Murder : अंतिम संस्कार से पहले युवक की हत्या का खुलासा, साक्ष्य मिटा रहे थे परिजन

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शमशान घाट में पुलिस से भिड़े परिजन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ हत्या का खुलासा

सांकेतिक फोटो

अकोला। महाराष्ट्र के अकोला में हत्या का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां एक युवक की हत्या के बाद उसके परिजन अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे। लेकिन तभी पुलिस भी शमसान घाट पहुंच गई। युवक का शव बरामद करने के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। रिपोर्ट में हत्या का खुलासा हो गया।

गणेश नगर इलाके में रहने वाले 35 वर्षीय मनीष पचपेड़ की शनिवार को मौत हो गई थी। उसके परिजन के मुताबिक मनीष के निधन के बाद उसका अंतिम संस्कार किया जाना था। लेकिन शव को अग्नि के हवाले करने से पहले ही पुलिस को मुखबिर से हत्या की सूचना मिल गई।

सूचना पर तुरंत पुलिस शमशान घाट पहुंची। जहां उसने मनीष का अंतिम संस्कार रोकने की कोशिश की। इस दौरान उसके भाई योगेश और अन्य सदस्यों ने पुलिस से नोंक-झोंक की। लेकिन पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस अधिकारी देवराव खंडेराव ने बताया कि “हमें एक टिप-ऑफ मिला कि मनीष पचपेड़ को उनके बड़े भाई योगेश पचपेड़ ने मार दिया था और इसीलिए अंतिम संस्कार रोक दिया गया और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया,”

बाद में, प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चला कि मृतक के साथ मारपीट की गई थी। अधिकारी ने कहा कि शव परीक्षण रिपोर्ट के आधार पर, योगेश से पूछताछ की गई और उसने स्वीकार किया कि विवाद के बाद अपने भाई की हत्या कर दी।

आरोपी को शनिवार शाम गिरफ्तार किया गया और भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (अपराध के सबूतों को गायब करने) और 202  के तहत मामला दर्ज किया गया है।

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पुलिस का कहना है कि मनीष का अंतिम संस्कार कर दिया गया होता तो हत्यारे तक पहुंच पाना मुश्किल था। हत्यारा भाई योगेश साक्ष्य छिपाने के लिए मनीष का अंतिम संस्कार करना चाहता था। उसके घरवालों ने भी इस गुनाह में उसका साथ दिया।

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