MP BJP News: राजनीतिक हिंसा की पोस्टर गर्ल बनने के लिए तैयार युवती की स्टोरी

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MP BJP News: पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए लड़ने वाली महिला मोर्चा उपाध्यक्ष का पूरा परिवार आश्रम में रहने को मजबूर, दो राज्यों से निराशा हाथ लगने के बाद एमपी के आश्रम में डाला डेरा, अब तक किसी भी बड़े नेता ने परिवार की सुध नहीं ली, जबकि परिवार का राजनीतिक सहयोग करने के चलते सबकुछ बिक गया और आश्रम में रहने को हैं मजबूर, रंजना अब भी प्रधानमंत्री मोदी के समर्थन में चुनाव प्रचार करने के लिए हैं राजी, भाजपा संगठन के मंत्रियों, सांसदों और विधायकों को सुध ही नहीं

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भोपाल। पत्रकारिता किसी भी दल, व्यक्ति, जाति, रंग सोचकर नहीं की जाती। मुझे यह समाचार लिखते वक्त बहुत पीड़ा हो रही है। देश में अंधभक्त, गोदी मीडिया, यस—यस मीडिया, लुटियन मीडिया जैसे शब्दों को चिंतकों को बनाया। अफसोस इसके बावजूद आम नागरिकों की सेहत में कोई सुधार नहीं हैं। बहरहाल कार्यकर्ताओं (MP BJP News) के बूते कुर्सी और पॉवर पाने वाले राजनेता जरूर फलफूल रहे हैं। कुर्सी पाने के बाद नेता किसी तरह से पलटी मारते हैं यह उसकी ​जीवित कहानी है। हमारा मकसद किसी दल अथवा व्यक्ति की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं हैं। हम सिर्फ इतना बताना चाहते हैं कि सिस्टम में क्या चल रहा है। यह घटना कई जगहों पर सामने आ चुकी है। हालांकि उसको तरजीह अब तक किसी ने नहीं दी। मामला पश्चिम बंगाल (West Bengal) से पलायन करके एक राज्य से दूसरे राज्य में भटक रहे परिवार से जुड़ा है। यह परिवार की बुरी दशा भारतीय जनता पार्टी का कट्टर समर्थक होने के कारण हुई है।

इस कारण भटकने को मजबूर हैं यह परिवार

भोपाल में सामाजिक कार्यकर्ता मोहन सोनी (Mohan Soni) के जरिए पीड़ित परिवार से मोबाइल फोन पर संपर्क किया जा सका। उन्होंने अपने घटनाक्रम से जुड़े कई सबूत हमें पेश भी किए। जिसको देखने के बाद बड़े अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि देश की एकमात्र सबसे ज्यादा कार्यकर्ता का दंभ भरने वाली राजनीतिक पार्टी के नेता के मामले को सरकार सुध नहीं ले रही। हालांकि इस बात का परिवार को कोई अफसोस नहीं है। यह कहते हुए पश्चिम बंगाल से पलायन करने वाली रंजीता प्रमाणिक (Ranjeeta Pramanik) ने बताई। उसने कहा कि वह बहुत खूब चित्रकारी करना जानती है। उसने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ योगी के भी पोट्रैट बनाए हैं। रंजीता    प्रमाणिक ने बताया वह नॉर्थ कोलकाता में भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष रही है। उसे भाजपा का करीबी होने का नुकसान उठाना पड़ा। भाई रंजन प्रमाणिक (Ranjan Pramanik) बजरंग दल का सक्रिय कार्यकर्ता था। अब दोनों भाई—बहन बूढ़ी मां प्रनोति प्रमाणिक और रॉबिन प्रमाणिक को लेकर भटकने को मजबूर हैं।

पश्चिम बंगाल की सीएम हुई एक्सपोज

रंजीता प्रमाणिक ने हिस्ट्री में ग्रेजुएट किया है। इसके अलावा अंग्रेजी स्पोकन भी जानती है। भाई इंग्लिश से ग्रेजुएट है। परिवार की स्थित कोरोना लॉक डाउन से बिगड़ी। उन्हें पश्चिम बंगाल में टीएमसी कार्यकर्ताओं ने कोई मदद नहीं की। क्योंकि परिवार भाजपा पार्टी (MP BJP News) की विचारधारा को समर्थन करता था। इस कारण पिता रॉबिन प्रमाणिक (Robin Pramanik) और भाई रंजन प्रमाणिक का स्वर्ण आभूषण बनाने का कारोबार ठप्प हो गया। रंजीता प्रमाणिक पर एसिड अटैक भी किया गया। जिसकी एफआईआर दर्ज कराने के बाद उसे समझौता करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने ही दबाव डाला। उसे और उसकी मां को बलात्कार करने की धमकी दी गई। इस भय में परिवार ने अगस्त, 2021 में पश्चिम बंगाल से पलायन कर लिया। बेहद संगीन इन आरोपों पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerjee) की छवि काफी धूमिल होती है। वे भी महिला हैं और दोनों महिलाओं के हालात देखने के बाद उनकी कुर्सी पाने की भूख की छवि बेनकाब होती है। मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक्सपोज हो रही है।

यूपी के सीएम भी नहीं मिले

रंजीता प्रमाणिक ने बताया कि पश्चिम बंगाल से पलायन करने के बाद वे सीधे जयपुर (Jaipur) गई। वहां उनका जमा पूंजी होने तक इलाज चला। फिर उसके बाद परिवार काशी में चला गया। यहां एनजीओ की मदद से उसका इलाज के साथ रहने को जगह मिली। फिर उसे यूपी में लखनउ में जाकर वहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से मुलाकात करने की सलाह दी गई। हालांकि यह संभव न हो सका। इस बीच उसको कई मीडिया चैनल ने कवर किया। फिर भी उसकी आवाज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और किसी भी बड़े भाजपा नेता तक नहीं पहुंच सकी। परिवार लखनउ से निकलकर वृंदावन चला गया। यहां उन्हें कथावाचक देवकीनंदन से जरूर मदद मिली। कुछ दिन भजन में जीवन बिताने के बाद परिवार मध्यप्रदेश आ गया। यहां बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) में भी जाकर उन्होंने माथा टेका। इसके बाद उज्जैन (Ujjain)  शहर में आ गई। अब परिवार उज्जैन शहर में अंकित ग्राम सेवाधाम (Ankit Gram Sewadham) में है। यहां के रास्ते रंजीता प्रमाणिक का सीआर हार्डी अस्पताल (Hardy Hospital) में इलाज चल रहा है।

उज्जैन में स्थित सीआर हार्डी अस्पताल में भर्ती रंजना प्रमाणिक ने द क्राइम इंफो के कहने पर यह वीडियो बनाकर भोपाल भेजा है। वे बातचीत करने की अवस्था में नहीं हैं। इसके बावजूद उन्होंने अपनी बात भाजपा नेताओं तक पहुंचाने की अपील की है। आपसे गुजारिश है निष्पक्ष और स्वतंत्र पत्रकारिता के लिए दलगत राजनीति से उठकर भाजपा नेताओं तक रंजना की आवाज पहुंचाने में मदद करें।

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मैं अगले साल मोदी के लिए प्रचार करूंगी

रंजीता प्रमाणिक, उसके भाई रंजन प्रमाणिक और माता—पिता का मोह अभी भी भाजपा के प्रति बरकरार है। उन्हें लगता है कि कभी किसी चैनल, न्यूज वेबसाइट अथवा सोशल मीडिया के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक उनकी बात जरूर पहुंचेगी। उस दिन शायद वे उनकी सुध ले और परिवार को उचित सम्मान और स्थान दिला दे। इतनी यातनाओं को झेलने के बावजूद रंजीता प्रमाणिक का कहना है कि वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री के समर्थन में जरूर प्रचार करेंगी। रंजीता प्रमाणिक टीएमसी (TMC)  कार्यकर्ताओं की तरफ से किए गए हमलों के कारण फिलहाल विकलांग हो गई हैं। उनके युवा अवस्था के चित्रों और मौजूदा हालात को देखने के बावजूद पार्टी के प्रति समर्पण भाव और निष्ठा आदर्श उदाहरण कही जा सकती है। वह कार्यकर्ता जिसने अपनी कुर्सी की बजाय नेताओं को जिताने के लिए पूरे परिवार ने सबकुछ खो दिया।

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