MP Drugs Mafia: देश में प्रतिबंधित मेफेड्रोन ड्रग्स बेच रहे थे, गुजरात और दिल्ली से आई टीम ने सात लोगों को दबोचा, कारखाने से 92 करोड़ रूपए की लागत से बने ड्रग्स को राजसात किया

भोपाल। डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलीजेंस (DRI) की एक संयुक्त ऑपरेशन में भोपाल (MP Drugs Mafia) शहर से बिक रही अवैध अमानक और प्रतिबंधित ड्रग्स निर्माण करने वाले कारखाने का भंड़ाफोड़ किया गया है। यहां से सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। कारखाने से करीब 61 किलो से अधिक मेफेड्रोन नाम का ड्रग्स बरामद किया गया है। जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 92 करोड़ रूपए है। इस कार्रवाई की भनक मध्यप्रदेश के कार्यालय को नहीं लग सकी। ऑपरेशन में गुजरात और मुंबई शहर से आए अफसरों की टीम ने छानबीन करने के लिए लाया गया था।
हवाला कारोबारियों की मदद से पहुंचाई जाती थी रकम
डीआरआई (DRI) ने इस पूरे ऑपरेशन को ’क्रिस्टल’ नाम दिया था। इस गिरोह से संबंधित मध्यप्रदेश के भोपाल शहर के अलावा महाराष्ट्र, गुजरात (Gujrat) और उत्तर प्रदेश में छापा मारा गया था। भोपाल शहर में यह कार्रवाई ईटखेड़ी (Ithkhedi) थाना क्षेत्र स्थित इस्लाम नगर (Islam Nagar) के पास जगदीशपुर (Jagdishpur) के नजदीक अचारपुरा (Acharpura) में यह कारखाना संचालित था। डीआरआई को छानबीन में अभी तक करीब साढ़े पांच सौ किलो वजनी कच्चा माल भी बरामद किया गया है। बरामद कच्चे माल में मेथिलिन डाइक्लोराइड, एसीटोन, नोमेथिलमाइन, हाइड्रो क्लोरिक एसिड के अलावा दो ब्रोमो बरामद हुए है। यहां ड्रग्स (Drugs) को गोलियों की शक्ल में देने के लिए बकायदा यूनिट लगाया हुआ था। यह ड्रग्स उत्पादन में दो केमिस्ट की भूमिका सामने आई है। इस रैकेट से जुड़े गिरोह के मास्टर माइंड को उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से दबोचा गया है। उसके पास मुंबई (Mumbai) से कच्चा माल जुटाकर भोपाल में स्थित कारखाने तक पहुंचाना होता था। माल सप्लाई में भूमिका निभाने वाले कुछ संदेहियों से भी पूछताछ की जा रही है। यह कच्चा माल सप्लाई करने के बाद संबंधित फर्म को पैसा हवाला के जरिए पहुंचाया जा रहा था। यह रकम मुंबई और गुजरात के सूरत में हवाला कारोबारियों की मदद से पहुंचाई जाती थी। डीआरआई ने कच्चे माल का परिवहन करने वाली ट्रांसपोर्ट कंपनी के संचालक को भी दबोचा है। वह ई-वे बिल्टी में दूसरा माल दिखाकर कच्चा माल ड्रग्स बनाने वाला सामान पहुंचाने का काम कर रहा था। डीआरआई ने भोपाल के अलावा सूरत (Surat) शहर से भी गिरफ्तारी की है। बताया जा रहा है कि यह हवाला कारोबारी है। यह पूरा नेटवर्क एक विदेशी व्यक्ति को माल सप्लाई करने का काम करता था। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चल रहे इस नेटवर्क की भनक किसी भी एजेंसी को नहीं थी। विदेश में बैठा मास्टर माइंड अभी भूमिगत हो गया है।
राजधानी में यह दूसरी ड्रग फैक्ट्री पकड़ाई
अचारपुरा में संचालित यह फैक्ट्री पहली नहीं है। इससे पहले गुजरात और दिल्ली एसटीएफ (STF) की टीम ने कटारा हिल्स (Katara Hills) में चल रही ड्रग्स की अवैध फैक्ट्री का खुलासा किया था। उस वक्त भी करोड़ों रुपए की ड्रग्स और कच्चा माल बरामद हुआ था। ताजा ड्रग्स मेफेड्रोन (Mephedrone) दिमाग पर सीधा असर डालता है। इसके सेवन के बाद मस्तिष्क में विपरीत असर पड़ता है। जिस कारण 1985 में इसके गुण और दुष्प्रभाव को देखते हुए इसे प्रतिबंधित दवाओं की श्रेणी में डाल दिया गया था। इस ड्रग्स को लेने के बाद कोकीन जैसा ही नशा करने का अहसास होता है। उल्लेखनीय है कि एक साल के भीतर में डीआरआई ने यह छठा कारखाना पकड़ा है। इसमें से दो कारखाने भोपाल शहर में अवैध तरीके से चल रहे थे। डीआरआई की तरफ से जिन सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है उनके नाम और जानकारी सार्वजनिक अभी नहीं की गई है।
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