MD Drugs Racket Exposed: इंटरपोल की मदद से दो महीने पूर्व ही प्रत्यर्पण करके दुबई से भारत आया था सलीम डोला, सूरत में हवाला रैकेट चलाने वाली महिला ने कबूला राज, विदिशा में रहने वाले आरोपी ने भोपाल के व्यक्ति के साथ मिलकर ली थी संपत्ति, गिरफ्तार सातों आरोपियों के मोबाइल में गुप्त बातचीत के कोडवर्ड का पता चला, मुंबई की कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया गया, एक दर्जन से अधिक संदेही डीआरआई की रडार पर, भिवंडी से भोपाल तक सुलझा रहे पूरा कनेक्शन

भोपाल/मुंबई/दिल्ली। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल को शांति का टापू कहा जाता है। लेकिन, पिछले एक दशक में यहां पाकिस्तान से आतंकी गतिविधि चलाने वाले डी कंपनी यानि दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) गिरोह का नेटवर्क भी सामने आ चुका है। ताजा खुलासा चौबीस घंटे पूर्व भोपाल के देहात क्षेत्र में स्थित ईटखेड़ी थाना क्षेत्र के जगदीशपुरा में मौजूद एमडी ड्रग्स (MD Drugs Racket) कारखाने के भंड़ाफोड़ से सामने आया है। मामले की जांच कर रही डीआरआई (DRI) को कई चौंका देने वाले खुलासे मिले हैं। इस गिरोह का मुख्य सरगना सलीम डोला है। जिसे दो महीना पूर्व ही दुबई से प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत लाया गया है।
तीन महीने पहले खरीदा मकान
जानकारी के अनुसार चार राज्यों के अलग-अलग शहरों में छापे मारे गए थे। इसमें मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) , महाराष्ट्र, गुजरात (Gujrat) और उत्तर प्रदेश का बांदा शहर भी था। इस पूरे नेटवर्क की चेन तब उजागर हुई जब जांच एजेंसियों को अशरफ रेन (Ashraf Ren) पकड़ में आया। उसके पास से रासायनिक पदार्थ की भारी खेप पकड़ाई थी। यह रासायनिक पदार्थ अमूमन एमडी ड्रग्स (MD Drugs) बनाने के काम आता है। इसलिए जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए थे। उससे हुई पूछताछ के बाद एक-एक करके पूरी परतें खुलती चली गई। उसने बताया कि वह माल उसे ट्रांसपोर्टर अजहरूद्दीन इदरीस (Azharuddin Idris) की मदद से मिलता था। वह भिवंडी से भोपाल में कच्चे माल को पहुंचाता था। भोपाल के ईटखेड़ी (Ithkhedi) स्थित जगदीशपुर (Jagdishpur) के पास मुल्ला कॉलोनी में रज्जाक खान (Razzaq Khan) ने मकान तीन महीने पहले ही खरीदा था। रज्जाक खान विदिशा (Vidisha) जिले का मूलत: रहने वाला है। यह मकान उसने अब्दुल फैसल कुरैशी (Abdul Faisal Qureshi) की मदद से खरीदा था। उसको भी इस अवैध कारखाने की भनक थी।
यह आरोपी किए गए हैं गिरफ्तार

डीआरआई (DRI) ने नासिक (Nasik) मेें रहने वाले प्रशांत थोरट (Prashant Thorat) को पकड़ रखा है। वह मूलत: मुंबई (Mumbai) शहर का रहने वाला है। प्रशांत थोरट कच्चा माल और रासायनिक पदार्थ अपने दोस्त वीरन शाह की मदद से ट्रांसपोर्टर अजहरुद्दीन इदरीस को पहुंचाता था। यह सारा लेन-देन हवाला के जरिए होता था। यह रकम सूरत (Surat) में रहने वाली महिला अंजली राजपूत (Anjli Rajput) लेती थी। वह रकम को दुबई (Dubai) में बैठे सलीम डोला (Saleem Dola) के नेटवर्क तक पहुंचाने का काम करती थी। सलीम डोला कुख्यात बदमाश है जिसे सीबीआई (CBI) ने नवंबर, 2024 मेें वांछित घोषित किया था। उसे इंटरपोल की मदद से यूएई में जून, 2025 में पकड़ा था। उसके भारतीय एजेंसियों में पकड़ाने के बाद अब उसके नेटवर्क को उसका बेटा संभाल रहा है। डीआरआई अभी तक प्रशांत थोरट, अजहरुद्दीन इदरीस, रज्जाक खान, अब्दुल फैसल कुरैशी, अंजली राजपूत, वीरन शाह और अशरफ रेन को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है।
दस महीने के भीतर में दूसरा कारखाना
राजस्व खुफिया निदेशालय यानि डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलीजेंस की एक संयुक्त ऑपरेशन में भोपाल में बन रही एमडी ड्रग्स की कारखाने में छापा मारा था। कारखाने से करीब 61 किलो से अधिक मेफेड्रोन (Mephedrone) नाम का ड्रग्स बरामद किया गया था। जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 92 करोड़ रूपए है। डीआरआई ने इस पूरे ऑपरेशन को ’क्रिस्टल’ नाम दिया था। इस गिरोह से संबंधित मध्यप्रदेश के भोपाल शहर के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश में छापा मारा गया था। छानबीन में अभी तक करीब साढ़े पांच सौ किलो वजनी कच्चा माल भी बरामद किया गया था। कच्चे माल में मेथिलिन डाइक्लोराइड, एसीटोन, मोनोमेथिलमाइन, हाइड्रो क्लोरिक एसिड के अलावा दो ब्रोमो बरामद हुए थे। इससे पहले दिल्ली (Delhi) और सूरत एटीएस ने कटारा हिल्स (Katara Hills) में भी एमडी ड्रग्स का कारखाना पकड़ा था।
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