MP Cop News: रामचरित मानस के बाद अब पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में गीता पढ़ाने का आदेश

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MP Cop News: एडीजी ने पुलिस विभाग के सभी आठ स्थानों पर शुरु किया नवाचार, मैदान में तैनाती से पूर्व भलाई और अनुशासित बनाने का लक्ष्य

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भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस विभाग की तरफ से कई तरह के नवाचार किए गए हैं। डायल-100 की व्यवस्था एमपी ने शुरु की थी। जिसको कई राज्यों ने अपनाया। अब एमपी पुलिस (MP Cop News) की तरफ से छह महीने के भीतर में प्रशिक्षण स्कूलों में दो आध्यात्मिक प्रयोग लागू करने का निर्णय लिया गया है। यह फैसला एडीजी राजाबाबू सिंह ने लिया है। उन्होंने पूर्व में रामचरित मानस के अध्ययन को शुरु किया था। अब उन्होंने ही गीता पढ़ाने के लिए भी अनिवार्य कर दिया है।

भगवत गीता हमारा शाश्वत ग्रंथ हैं

मध्यप्रदेश के अलग-अलग जिलों में आठ प्रशिक्षण स्कूल हैं। जिसमें सागर, पचमढ़ी और भोपाल सबसे ज्यादा प्रभावशील हैं। यहां होने वाले प्रयोगों को दूसरे पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में लागू किया जाता है। इनमें नवागत पुलिस आरक्षकों, उप निरीक्षकों समेत अन्य विभागीय प्रशिक्षण दिए जाते हैं। हथियार चलाने, सायबर क्राइम से निपटने, अपराध संहिताओं के अलावा सूचना संकलन के बारीकी पर ध्यान दिया जाता है। इसके साथ-साथ एडीजी ने 03 नवंबर को एडीजी राजाबाबू सिंह (ADG Rajababu Singh) ने गीता पाठ का अध्ययन कराने का निर्णय लिया है। इस वक्त पूरे प्रदेश की आठ पुलिस प्रशिक्षण अकादमी में चार हजार युवक-युवती पुलिस के मूलभूत अभ्यास में शामिल होकर दक्ष बनाए जा रहे हैं। एडीजी का कहना है कि भगवत गीता हमारा शाश्वत ग्रंथ हैं। इसके नियमित अध्ययन से प्रशिक्षण अवधि के दौरान आदर्श जीवन जीने में मदद मिलेगी। वह समाज में पुलिस विभाग की सकारात्मक छवि भी प्रस्तुत कर सकेगा। उल्लेखनीय है कि एडीजी प्रशिक्षण से पूर्व ग्वालियर (Gwalior) रेंज में तैनाती के दौरान भी यह प्रयोग किया था। इसके अलावा जेल विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने जेल विभाग में गीता बंदियों में बांटकर उसके अध्ययन कराने का काम कर चुके हैं।

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