मंदसौर के व्यापारी का शव तिरंगे में लपेटा तो मचा बवाल

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चार गोली मारकर की ​थी हत्या, चौराहे पर शव रखा, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सांसद और विधायक ने ज्ञापन सौंपा, एसपी ने टीआई को छुट्टी से वापस बुलाया

मंदसौर। सर्राफा कारोबारी अनिल सोनी की हत्या के मामले में गुरूवार को बड़ा बवाल हो गया। पोस्टमार्टम के बाद शव लेकर परिजन गांधी नगर चौराहे पर जमा हो गए। शव को बकायदा तिरंगे से लिपटा गया। जबकि यह सारी कार्रवाई बिना अनुमति की गई। अब अफसर अपनी जान बचा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार अनिल सोनी को गोली मारने वाले कातिलों के बारे में कोई जानकारी पुलिस नहीं जुटा पाई है। मामले की जांच कोतवाली थाना पुलिस कर रही है।

परिवार से बातचीत करते हुए सांसद

इस मामले को लेकर सांसद सुधीर गुप्ता परिवार से मुलाकात करने पहुंचे। वहीं विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कलेक्टर धनराजू एस और एसपी विवेक अग्रवाल को ज्ञापन सौंपा। परिवार का आरोप है कि अनिल सोनी को फेक फेसबुक आईडी से बुधवार दोपहर गोली मारने की धमकी मिली थी। जिसके बाद शाम को हत्या कर दी गई। पुलिस इस आईडी के बारे में जानकारी जुटा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी विवेक अग्रवाल ने कोतवाली टीआई नरेन्द्र सिंह यादव की छुट्टी रद्द कर दी है। यादव पारिवारिक कारण के चलते अवकाश पर चले गए थे। उन्हें बुधवार शाम ही थाने में बुला लिया गया है। तीन महीने के भीतर यह दूसरा मामला है जब जिले में तनाव फैला है। इससे पहले भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार की हत्या हुई थी।

तिरंगे के यह है नियम

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गांधी चौराहे पर जमा भीड़
तिरंगे में शव तभी लपेटा जा सकता है, जब किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार को राजकीय सम्मान से करने की घोषणा की गई हो। यह घोषणा राज्य सरकार करती है। किसे राजकीय सम्मान देना है, यह फैसला राज्य सरकार के विवेक पर निर्भर करता है। राज्य सरकार इस बात का फ़ैसला करती है कि व्यक्ति विशेष का क़द क्या है और इसी हिसाब से तय किया जाता है कि राजकीय सम्मान दिया जाना है या नहीं। इस संबंध में कोई तय दिशा-निर्देश नहीं हैं। सरकार राजनीति, साहित्य, कानून, विज्ञान और सिनेमा जैसे क्षेत्रों में अहम किरदार अदा करने वाले लोगों के जाने पर उन्हें राजकीय सम्मान देती है।

एसपी देखने के बावजूद मुकरे
एसपी मंदसौर विवेक अग्रवाल से जब इस विषय पर बातचीत की तो वे पहले अनजान बनते रहे। लेकिन, जब उनसे प्रतिक्रिया चाही गई तो उन्होंने कहा कि मैं इसे​ दिखाकर कार्रवाई कराता हूं। अनिल सोनी के तिरंगे से लिपटे शव को कई लोगों ने देखा और उसकी तस्वीर लेकर सोशल मीडिया में वायरल भी की। जब यह सबकुछ चल रहा था तब वहां पुलिस बल भी तैनात था।

एसपी से हुई थी भिड़ंत
अनिल सोनी पर पहले भी जानलेवा हमला हुआ था। उसे जिलाबदर भी किया गया था। सोनी के मामले में कुख्यात बदमाश आजम लाला पर शक जताया जा रहा है। वह एक सप्ताह के लिए पैरोल पर आया है। पुलिस उससे जुड़ी जानकारियां जुटा रही है। अनिल सोनी उस वक्त भी सुर्खियों में आए थे जब उनकी भिड़ंत एसपी रहे मनोज सिंह से हो गई थी। सोनी ने एसपी का एक वीडियो वायरल कर दिया था। जिसमें वे कुछ अपराधियों के साथ बैठकर पार्टी कर रहे थे। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था।

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