Fake Medical Institute: फर्जी मेडिकल एंट्रेस देने वाली संस्था का संचालक दोषी करार

Share

Fake Medical Institute: एडमिशन लेने पर 42 तरह की एलोपैथिक दवाओं के जरिए इलाज कराने का सर्टिफिकेट बांट रहा था

Fake Medical Institute
डॉक्टर से संबंधित सांकेतिक चित्र

भोपाल। फर्जी मेडिकल एंट्रेस देने वाली एक संस्था के संचालक को दोषी करार दिया गया है। उसका भंड़ाफोड़ लगभग बारह साल पहले भोपाल (Fake Medical Institute) सीएमओ की रिपोर्ट से उजागर हुआ था। जिसमें कोला रोड थाने में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था। इसी मामले में न्यायाधीश राजकुमार तोरनिया न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने तीन साल की सजा और पांच हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।

यह बोलकर दे रहा झांसा

भोपाल जिला अदालत से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस संबंध में कोलार रोड थाने में 608/22 धारा 420 का मामला दर्ज था। इसी मामले में आरोपी अक्षय डाबर (Akshay Dabur) को दोषी करार दिया गया। इसमें शासन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी नवीन श्रीवास्तव ने दलीलें पेश की थी। इससे पहले थाने में डॉ पदमाकर त्रिपाठी (Dr Padmakar Tripathi) ने मामला दर्ज कराया था। उन्होंने ही कोलार स्थित फर्जी संस्था में जाकर पड़ताल की थी। जिसकी छानबीन के आदेश मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ किरण शेजवार (Dr Kiran Shejwar) ने दिए थे। जांच में पता चला कि संस्थान बिना अनुमति संचालित की जा रही थी। संस्था छात्रों को झांसा देती थी कि उसके यहां प्रवेश लेने पर सर्टिफिकेट मिलने के बाद 42 एलोपैथिक दवाऐं लिखने और इलाज की पात्रता होगी।

खबर के लिए ऐसे जुड़े

Fake Medical Institute
भरोसेमंद सटीक जानकारी देने वाली न्यूज वेबसाइट

मारी कोशिश है कि शोध परक खबरों की संख्या बढ़ाई जाए। इसके लिए कई विषयों पर कार्य जारी है। हम आपसे अपील करते हैं कि हमारी मुहिम को आवाज देने के लिए आपका साथ जरुरी है। हमारे www.thecrimeinfo.com के फेसबुक पेज और यू ट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें। आप हमारे व्हाट्स एप्प न्यूज सेक्शन से जुड़ना चाहते हैं या फिर कोई घटना या समाचार की जानकारी देना चाहते हैं तो मोबाइल नंबर 7898656291 पर संपर्क कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें:   Bhopal Molestation News: शौच के लिए गई महिला को दबोचा
Don`t copy text!