BMC News: नगर के निगम अफसर बोले ‘उन्हें हैंड ओवर कब किया’, खेल विभाग के अफसरों का दावा ‘कमरे में सारा सामान सुरक्षित चाबी निगम के पास’, जबकि मैदान में मौजूद है दोनों विभागों केे बीच फैली हुई तीसरी कहानी

भोपाल। राजधानी में फरवरी—2025 को जीआईएस समिट हुआ। इसमें दुनियाभर से सैंकड़ों कारोबारी आए थे। उन्हें शहर को खुबसूरत दिखाने जगह—जगह चौराहें पर फाउंटेंन लगाए गए थे। लेकिन, इसी शहर में लगे फव्वारे को लगाने की सुध भोपाल नगर निगम (BMC News) को नहीं आई। दरअसल, उसकी भी वजह निकलकर अब सामने आ रही है। बीएमसी ने अब करोड़ों रुपए के उस फव्वारे को खेल विभाग को सौंप दिया है। यह अब तालाब के तल पर नहीं दिखता। खबर है कि कुछ दिन पूर्व यह रहस्यमय तरीके से शहर में यहां—वहां चलकर फिर एक कमरे में जमा किया गया है।
फव्वारा हुआ कबाड़ में तब्दील
यह फव्वारा तलैया (Tallaiya) से जहांगीराबाद (Jahangirabad) के बीच स्थित छोटी झील पर निर्मित नीलम पार्क (Neelam Park) में लगाया गया था। इसके उदघाटन के अवसर पर राजधानी को स्वच्छता की मिसाल में अग्रणी करने की पहल बताते हुए उसका काफी प्रचार उस वक्त शहर के नेताओं ने किया था। अब उन्हीं नेताओं के उसके वजूद को लेकर कोई फिक्र ही नहीं हैं। जनता के टैक्स की रकम से खरीदे गए इस लाखों रुपए के फव्वारा (Musical Fountain) कब कबाड़ में तब्दील हो गया उसकी जानकारी भी दो विभागों केे किसी भी अफसर को आधिकारिक रुप से नहीं हैं। जब यह शुरु हुआ था तब कुछ महीनों तक नीलम पार्क के पास ट्रैफिक जाम होने जैसे हालात भी बने थे। उसे जनता ने सराहा था लेकिन उसे अपग्रेड करने या फिर उसमें हर दिन प्रयोग जैसे विकल्पों के अभाव में वह जंग का सामान बनकर रह गया।
यह है मैदानी सच्चाई जिसे अफसर दबा रहे हैं
खेल विभाग (Sports Department) के एक रिटायर्ड अफसर ने कुछ साल पहले अपनी सिक्योरिटी एजेंसी डाली है। इसी एजेंसी के पास नीलम पार्क (Neelam Park) के पास स्थापित खेल विभाग की गतिविधियों की निगरानी का जिम्मा है। यहां तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड ने पिछले दिनों ट्रक में म्यूजिकल फाउंटेंन से जुड़ा सामान लोड होते वीडियो (Video) बनाया था। यह वीडियो सिक्योरिटी गार्ड ने अपने सुपरवाइजर के जरिए एजेंसी के संचालक तक उसे पहुंचा दिया। क्योंकि एजेंसी के संचालक पूर्व ब्यूरोक्रेट हैं तो उन्होंने इस पूरे मामले को दबाने के लिए सिक्योरिटी गार्ड समेत अन्य स्थानों पर वायरल वीडियो को पहले डिलीट कराया। फिर मैजिक वाहन के जरिए उठाए गए लाखों रुपए के कीमती उपकरणों को वापस उसी स्थान रखा गया। यह सबकुछ बेहद गोपनीय तरीके से किया गया। जिसके बाद अफसर अपनी त्यौरियां चढ़ा रहे हैं। यह फैसला लेने वाले खेल विभाग के एक विवादित कोच हैं। जिनकी नौकरी लगभग खतरे में आ गई थी और उनकी हरकतों के चलते कई अधिकारियों की साख को बट्टा लगने वाला था।
फाउंटेंन लगाने से जुड़ी ऐतिहासिक जानकारियां
- पूर्व महापौर और मौजूद राज्य मंत्री कृष्णा गौर के कार्यकाल में इसे जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क में इंस्टॉल किया गया।
- भोपाल नगर निगम की तरफ से जारी टेंडर में बैंगलुरू की लेजर इवेंट्स प्रायवेट लिमिटेड को फाउंटेंन लगाने की जिम्मेदारी सौंपी।
- म्यूजिकल फाउंटेंन 2017 में करीब दो करोड़ रुपए की लागत से स्थापित किया गया।
- म्यूजिकल फाउंटेंन में 500 से अधिक दर्शकों के बैठक व्यवस्था के किए गए थे इंतजाम, धीरे—धीरे दर्शक घटे।
- फाउंटेंन इंस्टॉल करने वाली कंपनी को करना था तीन साल का रखरखाव, दो साल के भीतर में ही उसे बंद किया।
- पूर्व महापौर और मौजूदा सांसद आलोक शर्मा के कार्यकाल में इसे नगर निगम से लेकर खेल विभाग को सौंपने का निर्णय लिया गया।
सवाल—जवाब में एक—दूसरे के बयान को लेकर यह बोले अफसर
भोपाल नगर निगम (BMC News) के पास राजधानी के फव्वारा रखरखाव के बारे में विशेष योग्यता है। इसकी जिम्मेदारी झील संरक्षण प्रकोष्ठ के पास होती है। इसके पहले अधिकारी संतोष गुप्ता (Santosh Gupta) हुआ करते थे। अब उनकी जगह पर प्रभारी अधीक्षण यंत्री प्रमोद मालवीय (Pramod Malviya) है। उन्हें जब खेल विभाग के उत्तर से अवगत कराया गया तो वे बोले कि ‘मुझे यह जानकारी नहीं हैं कि उन्हें (खेल विभाग) हैंड ओवर (फाउंटेंन) हो गया है।’ इससे पहले फोन पर जिला खेल अधिकारी क्षिप्रा श्रीवास्तव (Shipra Shrivastav) से चर्चा की गई। उनसे पूछा गया कि यह अफवाह चल रही है कि नीलम पार्क के पास लगा फाउंटेन चोरी हो गया हैं। जिसको लेकर निगम की तरफ से कोई पत्राचार हुआ है? यह पूछने पर बताया गया कि ‘आपके पास गलत सूचना है, हमारे पास फाउंटेंन का सामान ही नहीं हैं, वो जिस कमरे में बंद हैं उसकी चाबी तो नगर निगम (Bhopal Nagar Nigam) के अधिकारियों के पास है।’
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