Video: Jio Tower लगाने के नाम पर हो रही धोखाधड़ी, कंपनी को भनक भी नहीं

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लुभाने और फंसाने के लिए युवतियों की मदद से की जा रही जालसाजी, सायबर सेल में पहुंच रहे मामले, जालसाज गिरोह के किसी भी बड़े नेटवर्क को आज तक नहीं पकड़ सकी कोई एजेंसी

Bhopal Jio Tower Fraud
यह तस्वीर उस व्हाटस एप्प नंबर की डीपी पर थी जिससे फर्जी एग्रीमेंट डिस्पैच किया गया था

भोपाल। (Bhopal Crime News In Hindi) आपके पास लड़की का फोन आए वह भी लटके—झटकों के साथ तो समझिए उसकी नजर आपके वॉलेट (Bhopal Tower Installation Fraud Case) पर हैं। यकीन नहीं हो रहा होगा। इसलिए आपके सामने पूरे सबूतों के साथ हम आए हैं। मामला जियो टॉवर लगाने के नाम पर प्रदेश में चल रही धोखाधड़ी (Madhya Pradesh Tower Installation Fraud Case) से जुड़ा है। इस संबंध में www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) के सोशल मीडिया अकाउंट और दफ्तर पर फोन आ रहे थे। पीड़ित लोग बता भी रहे थे कि जियो टॉवर लगाने के नाम पर इस तरह के फोन कॉल उनके पास आ रहे हैं। द क्राइम इंफो डॉट कॉम (TCI Exclusive Story) ने पड़ताल की और उस टीम त​क वह पहुंच गई। टीम के ही मेंबर ने फोन करके जियो टॉवर लगाने के नाम पर वह सबकुछ किया जो वह आम जनता के साथ करते हैं।
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ऐसे करते हैं शुरुआत
हेलो नमस्कार। मैं जियो टॉवर के सेक्शन से बोल रही हूं। कंपनी को मध्य प्रदेश में टॉवर लगाने हैं। यदि आपके पास जगह है तो बताइए। किसी अन्य व्यक्ति के पास जमीन हैं तो उसका नंबर दे दीजिए। यदि आपने कहा मेरे पास जगह है तो वह आपके साथ वैसा ट्रीटमेंट शुरु कर देते हैं। यदि यह कहते हैं कि जमीन नहीं हैं तो वह आपसे जमीन जिसके पास है उसका नंबर ले लेते हैं। फिर आपके नाम का हवाला देकर वह जियो कंपनी के नुमाइंदे बनकर बातचीत करते हैं। ऐसे में वह व्यक्ति जिसने नंबर दिया है वह भी फंस जाता है। ऐसे ही एक पीड़ित ने हमें इस फर्जीवाड़े की खबर नाम न छापने की शर्त पर दी थी। जालसाजी का शिकार वह नहीं हुआ था। लेकिन, उसके नाम का इस्तेमाल करके दूसरे से जालसाजी की गई थी।
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यहां से लुटने का काम होता है शुरु
यदि आप कहते हैं आपके पास जमीन हैं तो फिर आपसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर कार्ड से लेकर जमीन के दस्तावेज मांगते हैं। दावा किया जाता है कि ऐसा ट्राई के लिए किया जा रहा है। ताकि भविष्य में आप पर कोई आंच न आए। फिर आपसे एग्रीमेंट के लिए एक व्हाट्स एप्प नंबर पर फर्जी एग्रीमेंट भेजा जाता है। जमीन की पड़ताल और कानूनी कार्रवाई की फीस साढ़े बारह हजार रुपए बताकर आपसे वसूली जाती है। यह कहते हुए कि जब इंजीनियर मौके पर विजीट करेंगे और जमीन ओके मिलेगी तो वह रकम वापस कर दी जाएगी।

सुनिए एक—एक मिनट तक हैरान कर देने वाला वाक्या। झांसा देने वाली युवती को इतना है यकीन की उसको लग ही नहीं रहा वह फंस रही है या फंसा रही है। हमारी आपसे अपील है कंपनी और पुलिस सुध नहीं ले रही है तो आप ही यह दुनिया को बांटकर ठगी के शिकार होने से बचाने की पहल करिए।

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ऐसे दिए जाते हैं लालच
लालच देने वाली महिला कई तरीकों से आपको घेर लेती है। वह कहती है कि 10 साल के लिए जमीन देने पर जियो कंपनी की तरफ से उसको 18 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसमें 5 लाख रुपए एग्रीमेंट के वक्त तीन साल के लिए दिए जाएंगे। फोन करने वाला व्यक्ति यह भी दावा करता है कि परिवार के एक सदस्य को जियो कंपनी में ही 15 हजार रुपए की नौकरी भी मिलेगी। इसके अलावा 15 हजार रुपए महीना किराया टॉवर लगाने का दिया जाएगा। इतने सारे लालच के सामने कही न कही व्यक्ति फंस ही जाता है। ऐसे में फंसे तो ठीक नहीं तो आपके पैन, आधार कार्ड और बैंक डिटेल लेकर भी वह आपका बैंक खाता खाली कर देते हैं।

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Bhopal Jio Tower Fraud Case
जियो कंपनी से साभार

जियो वाले बोले हमें नहीं पता
इस मामले में www.thecrimeinfo.com (द क्राइम इंफो डॉट कॉम) ने सारी मैदानी सच्चाई बताते हुए जियो (Jio) के इस मामले में मध्य प्रदेश जियो (Madhya Pradesh Jio) के अधिकारियों से बातचीत की गई तो उन्होंने पूरी कहानी समझी। लेकिन, जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो कहने लगे हमें अधिकार ही नहीं है। नाम न छापने की शर्त में बताया गया कि जियो इस तरह का काम नहीं करता। टॉवर लगाने या नौकरी लगाने के लिए कोई फीस नहीं ली जाती। इसके बाद दिल्ली में जियो के अधिकारी फ्रंको विलियम से चर्चा की गई। उन्होंने भी पूरी कहानी समझी। लेकिन, जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो सांप सूंघ गया। वे कहने लगे कि हम मामले की जांच कराएंगे। यानि जियो कंपनी पुलिस, सायबर सेल से भी बड़ी जांच एजेंसी हो गई है। मतलब साफ है कि इस तरह के गिरोहों को जियो कंपनी का पूरा संरक्षण प्राप्त है। यदि फर्जीवाड़े पर एक्शन लेना होता तो द क्राइम इंफो की दी गई जानकारी पर कार्रवाई कराने की घोषणा करते न कि अपना नाम न देने को लेकर संघर्ष करते। यह कंपनी को भी सोचना चाहिए कि यह अफसर फर्म के लिए कितने काबिल हैं। मामले की पड़ताल की जाए तो यह एक बड़ा नेटवर्क निकलेगा। जैसा हमें शुरुआती जांच में पता चल रहा है।
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