Bhopal News: पांच किलोमीटर पहले कार लावारिस मिली, इसी गुत्थी को सुलझाने पुलिस को आया पसीना

भोपाल। खनिज अधिकारी संजय सौलंकी मौत पर सस्पेंस बहुत ज्यादा गहरा गया है। पुलिस पिछले 72 घंटों से एक रहस्य को सुलझाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। डीसीपी जोन—2 समेत भोपाल (Bhopal News) शहर के बागसेवनिया थाने के प्रभारी समेत दो दर्जन कर्मचारियों की टीम मौत की गुत्थी को सुलझाने में लगी है। अभी तक कोई सुराग पुलिस को नहीं मिला है। पुलिस पूरे घटनाक्रम को संदिग्ध मान रही है।
बीच सड़क पर बेसुध हालत में मिले थे
बागसेवनिया (Bagsewania) थाना पुलिस के अनुसार संजय सौलंकी (Sanjay Solanki) पिता सीए सौलंकी उम्र 50 साल मिसरोद (Misrod) थाना क्षेत्र स्थित निखिल नगर (Nikhil Nagar) में रहते थे। वे राजधानी में सहायक खनिज अधिकारी (Assistant Mineral Officer) थे। उनकी पत्नी इंदौर (Indore) में जॉब करती हैं। इस कारण वहां उनका पूरा परिवार रहता है। संजय सौलंकी अकेले ही भोपाल में रहते थे। संजय सौलंकी 28—29 जुलाई की रात लगभग तीन बजे आरआरएल तिराहे से पूर्व बीच सड़क पर बेसुध हालत में मिले थे। उनकी इलाज के दौरान 29 जुलाई की सुबह आठ बजे मौत हो गई थी। संजय सौलंकी के पास से सरकारी दस्तावेज भी मिले थे। जिसके जरिए उनकी पहचान की जा सकी। घटना को लेकर मामले की जांच करने एसआई मनोज शर्मा (SI Manoj Sharma) मौके पर पहुंचे थे। पुलिस को पहले लगा कि घटना दूसरी जगह हुई है। इसलिए एम्बुलेंस में तैनात पायलट से उस व्यक्ति का नंबर लिया गया जिसने कॉल करके बुलाया था। पुलिस ने उससे संपर्क किया तो उसने जगह पुलिस को बताई। इससे साफ हो गया है कि संजय सौलंकी की मौत बागसेवनिया इलाके में हुई है। शव का पीएम भोपाल एम्स अस्पताल (Bhopal AIIMS Hospital) में कराया गया। जिसमें सड़क दुर्घटना में आई चोट से मौत होने की बात सामने आई है। पुलिस की टीम संजय सौलंकी के मोबाइल (Mobile) कॉल डिटेल को खंगाल रही है। दिनभर में जिनसे भी बातचीत हुई एक—एक करके सभी लोगों से अलग—अलग पूछताछ की जा रही है।
इसलिए उलझ गई है मौत की गुत्थी
पुलिस को सड़क दुर्घटना से संबंधित निशान घटनास्थल पर नहीं मिले हैं। मामले में नया पेंच गुरुवार को तब आया जब संजय सौलंकी की कार दूसरे थाना क्षेत्र में मिली। उनकी कार (Car) 1100 क्वाटर्स में लावारिस हालत में मिली हैं। यहां वे किसके पास आए थे यह अभी तक साफ नहीं हो सका है। इसके बाद वे 1100 क्वार्टर से घटना स्थल तक कैसे पहुंचे इस गुत्थी को पुलिस सुलझा रही है। जहां कार मिली वहां उनका मोबाइल भी मिला। यह मोबाइल लावारिस मिलने पर घर में काम करने वाली बाई ने उठा लिया था। मोबाइल में पैटर्न लॉक लगा है। उसे खुलवाने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस कई बिंदुओं पर जांच कर रही है। उसमें से एक बिंदु चलते वाहन से गिरने या फेंकने का भी लग रहा है। लावारिस कार चालू थी या खराब यह भी तकनीकी विशेषज्ञों से पता लगाया जा रहा है। वहीं जांच के लिए 1100 क्वार्टर और घटना स्थल तक के बीच मोबाइल नंबरों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस इस बात को मान चुकी है मामला दुर्घटना में मौत से जुड़ा है। लेकिन, उससे पहले कुछ हुआ है जिसके बारे में जानने में पुलिस को रुचि हैं।
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