Bhopal Court News: जुड़वां मासूम बेटों की हत्या करने वाली मां को आजीवन कारावास

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Bhopal Court News: फैसला सुनाते वक्त न्यायाधीश बोले मां शब्द को विश्वभर में बदनाम करने का कृत्य किया

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जिला एवं सत्र न्यायालय, भोपाल — फाइल फोटो

भोपाल। न्यायाधीश जयंत शर्मा की अदालत ने जुड़वां दो बच्चों की निर्मम हत्या मामले में 30 अक्टूबर को फैसला सुनाया। फैसले (Bhopal Court News) में उन्होंने दुर्गा आरती के अंश का उल्लेख करते हुए कहा सिर्फ फांसी की सजा से मां शब्द को न्याय नहीं मिलेगा। यह गंभीर कृत्य विश्व में मां शब्द को लेकर अपमान करने वाला है। इसलिए मां को आजीवन कारावास की सजा दी गई।

नवजात बच्चों की अकारण हत्या

न्यायाधीश ने आरोपी सपना धाकड़ (Sapna Dhakad) को हत्या और साक्ष्य छुपाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने अपने फैसले में लिखा कि अभिलेख के अवलोकन से स्पष्ट है कि अभियुक्त ने अपने 20 दिन के नवजात बच्चों की अकारण हत्या की है। एक मां के ऐसा दुस्साहसपूर्ण कृत्य मां-पुत्र के मध्य स्थापित पवित्र रिश्ते की मर्यादा को छिन्न-भिन्न करने वाला है। कोई भी मां बिना किसी भेदभाव के अनवरत् उन बच्चों को पहले नौ माह तक अपने गर्भ में और उसके बाद संसार में जीवित रखने हेतु संघर्षरत् रहती है। इसी कारण मां दुर्गा की आरती में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि पूत कपूत सुने हैं पर ना माता सुनी कुमाता। इस प्रकार अभियुक्त का अपराध केवल नवजात बच्चों के विरूद्ध किया गया अपराध नहीं है, अपितु यह अपराध संसार की समस्त माताओं के विरूद्ध किया गया अपराध है। निश्चित रूप से हस्तगत मामला विरल मामला है और अभियोजन ने उचित रूप से मृत्युदण्ड की मांग की है। लेकिन, इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि ऐसी क्या मजबूरी रही होगी कि एक मां ने अपने दो बच्चों को मारकर उनके शवों को जानवरों का निवाला बनाने फेंक दिया। अभियुक्त को निश्चित रूप से अपने कृत्य पर ग्लानि एवं पछतावा होगा। अभियुक्त को मृत्युदण्ड देना उसे ग्लानि एवं पछतावा की भावना से मुक्त करना होगा। हस्तगत प्रकरण में अपने ही बच्चों की हत्या का ग्लानिबोध रखते हुए शेष प्राकृतिक जीवन का कारावास, मृत्युदण्ड के दण्ड से अधिक कठोर है।

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यह है पूरा मामला

टीटी नगर (TT Nagar) इलाके से सितंबर, 2022 में दो जुड़वा बच्चे चोरी गए थे। उनके जनम 05 सितंबर को हुए थे। जुड़वा बच्चों के शव 11 नंबर स्थित एक स्कूल के पास खाली प्लॉट से कचरे के ढेर में मिले थे। यह बच्चे सपना धाकड़ की निशानदेही पर पुलिस ने बरामद किए थे। उसने बताया था कि आर्थिक रुप से कमजोर होने ओर जुड़वा बच्चो के पैदा होने पर पति कहता था कि इनको कैसै पालेगें। पति के तानो से गुस्से में आकर उसने बच्चों की हत्या कर दी। मूलत: बैरसिया की रहने वाली 27 वर्षीय सपना धाकड़ की शादी 2017 में कोलार गेस्ट हाउस के पास रहने वाले बृजमोहन धाकड़  (28) से हुई थी। उसकी तीन साल की एक बेटी पहले से थी। उसने पहले पुलिस को काफी गुमराह किया था। जब उससे सख्ती बरती तो उसने हत्या करना कबूला था।

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