आईएनएस विक्रमादित्य में हादसा, मध्यप्रदेश के सपूत लेफ्टिनेंट कमांडर की मौत

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रतलाम जिले  के रहने वाले थे लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान

लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान

कारवार। कर्नाटक के कारवार बंदरगाह के पास देश के सबसे पड़े विमानवाहक पोत आईएऩएस विक्रमादित्य मे आग लग गई। इस हादसे में मध्यप्रदेश के एक सपूत की मौत हो गई। लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान रतलाम के रहने वाले थे। शुक्रवार को विक्रमादित्य जहाज के एक कंपार्टमेंट में आग लग गई थी। लेफ्टिनेंट कमांडर डीएस चौहान के नेतृत्व में उसे बुझाने की कोशिश की जा रहीं थी। इसी दौरान वे बेहोश हो गए थे। उन्हें नेवल हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। फौरन एक्शन लिए जाने की वजह से आईएऩएस विक्रमादित्य को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन देश और मध्यप्रदेश की माटी ने एक वीर सपूत खो दिया है। बताया गया कि घटना उस वक्त हुई जब जहाज कर्नाटक के कारवार बंदरगाह में हार्बर में दाखिल हो रहा था। नौसेना ने आईएऩएस विक्रमादित्य में लगी आग की घटना की जांच के लिए बोर्ड ऑफ एन्क्वॉयरी के आदेश जारी कर दिए है। विक्रमादित्य एक एयरक्राफ्ट कैरियर है जो भारतीय नौसेना में 2013 में शामिल किया गया है। 2016 में भी विक्रमादित्य में एक हादसा हुआ था। जहरीली गैस लीक होने से नौसेना के दो कर्मियों की मौत हो गई थी।

विक्रमादित्य युक्रेन के माइक्रोलैव ब्लैक सी शिपयार्ड में 1978-1982 में निर्मित कीव श्रेणी के विमान वाहक पोत का एक रूपांतरण है। विक्रमादित्य 45 हजार टन भार वाला 284 मीटर लंबा और 60 मीटर ऊंचा युद्धपोत है। यह लंबाई लगभग तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर तथा ऊंचाई लगभग 22 मंजिली इमारत के बराबर है। इस पर मिग-29  लड़ाकू विमान, कामोव-31, कामोव-28, सीकिंग, एएलएच ध्रुव और चेतक हेलिकॉप्टरों सहित तीस विमान तैनात और एंटी मिसाइल प्रणालियां तैनात हो सकती है। परिणामस्वरूप इसके एक हजार किलोमीटर के दायरे में लड़ाकू विमान और युद्धपोत नहीं फटक सकते।

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