जानिए उस मेले की कहानी जहां नौ दिन में गायब हो गए 219 बच्चे-बूढ़े

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एसपी को करना पड़े विशेष इंतजाम, एक हजार से अधिक जवानों को किया गया तैनात, लापता सेंटर बनाकर लोगों का दिल जीता

भोपाल। प्रदेश में नवरात्र में कई जगहों पर मेले लगते हैं। लेकिन, एक ऐसा मेला भी है जहां लापता होने को लेकर बड़ा संकट बना रहता है। इस समस्या से निपटने के लिए पुलिस ने योजना बनाई और हकीकत पता हुई तो वह भी हैरान हो गई।

क्या थी चुनौती
सतना जिले का प्रसिद्ध मंदिर है जिसे मैहर वाली देवी के नाम से जाना जाता है। मंदिर में शारदा देवी की प्रतिमा है। यहां शारदीय नवरात्र का मेला लगता है। यहां लाखों श्रदïधालु दूर-दूर से आते हैं। इस मेले में एक समस्या बनी थी जो पुलिस के लिए चुनौती थी। यहां आने वाले अधिकांश बच्चे या फिर बुजुर्ग लापता हो जाते थे। इस कारण पुलिस विभाग ने योजना बनाई।
ऐसी बनाई योजना
एसपी सतना रियाज इकबाल ने बताया कि इस बार मेले में लगभग 25 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे। इनके इंतजाम के लिए लगभग एक हजार से अधिक जवान तैनात किए गए। इसके अलावा सीसीटीवी से विशेष निगरानी रखी गई। नतीजतन यह हुआ कि 219 बिछड़े बच्चे और बुजुर्गों को उनके परिवार से मिलाया गया।
मंदिर से हुए थे अगवा
इसी मंदिर से पिछले दिनों एक बच्ची को अगवा किया गया था। जिसे बदमाशों ने मुंबई में बेच दिया था। इसी चिंता को देखते हुए पुलिस ने मेले में लापता बच्चों के लिए अलग से काउंटर खोला था। एसपी ने बताया कि इस बार आयोजित मेले में ऐसा कोई भी बच्चा गायब नहीं हुआ। जो गायब हुआ उन्हें तलाश करके परिवार को सौंप दिया गया।

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निगरानी का जिम्मा डायल-१०० को

इस मेले की सुरक्षा को लेकर डीजीपी वीके सिंह को भी चिंता थी। उन्होंने भी इससे निपटने के लिए दूसरी एजेंसियों को सहयोग करने के लिए कहा था। इसलिए निगरानी का जिम्मा डायल-१०० को भी दिया गया। भोपाल में बैठी तकनीकी टीम ने जिला पुलिस को काफी मदद पहुंचाई।

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