यूनी होम्स धोखाधड़ी मामले की सीबीआई करेगी जांच

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हाईकोर्ट ने तीन महीने में मांगी रिपोर्ट, भोपाल के कोलार थाने में डेढ़ साल पहले दर्ज हुई थी एफआईआर

जबलपुर। हाईकोर्ट ने यूनी होम्स बिल्डर के खिलाफ  भोपाल सीबीआई को जांच करने का आदेश दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट ने भोपाल पुलिस को केस डायरी सीबीआई को सौंपने के भी आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट ने तीन महीने के भीतर रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का भी आदेश दिया है। मामला भोपाल के कोलार थाने में दर्ज हुआ था।

जानकारी के अनुसार सबसे पहले इस मामले की शिकायत मुकेश कुमार गर्ग ने तत्कालीन डीआईजी सिटी भोपाल शहर से की थी। जिसके बाद नवम्बर, 2017 में कोलार थाना पुलिस ने आरोपी अमित खनेजा, सुमित खनेजा और एसके अरोरा के खिलाफ जालसाजी का मामला दर्ज किया था। इससे पहले पीडि़तों ने कई बार थाने में शिकायत की थी फिर भी मुकदमा दर्ज नहीं किया था। इस मुकदमे के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सही समय पर चार्जशीट से लेकर गिरफ्तारी तक में देरी की। इस कारण पीडि़तों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। जिसके बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने जबलपुर सीबीआई को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए।
यह है मामला
यूनी होम्स आवासीय प्रोजेक्ट के तहत बैरागढ़ चीचली में प्रोजेक्ट लांच किया था। इस प्रोजेक्ट में दो से ढाई साल के भीतर में फ्लैट बनाकर देने का दावा किया गया था। इसके बदले में बुकिंग राशि ली गई थी। पीडि़त परिवार आधा दर्जन से अधिक है। जिसकी रकम कई लाख रुपए में हैं।

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पुलिस ने ऐसे दिया धोखा
पीडि़तों का कहना है कि बिल्डर ने बंधक जमीन जो नगर पालिका में थी उसे बिना अनुमति बेच दी। इसमें से ही एक फ्लैट मुकेश को लगभग 23 लाख रुपए में बेचा गया था। जिसमें से वह लगभग साढ़े बारह लाख रुपए ले चुका था। चार साल बाद भी पजेशन नहीं मिला तो परिवार थाने पहुंचा। आरोपी एसबीएस बिल्डकॉन और खनेजा प्रॉपर्टीज के नाम से कारोबार कर रहे थे। इस मामले में पुलिस ने प्रकरण तो दर्ज किया लेकिन हाईकोर्ट में हलफनामा दिया कि इन आरोपियों के खिलाफ प्रकरण नहीं बनता है। इसलिए पीडि़तों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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