MP Tuberculosis Disease Programme: अब पहले ही पता चल जाएगी होने वाले टीबी रोग की जानकारी

Share

MP Tuberculosis Disease Programme: कोरोना को काबू में करने के लिए किए गए एक्सपैरिमंट की तरह इगरा टेस्ट को मुफ्त में कर रही सरकार, प्रदेश के सभी संभागों को केंद्र सरकार ने मुहैया कराई अत्याधुनिक मशीन

MP Tuberculosis Disease Programme
भोपाल जिला क्षय अस्पताल की लैब में परीक्षण को देखते हुए डॉक्टर मनोज वर्मा।

भोपाल। क्षय रोग यानि टीबी (MP Tuberculosis Disease Programme) के लक्षण आप दो साल पहले जान सकेंगे। यह संभव हो सका है एक आधुनिक मशीन के कारण। इसमें टेस्ट कराने वाले व्यक्ति को खून के नमूने देने होते हैं। जिसका दो दिनों तक परीक्षण के बाद रिपोर्ट दी जाती है। ऐसी ही मशीन केंद्र सरकार ने क्षय रोग उन्मूलन मिशन के तहत कई राज्यों को दी है। यह मशीन फिलहाल हर संभाग में स्थापित की गई है। भोपाल के जिला क्षय अस्पताल में भी यह मशीन लगाई गई है। इसके इस्तेमाल और परिणाम को जानने के तकनीक को बकायदा कार्यशाला के जरिए लैब में काम करने वाले कर्मचारियों को बताया जा रहा है।

सरकार की यह है योजना

जानकारी के अनुसार टीबी रोग को नियंत्रित करने का लक्ष्य 2025 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने रखा है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन चाहता है कि यह दुनिया के नक्शे से 2030 में खत्म हो सकेगा। इसी असाध्य लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री ने हर राज्यों के बीच होड़ पैदा करने 24 मार्च को अच्छा काम करने वाले राज्य और जिलों को इनाम देने की भी घोषणा की है। इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से बकायदा जांच के लिए सीबी नाट और ट्रू नॉट जैसी मशीनें बांटी गई है। यह मशीन क्षय मरीजों की जांच में काम आती है। लेकिन, सरकार ने तय किया है कि अब मरीजों के संपर्क में आने वाले मरीजों की भी जांच की जाएगी। इसके लिए मरीजों के साथ रहने से संबंधित प्रमाण जिला क्षय अस्पताल को देना होंगे। जिसके बाद निशुल्क इगरा (IGRA) टेस्ट किया जाएगा।

YouTube video

हमने लाल और हरी गोली का अंतर न समझाया होता तो अस्पताल में वह आती ही नहीं…समाचार के बाद अस्पतालों में दवा का इंतजाम तो हुआ। वीडियो को पूरा एक बार जरूर सुनना। शायद आपको हमारी गंभीर पत्रकारिता के जज्बे का अहसास हो सके।

प्रतिदिन हो रहे चार दर्जन से अधिक टेस्ट

जिला क्षय अस्पताल में प्रभारी डॉक्टर मनोज वर्मा (Dr Manoj Verma) ने बताया कि यह व्यवस्था को शुरू किए गए लगभग दो महीना बीत चुका है। टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को इगरा टेस्ट कराया जाना लाभकारी होगा। यह अंग्रेजी के एक—एक शब्दों के शार्टकट नाम है। इसका पूरा नाम इंटर्नफेरन गामा रिलीज एसेस है। इसमें मरीजों को यदि टीबी दो साल बाद भी होनी है तो वह आज पता चल जाएगा। इस कारण उससे निपटने के लिए तुरंत दवा देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। यह परीक्षण निजी लैब में ढ़ाई से तीन हजार रूपए में होता है। जबकि केंद्र सरकार इसे निशुल्क कर रही है।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Cheating Case: सरदार दोस्त मोहम्मद खान के रिश्तेदारों से ठगी!

इसलिए खतरनाक है यह बीमारी

MP Tuberculosis Disease Programme
इगरा टेस्ट करते हुए महिला लैब टेक्निशियन

डॉक्टर मनोज वर्मा ने बताया कि इगरा टेस्ट पॉजिटिव मरीजों के साथ रहने वाले व्यक्ति को अवश्य कराना चाहिए। क्योंकि उसमें संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। इस तरह के मरीजों में मिलने वाले लक्षण को चिकित्सीय भाषा में लैटिंट टीबी कहा जाता है। इसमें वायरस शरीर के भीतर प्रवेश कर जाता है लेकिन, वह असर दो साल बाद दिखाता है। इगरा टेस्ट भोपाल में एक साथ 96 हो सकते हैं। यह कैसे करना है और किस तरह की सावधानी परीक्षण के दौरान रखनी है उसका प्रशिक्षण कार्यक्रम भोपाल में शुरू कर दिया है। इगरा टेस्ट के मामले में अभी राजधानी ही अव्वल नंबर पर है।

यह भी पढ़िएः तीन सौ रूपए का बिल जमा नहीं करने पर बिजली काटने के लिए आने वाला अमला, लेकिन करोड़ों रूपए के लोन पर खामोश सिस्टम और सरकार का कड़वा सच

खबर के लिए ऐसे जुड़े

MP Tuberculosis Disease Programme
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

हमारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

Don`t copy text!