MP Political News: भोपाल मध्य विधायक आरिफ मसूद जालसाजी के मामले में फंसे

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MP Political News: हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा विभाग की चुप्पी पर सवाल खड़े करते हुए प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए,
तीन दिन में कार्रवाई करके आज रिपोर्ट पेश करने दिया था आदेश, फर्जी विक्रय अनुबंध पत्र बनाकर राजस्व विभाग को सौंपी थी सॉल्वेंसी

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सांकेतिक ग्राफिक डिजाइन टीसीआई

भोपाल। राजधानी भोपाल में चल रहे राजनीतिक खींचातानी के बीच मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद के खिलाफ भोपाल (MP Political News) शहर की कोहेफिजा थाना पुलिस ने जालसाजी और दस्तावेजों की कूटरचना कर उसे इस्तेमाल करने का प्रकरण दर्ज कर लिया है। यह आदेश मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायाधीश अतुल श्रीधरन की युगल पीठ ने जारी किया था। न्यायालय ने भोपाल पुलिस कमिश्रर हरिनारायण चारी मिश्र (CP Harinarayan Chari Mishra) को इसके लिए तीन दिन की मोहलत भी दी थी। न्यायालय ने यह भी आदेश दिया था कि प्रदेश सरकार एडीजी टेलीकॉम संजीव शमी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम बनाकर तीन महीने के भीतर पूरी जांच रिपोर्ट न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें।

उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों की भूमिका संदिग्ध

जानकारी के अनुसार यह आदेश हाईकोर्ट (High Court)  की तरफ से 18 अगस्त को दिया गया था। यह आदेश पुलिस कमिश्नर के पास 19 अगस्त की सुबह पहुंच गया था। जिसके बाद डीसीपी सेंट्रल रियाज इकबाल (DCP Riyaz Iqbal) ने कोहेफिजा (Kohefiza) थाना प्रभारी कृष्ण गोपाल शुक्ला (TI Krishna Gopal Shukla) को प्रकरण दर्ज करने के आदेश दिए। यह प्रकरण 19 अगस्त की शाम को दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में धारा 420/467/468/471/120-बी लगाई है। यह प्रकरण हाईकोर्ट में दाखिल रिट पिटीशन 21879/25 की सुनवाई के बाद दर्ज किया गया है। इसमें इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज बनाम मध्यप्रदेश शासन के खिलाफ लगाया गया था। याचिका दाखिल करने वाले आवेदक ने दस्तावेज के साथ मध्यप्रदेश उच्च शिक्षा विभाग (Madhya Pradesh Higher Education Department) के अफसरों की भूमिका संदिग्ध बताई थी। यदि प्रकरण में जांच हुई तो उच्च शिक्षा विभाग के कई तत्कालीन अफसर इस मामले में सह अभियुक्त बनना तय हैं। किस अफसर की क्या भूमिका थी और क्या नहीं किया गया इस संबंध में प्रतिवेदन एडीजी संजीव शमी बनाकर हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। जिसके लिए न्यायालय की तरफ से तीन महीने की अवधि तय की गई है।

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यह है पूरा मामला जिसमें विधायक और उनकी पत्नी भी फंसी

मध्य विधानसभा से विधायक आरिफ मसूद (MLA Arif Masood) का कोहेफिजा थाना क्षेत्र स्थित खानूगांव में इंदिरा प्रियदर्शिनी कॉलेज (Indira Priyadarshini College) है। इसमें कई तरह के पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं। ऐसा करने के लिए सरकार के तय मापदंडों के अनुसार साल्वेंसी लेना अनिवार्य हैं। ऐसा करने के लिए उन्होंने पहले अमन एजुकेशनल सोसायटी (Aman Educational Society) के वह सचिव बने। इससे पहले पत्नी रूबीना मसूद (Rubina Masood) का नाम हटाया गया। यह सबकुछ विक्रय पत्र के जरिए किया गया। लेकिन, यह विक्रय पत्र शाहजहांनाबाद (Shahjahanabad) स्थित पंजीयक कार्यालय (Registrar’s Office) में पंजीकृत नहीं कराया गया। इसके बाद एक फर्जी विक्रय पत्र बनाकर राजस्व विभाग में पेश करके साल्वेंसी जमा कराई गई। न्यायालय ने पाया कि इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने गड़बड़ी पकडऩे के बावजूद किसी तरह का प्रकरण दर्ज नहीं कराया। जिस जमीन पर कॉलेज संचालित करना बताया गया वह खसरा नंबर 26 में स्थित है। जिसका रकबा 2.83 एकड़ है। इस जमीन को लीज डीड पर लेना बताया। लेकिन, साल्वेंसी लेने के लिए जमीन मालिक होना जरुरी था। मान्यता लेने के लिए अक्टूबर, 1999 में फर्जी विक्रय अनुबंध पत्र बनाया गया।

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