Bhopal News: पहले डॉक्टरों को लगा सांप ने काट लिया है लेकिन जब भाई ने पेंट की जेब खंगाली तो सुसाइड नोट से उजागर हुआ पूरा सच

भोपाल। संपत्ति विवाद के चलते एक व्यक्ति ने जहर खाकर आत्महत्या की थी। यह घटना एक पखवाड़े पूर्व भोपाल (Bhopal News) देहात क्षेत्र में स्थित बैरसिया इलाके में हुई थी। डॉक्टर सर्पदंश का मामला समझ रहे थे। लेकिन, जिस व्यक्ति को इलाज के लिए लाया गया उसकी पेंट की जेब की तलाशी में एक पत्र निकल आया। उसकी जांच और पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद अब पुलिस ने नौ आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का प्रकरण दर्ज कर लिया है। अभी आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
बेसुध हालात में खेत पर मिला था
बैरसिया (Berasia) थाना पुलिस के अनुसार घटना बैरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम हिंगौली में हुई है। यहां 07 जुलाई को चंद्रमोहन यादव (Chandra Mohan Yadav) पिता पहलवान सिंह यादव उम्र 42 साल बेसुध हालात में खेत पर मिला था। उसे परिजन हमीदिया अस्पताल (Hamidia Hospital) ले गए थे। यहां इलाज के दौरान चंद्रमोहन यादव की मौत हो गई। बैरसिया पुलिस मर्ग 53/25 दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी। जांच एसआई हेमंत सिंह (SI Hemant Singh) के पास थी। उन्हें चंद्रमोहन यादव के भाई ने सुसाइड नोट जांच के लिए सौंपा था। पुलिस को पड़ताल में मालूम हुआ कि मृतक के खिलाफ 2023 में बैरसिया थाने में ही मारपीट का प्रकरण दर्ज हुआ था। यह विवाद चचेरे भाईयों संजय यादव (Sanjay Yadav) और संतोष यादव (Santosh Yadav) के साथ चल रही थी। सुसाइड नोट में मृतक ने लिखा कि वह जब भी खेत में जाता था आरोपी मेड तोड़ने से लेकर कई तरह के व्यवधान उत्पन्न कर रहे थे। वहीं आरोपी चचेरे भाई हमले का बदला लेने की फिराक में रहते थे। इस काम में संतोष यादव का ससुर भारत सिंह यादव (Bharat Singh Yadav) , संतोष के तीन साले प्रशेन्द्र यादव(Prashendra Yadav) , संजीव यादव (Sanjeev Yadav) और सत्येंद्र यादव (Satyendra Yadav) मदद करते थे। इसके अलावा उसे प्रताड़ित करने में संजय और संतोष के तीन मामा महेंद्र यादव, बद्री यादव (Badri Yadav) और सुनील यादव (Sunil Yadav) भी सहयोग करते थे। आरोपी संजय यादव और संतोष यादव बैरसिया थाना क्षेत्र के ग्राम हिंगौलिया में रहते हैं। जबकि बाकी अन्य आरोपी विदिशा (Vidisha) जिले के शमशाबाद थाना क्षेत्र के अलग—अलग गांव में रहते हैं। आरोपियों को प्रकरण दर्ज होने की भनक लग गई थी। इसलिए वे अपने ठिकानों से फरार हो गए थे।
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