MP Cop News: देह व्यापार के अड्डों पर कार्रवाई के बाद गिरफ्तार की जा रही सेक्स वर्कर को लेकर पुलिस मुख्यालय ने जताई चिंता
सांकेतिक चित्र
भोपाल। मध्यप्रदेश के सभी थाना प्रभारियों को पुलिस मुख्यालय की तरफ से एक सर्कुलर जारी हुआ है। जिसमें ताकीद किया गया है कि थाना प्रभारी सेक्स वर्कर को आरोपी नहीं बना सकते। इस संबंध में पीएचक्यू (MP Cop News) ने सुप्रीम कोर्ट के पारित एक आदेश का हवाला दिया है। यह आदेश सोशल मीडिया में जमकर ट्रोल हो रहा है। जिसके बाद एमपी में सरकार की काफी किरकिरी भी हो रही है।
यह बातें लिखी है आदेश में
यह सर्कुलर पुलिस मुख्यालय (PHQ) में स्थित महिला सुरक्षा शाखा की तरफ से 03 अप्रैल को सोशल मीडिया (Social Media) में वायरल हुआ। आदेश विशेष पुलिस महानिदेशक प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव (Special DG Pragya Richa Shrivastav) के हस्ताक्षर से जारी हुआ है। आदेश की कॉपी भोपाल—इंदौर पुलिस कमिश्नर के अलावा सभी पुलिस अधीक्षकों को जारी किया गया है। सर्कुलर में लिखा गया है कि इस संबंध में पीएचक्यू 2023 में भी यह आदेश जारी कर चुका है। इसके बावजूद देह व्यापार वाले अड्डों पर पकड़ाने वाली महिलाओं को आरोपियों बनाया जा रहा है। पीएचक्यू ने आदेश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट में पारित एक फैसले के बाद देह व्यापार में शामिल महिलाओं को आरोपी नहीं बनाया जा सकता है। इस संबंध में पिटीशन 2010 में दाखिल हुई थी। जिस पर वैश्यालयों पर दबिश की दशा में स्वैच्छिक लैंगिक कार्य अवैध नहीं हैं। केवल वैश्यालय चलाना अवैध हैं। सेक्स वर्कर को गिरफ्तार दंडित अथवा परेशान नहीं करना चाहिए। आदेश में यह भी कहा गया है कि पुलिस मुख्यालय के सामने यह बातें सामने आई है कि होटल और ढ़ाबों में अनैतिक देह व्यापार के संचालन में वहां पकड़ाई महिलाओं को आरोपी बनाया गया है।
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