DEMONETIZATION EFFECT :  500-1000 रुपये के भारतीय नोटों से नेपाल परेशान, 3 साल में भी नहीं बदले गए 950 करोड़

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Demonetization Effect प्रदेश की यात्रा पर आए नेपाली राजदूत ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने का जताया भरोसा

कहा – किसी भी देश के विकास में वहां के नागरिक ही होते हैं सेतु
नेपाल का अगले साल पर्यटन वर्ष का लक्ष्य, भारत से 20 लाख पर्यटकों को पहुंचाने का टारगेट

भोपाल। भारत में नवम्बर, 2016 में हुई नोटबंदी (Demonetization Effect) का असर पड़ोसी देश नेपाल में आज भी बरकरार हैं। नेपाल सरकार को आज भी बंद हुए 500-1000 रुपये के नोटों को बदले जाने का इंतजार हैं। पिछले तीन सालों में नेपाल सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद उनकी बैंकों में जमा 950 करोड़ रुपए के नोट नहीं बदले गए हैं। भारत सरकार बंद हुए नोटों को एक्सचेंज करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रही हैं।
मध्यप्रदेश के दौरे पर आए नेपाली राजदूत नीलांबर आचार्य रविवार को भोपाल में थे। जहां नेपाली दूतावास के एक कार्यक्रम में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने नोटबंदी (Demonetization Effect) का जिक्र किया। पांच सौ और एक हजार रुपये के नोट बंद किए जाने की वजह से नेपाल को हुए नुकसान पर उनका दर्द (Demonetization Effect) उभरकर सामने तो आया लेकिन वे खुलकर भारत सरकार के खिलाफ बोल नहीं पाए। उन्होंने कहा कि नेपाल सरकार ने अपने स्तर पर हर तरह की पहल कर ली है। इस मामले में भारत को निर्णय लेना हैं। भारत के दो हजार और पांच सौ रुपए के प्रतिबंध (Demonetization Effect) पर राजदूत श्री नीलांबर आचार्य ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच हुई बातचीत के बाद फैसला लिया गया है।

सुनिए बातचीत के अंश

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उन्होंने कहा कि नेपाल और भारत के रिश्ते ऐतिहासिक हैं और वह रहेंगे। इन दोनों देशों के रिश्तों की तुलना (Demonetization Effect) किसी भी देश से नहीं की जा सकती। राजदूत नीलांबर आचार्य नेपाल में पूर्व सरकार में कानून मंत्री रहे हैं। इसके अलावा नीलांबर आचार्य का नेपाली संविधान निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं। उनकी भारत में नेपाली राजदूत के लिए नियुक्ति इसी साल हुई है। उनके साथ दूतावास का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के दौरे पर हैं। इसमें नेपाल प्रशासनिक सेवा के अफसर और दूतावास में वित्तीय मामलों के जानकार कृष्ण हरि पुष्कर, काउंसलर तीर्थ पौडेल, राजदूत की पत्नी के अलावा प्रतिनिधि मंडल में अन्य लोग भी शामिल थे। कार्यक्रम का आयोजन कोलार स्थित होटल वेस्टर्न में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश में रहने वाले वे नेपाली नागरिक आमंत्रित थे जो व्यापार या दूसरे सामाजिक सरोकारों से मध्यप्रदेश में जुड़े हुए हैं।

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Demonetization Effectकार्यक्रम का आयोजन नेपाली दूतावास की तरफ से किया गया था। इस कार्यक्रम को धरातल पर पहुंचाने के लिए एवरेस्ट चैंबर्स ऑफ कॉमर्स मध्यप्रदेश यूनिट का सबसे बड़ा योगदान रहा। फिलहाल इसके अध्यक्ष गणेश पांडे हैं। मंच का संचालन डोलराज भंडारी ने किया। कार्यक्रम में बोलते हुए नीलांबर आचार्य ने कहा कि किसी भी देश की (Demonetization Effect) प्रगति का माध्यम वहां का नागरिक ही होता है। सेतु की तरह काम करने वाले नागरिक के लिए ही देश की सरकार, दूतावास और प्रशासन होता हैं।

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भारत के रिश्तों की तुलना दूसरे देशों से नहीं की जा सकती
आचार्य ने कहा कि दोनों देशों की संस्कृति और आध्यात्मिक रिश्ते भी मेल खाते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Demonetization Effect) को मजबूत जनाधार मिला है। इससे नेपाल की अपेक्षाएं भी बढ़ गई हैं। कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नेपाल में काम चल रहा है। हवाई, परिवहन, जल मार्ग के अलावा रेल यातायात विस्तार पर नेपाल सरकार बहुत तेजी से काम कर रही हैं। नेपाल और चीन के रिश्ते अलग है लेकिन, भारत से संबंध और अधिक बढ़ रहे हैं। नेपाल कई देशों से रिश्ते बनाता हैं। पर हमारी सरकार और देश भारत को पहले प्राथमिकता देती है। नेपाल, भारत का बहुत अच्छा पड़ोसी देश हैं। मैं आपसे हिन्दी में बात कर रहा हूं। आपकी संस्कृति हमारी संस्कृति से मेलजोल खाती है। पाकिस्तान भी देश है और सार्क देश का अंग भी हैं। लेकिन, भारत के रिश्तों की पाकिस्तान से तुलना किया जाना न्यायोचित नहीं हैं।

मध्यप्रदेश को दो लाख का लक्ष्य
कृष्ण हरि पुष्कर ने नेपाली सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अब भारत की तरह नेपाल में भी स्थायी और मजबूत सरकार हैं। नेपाली सरकार ने अपनी नीतियों और कराधान की नीतियों (Demonetization Effect) को बेहद लचीला कर दिया है। नेपाल में इस वक्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, यातायात, बिजली समेत 10 सेक्टरों में काम करने का बेहतर अवसर हैं। अगले साल 2020 में नेपाली सरकार ने पर्यटन वर्ष मनाने का लक्ष्य रखा हैं। पुष्कर ने मध्यप्रदेश में रहने वाले नागरिकों से अपील की कि नेपाल में जानकी मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर, हिमालय समेत कई अन्य पर्यटक स्थल हैं। दूतावास चाहता है कि नेपाली नागरिक मध्यप्रदेश से करीब दो लाख पर्यटकों को नेपाल में पहुंचाए। उन्होंने नेपाली दूतावास का नम्बर 8929601925 देते हुए बताया कि इस नंबर में नेपाली छात्र, रोजगार की तलाश में आए या फिर किसी अन्य संकट में फंसा व्यक्ति मदद ले सकता है। यह सेवा चौबीस घंटे सातों दिन चालू रहती है। उन्होंने बताया कि नेपाली सरकार अब दलाली और एजेंट व्यवस्था को खत्म करना चाहती है। इसलिए वह दूतावास के माध्यम से सीधे लोगों से मुलाकात करके उनके बीच जाने का प्रयास कर रही है।

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Demonetization Effectव्यापारियों ने रखी समस्याएं
नेपाली व्यापारी और नागरिकों ने राजदूत के सामने खुले सत्र के माध्यम से अपनी समस्याएं रखी। इसमें प्रमुख रूप से भारत से नेपाल में किए जाने वाले टेलीफोन की कॉल दरों को लेकर थी। इसके अलावा भोपाल-इंदौर को जोड़ते हुए सीधे रेल यातायात की सुविधा को लेकर समस्या रखी गई। भारत के रास्ते नेपाली लड़कियों की तस्करी, सीमा पर असुविधा, श्रमिकों के पेंशन, वित्तीय लेन-देन में समस्या समेत कई अन्य मुद्दे राजदूत के सामने रखे गए। जिसके समाधान क ेलिए उन्होंने आश्वस्त किया।

भोपाली-नेपाली में कोई अंतर नहीं
कार्यक्रम में पहुंचे जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि भोपाली और नेपाली में कोई अंतर महसूस नहीं होता। उन्होंने कहा कि नेपाली समाज मेरे प्रदेश में कभी भी अकेला महसूस नहीं कर सकता। प्रदेश के विकास में नेपाली समाज का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पीसी शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश के किसानों का कर्जा माफ हमारी सरकार ने किया है। हमारे मुख्यमंत्री कमलनाथ जानते हैं कि निवेश कितना आवश्यक हैं। इसलिए सरकार को यदि नेपाल में कोई बेहतर मौका मिलेगा तो निवेश के लिए जरूर पहल की जाएगी। राजदूत कोलार स्थित कार्यक्रम के बाद शौर्य स्मारक का भ्रमण करने भी गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री निवास में कमलनाथ से मुलाकात का कार्यक्रम भी आरक्षित था। आचार्य ने गोविंदपुरा स्थित श्री पशुपतिनाथ नेपाली समाज मंदिर का भी भ्रमण किया।

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