ज करानी पड़ी हो। शिकायत पारस सकलेचा (Paras Saklecha) की तरफ से दर्ज कराई गई है। कैग की रिपोर्ट में एमपी के आठ जिलों में करीब 500 करोड रुपए का पोषण आहार घोटाला होने की बात सामने आई थी। तन्खा ने कहा कि इकबाल सिंह मुख्यमंत्री के सचिव बने 2014 में और 2017 के बाद उन्होंने बेलवाल साहब को अपना सीईओ बनाकर एग्रो कारपोरेशन के अंतर्गत 7 फैक्ट्रियां काम करती थी उनको रूरल डेवलपमेंट के दूसरे डिपार्टमेंट के अंतर्गत ट्रांसफर कराया। यह व्यवस्था 2018 तक चलती रही, 2018 में बेलवाल रिटायर हो गए। उसके बाद प्रदेश में सरकार बदल गई थी।

स्कूटर नंबर पर पोषण आहार का वितरण दिखाया

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लोकायुक्त भवन में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ, नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा, पारस सकलेचा समेत अन्य कांग्रेसी नेता। चित्र कांग्रेस पार्टी की तरफ से जारी।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (EX CM Kamalnath) की सरकार बनी और उनको जब इस करप्शन की जानकारी मिली तो उन्होंने अपने कार्यकाल में इन सातों फैक्ट्री को वापस एमपी एग्रो (MP Political News) को ट्रांसफर किया था। जहां से यह काम वर्षों से होता आ रहा था। तन्खा ने कहा कि मार्च, 2020 में कमलनाथ सरकार चली गई और शिवराज सरकार आई है। एक दिन बाद इकबाल सिंह चीफ़ सेक्रेटरी बन जाते हैं। कुछ दिन बाद बेलवाल को कांट्रैक्ट पर वापस लाया जाता हैं। कुछ दिन बाद वह सात फैक्टरीज भी रूरल डेवलपमेंट में वापस आ जाती है। कैग की रिपोर्ट में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में 500 करोड़ का फ़ेक प्रोडक्शन, फ़ेक डिस्ट्रीब्यूशन और फेक परिवहन दिखाया गया है। स्कूटर और टेंपो और कार के नंबर से राशन का परिवहन किया गया। अकाउंटेंट जनरल ने सैंपल आधार पर यह जांच की थी और कहा था कि इस मामले की स्वतंत्र निकाय से जांच करवाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है। लेकिन राज्य सरकार ने इस संबंध में किसी प्रकार की जांच करवाने के लिए कोई पहल नहीं की।

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