MP Political News: भाजपा-संघ ने सरकारी सिस्टम को किया हाईजेक: विक्रांत भूरिया

Share

MP Political News: मैरिट को दरकिनार कर भाजपा कार्यकर्ताओं को उपकृत करने का लगाया आरोप, लाखों युवाओं के साथ विश्वासघात, भूरिया कमेटी के ड्राफ्ट को तोड़—मरोड़कर नया पेसा एक्ट में कलेक्टर—एसडीएम को ग्राम सभा के सौंप दिए अधिकार

MP Political News
पत्रकारों को जानकारी देते विक्रांत भूरिया। तस्वीर एमपी कांग्रेस की तरफ से जारी।

भोपाल। एमपी में इस साल विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव में आदिवासी वोट बैंक बहुत ज्यादा महत्व रखता है। यह बात भाजपा भी जानती थी। इसलिए भाजपा सरकार (MP Political News) ने तत्कालीन यूपीए सरकार के ड्राफ्ट कानून को तोड़—मरोड़कर नया कानून बना दिया। यह आरोप एमपी यूथ कांग्रेस अध्यक्ष विक्रात भूरिया ने लगाए हैं। वे शनिवार दोपहर पेसा एक्ट में चल रहे कथित फर्जीवाड़े को लेकर मीडिया से बातचीत कर रहे थे। भूरिया ने दावा किया पेसा एक्ट 1996 में ही यूपीए सरकार ने बना दिया था। इसके पहले स्वर्गीय दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में कमेटी ने अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी थी।

यह कहते लगाया आरोप कि इस तरह से कर रहे फर्जीवाड़ा

पेसा कानून का मूल उद्देश्य ग्राम सभाओं को सर्व शक्तिशाली, सशक्त और संपन्न बनाना था। जिसके लिए नारा दिया था ‘न लोकसभा, न विधानसभा सबसे बड़ी ग्राम सभा।’ लेकिन, भाजपा ने पूरी तरह से कमजोर और फर्जी पेसा कानून लागू किया। यह कानून आदिवासी वर्ग की मूल भावनाओं के विपरीत है। आदिवासी क्षेत्रों को नौकरशाही से मुक्त करना पेसा कानून का उद्देश्य था। अब पूरा अधिकार ग्राम सभाओं के ऊपर एसडीएम और कलेक्टर को दे दिया गया है। मूल कानून आदिवासियों को जल, जंगल और जमीन का अधिकार देता था। जबकि भाजपा के इस फर्जी पेसा कानून में कहीं भी नहीं दिखाई देता है।

यह भी लगाया गया आरोप

विक्रांत भूरिया (Vikrant Bhuriya) ने बताया कि भाजपा के पेसा कानून के तहत खनिज और वनोपज पर ग्राम सभाओं का एकाधिकार नहीं है। आदिवासियों की रूढ़ी प्रथा, रिवाज, पहचान और संस्कृति को बचाने के लिए इस पेसा कानून में कोई भी प्रावधान नहीं है। इसने गांवों में एक नये विवाद को जन्म दिया है। जिसके तहत पंचायती राज और ग्राम सभाओं में टकराव की स्थिति बन गई है। क्योंकि इस पेसा कानून में ग्राम सभाओं से सरपंच, पंच और तड़वी/पटेल को बाहर कर दिया गया है। इसलिए शक जाता है कि यह पेसा कानून पंचायती राज को बढ़ावा न देकर उसे कमजोर करने का कानून बन गया है।

फर्जी नियुक्तियां करने का भी लगाया आरोप

MP Political News
पत्रकारों को जानकारी देते विक्रांत भूरिया। तस्वीर एमपी कांग्रेस की तरफ से जारी।

प्रदेश में आदिवासियों के हित में पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती योजना बड़े घोटाले में तब्दील हो गई है। मप्र के 89 आदिवासी बाहुल्य ब्लॉकों में पेसा कानून को लागू कराने, उसके प्रचार प्रसार के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार (MP Political News) ने सेडमेप के माध्यम से विधिवत आवेदन बुलाये। जिनसे 500 से 600 रू. प्रति आवेदक से फीस वसूली गई। सरकार को एक करोड़ रूपये का राजस्व प्राप्त हुआ। साक्षात्कार हेतु आवेदकों की मेरिट लिस्ट तैयार की गई। जिसमें से 890 आवेदकों को छांटकर फरवरी 2022 में साक्षात्कार के लिये बुलाया भी गया। लेकिन बिना कारण बताये साक्षात्कार रद्द कर दिया गया। एमपीकॉन के माध्यम से आउटसोर्स से गोपनीय तरीके से एक विचारधारा विशेष से जुड़े 89 ब्लॉक और 20 डिस्ट्रिक कॉर्डिनेटर के पद भर दिये गये। इन चयनित लोगां को सरकारी खजाने से जहां 25 हजार रूपये मासिक वेतन ब्लॉक कॉर्डिनेटर और 45 हजार डिस्ट्रिक कॉर्डिनेटर को दिया जायेगा।

यह भी पढ़ें:   MP Lokayukt Raid: आय से अधिक संपत्ति की सूचना, चाय—बिस्कुट खिलाकर अफसर ने किया रवाना

इन बातों पर मांगा गया जवाब

भूरिया ने आरोप लगाया कि चयनित लोग पेसा कानून का प्रचार करने की बजाय भाजपा के चुनावी बूथ मैनेजमेंट का काम करेंगे। इससे साफ है कि भाजपा सरकार ने शिक्षित बेरोजगार युवाओं के साथ छल किया है। विक्रांत भूरिया ने कहा कि यदि आपको एमपीकॉन से ही भर्ती करना था तो सेडमैप से विज्ञापन क्यों निकाला। क्यों आवेदकों की मैरिट सूची जारी करने और साक्षात्कार पत्र भी जारी करने के बाद अपरिहार्य कारण बताकर साक्षात्कार निरस्त कर दिया गया। आखिर सरकार ऐसा क्या छुपा रही है? आवेदकों से जो करोड़ों रूपये की राशि सरकार के खजाने में आई उस राशि का क्या हुआ? अभी तक उन आवेदकों की फीस क्यों नहीं लौटायी गई? भाजपा सरकार का क्या यही सुशासन है?भूरिया ने कहा 119 नियुक्तियां हुई उसमें एक भी महिला को शामिल नहीं किया गया। क्या एक भी महिला इस पद के काबिल नहीं थी? क्या भाजपा महिलाओं को चुनावी वोट के लिए इस्तेमाल करती है? क्या लाड़ली बहना योजना भी भाजपा का चुनावी प्रोपेगंडा है।

खबर के लिए ऐसे जुड़े

MP Political News
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   MP Cop Gossip: थाने के भीतर कुर्सी फेंककर मारी
Don`t copy text!